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बेनकाब हुआ मित्र पुलिस का चेहरा,बेटी की मौत की FIR लिखाने 4 माह से चक्कर काट रहा बाप

sudhanshu
Published on: 5 Oct 2018 1:35 PM GMT
बेनकाब हुआ मित्र पुलिस का चेहरा,बेटी की मौत की FIR लिखाने 4 माह से चक्कर काट रहा बाप
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सुल्तानपुर: मित्र पुलिस का चेहरा फिर बेनकाब हुआ है। संदिग्ध परिस्थितियों में बेटी की मौत के मामले को लेकर परिजन चार माह से कार्यवाही के लिये थाने का चक्कर काट रहे हैं, लेकिन योगी जी की यह पुलिस परिजनों को फटकार कर भगा दे रही है। निराश परिजनों ने पुलिस ऑफिस पहुँच कर एएसपी से मिलकर न्याय की गुहार लगाया है। मामला गोसाईगंज थाने के मगनगंज गांव का है। गांव निवासी सगीर की 13 वर्षीय पुत्री शबाना का शव उसके ही घर में बीते 11 जुलाई को फांसी के फंदे से लटकता हुआ मिला था। परिजनों ने मामले की सूचना स्थानीय पुलिस को दिया था, मौके पर पुलिस तो पहुंची थी लेकिन परिजनों की तहरीर पर चार माह बाद भी मुकदमा पंजीकृत नही किया गया।

केस नंबर 1

मृतका शबाना के पिता सगीर के शिकायती पत्र में है कि शबाना को गांव का लड़का बबलू परेशान किया करता था, परिजनों की शिकायत पर बबलू के घर वाले फौजदारी करने के लिये खड़े हो जाते थे। बीते 10 जुलाई को सगीर की पत्नी की तबियत खराब हो गई थी, जिसको लेकर वह एक नर्सिग होम गये हुए थे और घर में शबाना अकेली थी। जब दूसरे दिन सगीर अपनी पत्नी को लेकर घर पहुंचे तो शबाना का शरीर घर की छत से लटकता हुआ मिला। जिसकी सूचना परिजनों ने स्थानीय थाने को दिया मौके पर पहुँची पुलिस ने शव को दफन करा दिया। मृतका शबाना के पिता ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि स्थानीय पुलिस अभियुक्तो के साथ मिली हुई है जिसके चलते दूसरे दिन मुझे थाने पर बुलाया गया और बेटी की मोबाइल को सबूत के तौर पर मांगा गया। तहरीर के साथ पुलिस को मोबाइल दिया लेकिन कार्यवाही करने के बजाय थाने से भगा दिया गया। चार माह प्रयास करने के बाद जब पुलिस ने मामले की एफआईआर नही दर्ज किया तो पुलिस कार्यालय आकर एएसपी से मिलकर न्याय की फारियाद किया है।

केस नंबर 2

इस थाने की पुलिस अक्सर ऐसा बर्ताव फरियादियो के साथ करती रहती है। ऐसा ही एक और मामला गोसाईगंज थाने के करखुरा गांव का है, जहाँ के रहने वाली इंद्रावती पत्नी बसन्त कुमार ने पुलिस कप्तान को शिकायत पत्र देकर न्याय की फरियाद किया है। बीते 29 सितम्बर को सुबह गांव के ही रहने वाले राम देव, मीरा पत्नी रामदेव व प्रदीप ,जगमता लाठी डंडो से लैस होकर घर मे घुस गए और हमला बोल दिया। जिसमें इंद्रावती गम्भीर रूप से घायल हो गयी जान बचाने के लिये इंद्रावती ने डायल 100 पर फोन किया था पुलिस आई आरोपियों को लेकर थाने ले गई इंद्रावती भी थाने पहुंची तो पुलिस ने आरोपियों को छोड़ दिया। जब इंद्रावती घर पहुंची तो उक्त लोगो ने फिर पीड़िता के घर पर धावा बोला और उसको लहूलुहान कर दिया। गांव के लोग जब मौके पर पहुंचे तो उक्त लोग भाग गए। इंद्रावती का आरोप है कि जब वह चौकी पहुंची तो चौकी पर मौजूद पुलिस वालों ने डॉट कर भगा दिया, निराश इंद्रवती इलाज के लिये जिला चिकित्सालय आई जहाँ अपना इलाज करवाया। इंद्रावती ने गोसाईगंज थाने की पुलिस पर आरोप लगाते हुय पुलिस कप्तान से शिकायत किया है कि उक्त लोग मादक पदार्थ का अवैध धंधा करते हैं। जो उक्त थाने की पुलिस को मोटी रकम देते है जिसके चलते थाने की पुलिस कोई कार्यवाही नही करना चाहती।

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