×

शुरू हो चुका है होलाष्टक, भूल कर भी न करें ये काम

Admin
Published on: 18 March 2016 6:12 AM GMT
शुरू हो चुका है होलाष्टक, भूल कर भी न करें ये काम
X

पं.सागरजी महाराज पं.सागरजी महाराज

लखनऊ: होली में अब कुछ दिन ही शेष रह गया है और इसी के साथ होलाष्टक प्रारंभ हो गया है। पौराणिक मान्यता के अनुसार होलाष्टक मतलब होली खेलने तक कुछ कामों को नहीं करना चाहिए। इन्हें करने से मनुष्य को नुकसान का सामना करना पड़ता है। पर्व से पहले 8 दिनों के लिए सभी तरह के संस्कार पूरी तरह से बंद हो जाते हैं।

क्या है होलाष्टक?

होलाष्टक के समय 16 संस्कारों में से किसी भी संस्कार को नहीं किया जाता है, यहां तक की अंतिम संस्कार करने से पूर्व भी शांति कार्य किये जाते है। इस अवधि को शुभ नहीं माना जाता है। होलाष्टक मुख्य रुप से उत्तर भारत में मनाया जाता है। इस दौरान कुछ ऐसे कार्य है जिन्हें नहीं किया जाता है। साल 2016 में ये निषेध अवधि16 मार्च, 2016 से 23 मार्च, 2016 के मध्य की अवधि होलाष्टक है, होलाष्टक के दिन से ही होली उत्सव के साथ-साथ होलिका दहन की तैयारियां भी शुरू हो जाती है।

holastak

ज्योतिषाचार्य सागरजी महाराज ने बताया कि फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से लेकर पूर्णिमा तक होलाष्टक रहता है। होलाष्टक के विषय में ये माना जाता है कि ।

इसके कारण प्रकृति में खुशी और उत्सव का माहौल रहता है। होलिका पूजन करने के लिए होली से आठ दिन पहले होलिका दहन वाले स्थान को गंगाजल से शुद्ध कर उसमें सूखे उपले, सूखी लकड़ी और होली का डंडा स्थापित कर दिया जाता है। जिस दिन ये कार्य किया जाता है, उस दिन को होलाष्टक प्रारंभ का दिन भी कहा जाता है।

holi

इससे जुड़ी मान्यताओं को भारत के कुछ भागों में ही माना जाता है। इसका सबसे ज्यादा प्रभाव पंजाब में देखने को मिलता है।इसे उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, तमिलनाडू, गुजरात, महाराष्ट्र, उड़ीसा, गोवा आदि में अलग ढंग से मनाया जाता है।

Admin

Admin

Next Story