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आईएएस एसोसिएशन में हुए दो फाड़, प्रोन्नत आईएएस मंच नामक नया संगठन बना

लखनऊ। प्रोन्नत आईएएस अधिकारियों और डायरेक्ट आईएएस अधिकारियों के बीच चली आ रही कई वर्षो की कडुवाहट मंगलवार को खुलकर सामने आ गयी जब पीसीएस से आईएएस बने अधिकारियों ने अपना एक नया संगठन बना लिया इसका नाम प्रोन्नत आईएएस मंच रखा गया है।

राम केवी
Published on: 5 March 2019 4:30 PM GMT
आईएएस एसोसिएशन में हुए दो फाड़, प्रोन्नत आईएएस मंच नामक नया संगठन बना
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श्रीधर अग्निहोत्री / धनञ्जय सिंह

लखनऊ। प्रोन्नत आईएएस अधिकारियों और डायरेक्ट आईएएस अधिकारियों के बीच चली आ रही कई वर्षो की कडुवाहट मंगलवार को खुलकर सामने आ गयी जब पीसीएस से आईएएस बने अधिकारियों ने अपना एक नया संगठन बना लिया। इसका नाम प्रोन्नत आईएएस मंच रखा गया है। मंच का गठन होने के बाद ही इसके पदाधिकारियों की भी घोषणा कर दी गयी।

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ब्यूरोक्रेसी में पिछले कई वर्षाे से आईएएस अधिकारियों और प्रमोटी आईएएस अधिकारियों के बीच मनमुटाव की बातों का सामने आना कोई नई बात नहीं है। अक्सर पद को लेकर भी मनमुटाव और आरोप प्रत्यारोपों की बाते दबी जुबान से सुनने को मिलती रही है। कई बार कहा गया कि प्रोन्नत आईएएस अधिकारियों को आईएएस काडर की तरफ से हमेशा हल्का दिखाने की कोशिशें की जाती है। यह कसक बसपा और सपा सरकार में खूब देखने को मिली।

यही कारण है क़ि गैर संवर्ग और जिलों में प्रोन्नत आईएएस अधिकारियों के तैनाती को लेकर खूब खींचतान हुई। और तब से लगातार चली आ रही खीचतान चरम पर मंगलवार को पहुंच गयी जिसके चलते पीसीएस से प्रोन्नत आईएएस अधिकारियों ने काडर में भेदभाव का आरोप लगाते नए एसोसिएशन का गठन कर लिया। एसोसिएशन का नाम उत्तर प्रदेश प्रोन्नत आईएएस मंच होगा, जो प्रोन्नत आईएएस अधिकारियों के आवाज उठाने का फोरम होगा।

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पीसीएस से आईएएस बने एक अधिकारी ने बताया कि बहुत लम्बे समय से सीधे आईएएस और प्रोन्नत आईएएस के बीच दूरियां रही हैं। शिकायतें आम थीं कि सीधी भर्ती से आईएएस बने अधिकारी प्रोन्नत आईएएस को पीसीएस अधिकारी ही समझते थे। आईएएस एसोसिएशन के कार्यक्रमों में भी प्रोन्नत आईएएस को तवज्जो नहीं दी जाती थी। विभिन्न कार्यक्रमों में भी प्रोन्नत आईएएस और उनके परिवार जन पीछे की पंक्ति में बैठे दिखते थे। उनकी तैनाती भी महत्वपूर्ण विभागों में नहीं की जाती थी। 2008 में तो आईएएस अधिकारियों की एसोसिएशन में मतभेद तब और उभरे जब उनके संवर्ग के किसी अधिकारी को कैबिनेट सचिव न बनाकर सरकार ने गैर संवर्गीय अधिकारी शशांक शेखर सिंह की ताजपोशी कर दी थी। इस फैसले का जमकर विरोध हुआ था। यहां तक कि आईएएस दो लॉबी में बंट गयी थी। एक बसपा सरकार समर्थित तो दूसरी सरकार विरोधी बन गयी थी। इसके बाद जब प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार बनी तो दोनो संगठन एक हो गए थें। लेकिन इसके बाद इसका स्वरूप् आज एक बार फिर बदल गया और प्रोन्नत आईएएस अधिकारियों का एक नया संगठन तैयार हो गया।

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उत्तर प्रदेश प्रोन्नत आईएएस मंच के संयोजक/महासचिव उमेश प्रताप सिंह ने कहा कि काडर द्वारा काफी दिनों से भेदभाव किया जा रहा था। काडर के अधिकारियों द्वारा प्रोन्नत अधिकारियों की समस्याओ पर कोई बात नहीं की जाती थी और न ही उनको सम्मान दिया जाता था। हम लोगों ने काडर के अपमानजनक व्यवहार को लेकर मंच को तैयार किया गया है , जिसकी न मांग है कोई न ही सरकार से कोई शिकयत। इस फोरम के माध्यम से मुख्यसचिव और मुख्यमंत्री से मिल कर समस्याओ को निपटाया जायेगा। अभी तक काडर के माध्यम से उनकी समस्याओं पर कोई सुनवाई नहीं होती थी ।

पदाधिकारियों को मिली जिम्मेदारी

उत्तर प्रदेश प्रोन्नत आईएएस मंच का अध्यक्ष जिलाधिकारी ललितपुर मानवेन्द्र सिंह, उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी नगर आयुक्त गाजियाबाद दिनेश चंद्र, विशेष सचिव श्रम अवनीश कुमार शर्मा और आर एफ सी मुरादाबाद मनोज कुमार को दी गयी है। संयोजक/महासचिव निदेशक सूडा उमेश प्रताप सिंह और संयुक्त सचिव आर पी सिंह विशेष सचिव गृह, अब्दुल समद निदेशक मध्यान्ह भोजन और श्रीहरि प्रताप शाही को बनाया गया है।

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