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क्यों भुला दिया मुद्दा भ्रष्टाचार का?

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Published on: 12 Nov 2016 8:59 AM GMT
क्यों भुला दिया मुद्दा भ्रष्टाचार का?
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प्रवक्ता विहीन समाजवादी पार्टी, निष्कासित नेताओं से काम चला रहें खबरिया चैनल

संजय भटनागर संजय भटनागर

चीफ मिनिस्टर अखिलेश यादव जी,

आपसे कुछ कहने से पहले मैं यह स्वीकारोक्ति कर लूं कि आप उत्तर प्रदेश के सर्वाधिक लोकप्रिय मुख्यमंत्रियों में से एक हैं। आप के युवा तेवर लोगों में कौतूहल और उम्मीद, दोनों का सबब रहे हैं। आप विकास और काम का दावा करते हैं। आप दावा करते हैं कि चुनाव घोषणापत्र में किए गए लगभग सभी वादे आपने पूरे कर दिए, जो आंशिक रूप से सत्य भी है।

मैं आपका ध्यान आप ही के घोषणा पत्र की ओर दिलाना चाहता हूं जो आपने २०१२ के विधान सभा चुनाव की घोषणा के बाद जनवरी, २०१२ में जारी किया था। इसमें एक वादा ऐसा भी था जिसे पूरा करने और उसका प्रचार करने में आपने कोई रुचि नहीं दिखाई जो आश्चर्यजनक है। मैं आपका ध्यान आपकी समाजवादी पार्टी के चुनाव घोषणा पत्र के पृष्ठ २० और २१ के उस भाग की तरफ दिलाना चाहता हूं जिसमें आपने भ्रष्टाचार के खिलाफ बात कही थी।

घोषणा पत्र के उस भाग में लिखा था, ''भ्रष्टाचार ने पूरे प्रदेश को बर्बाद कर दिया है। सरकारी धन का बेशर्मी से दुरुपयोग किया गया है। प्रदेश में विकास की गाड़ी अवरुद्ध हो गयी है। पिछले पांच वर्षों में भ्रष्टाचार में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हुई है। भ्रष्टाचार पर दृढ़संकल्प के साथ अंकुश लगाना होगा। पिछले पांच वर्षों में हुए भ्रष्टाचार की जांच एक आयोग के द्वारा कराई जाएगी जो निश्चित समय सीमा के अंदर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।

यही नहीं, मुख्यमंत्री जी आपने चुनाव घोषणापत्र में लोकायुक्त को मजबूत करने और आॢथक अनुसंधान शाखा को भी इसके सुपुर्द करने का वादा भी किया था।

माननीय मुख्यमंत्री जी, मेरा आपसे एक नम्र सवाल है कि आप इस विषय पर मौन क्यों हैं? आप समाजवादी पेंशन का जिक्र करते हैं, लायन सफारी की बात करते हैं,पत्थरों की बात करते हैं तो कभी 'बुआ' का जिक्र करके बात को हंसी में टाल जाते हैं।

आपने अपने कार्यकाल की हर उपलब्धि का बखान किया लेकिन भ्रष्टाचार पर आपका मौन तो चकित करने वाला है। लोकायुक्त की कितनी सिफारिशों पर कितनी कार्रवाई हुई इस पर कोई चर्चा नहीं। साढ़े चार सालों में मुझे नहीं याद पड़ता कि किसी अधिकारी को भ्रष्टाचार की सजा मिली हो या आपने किसी तरह की कोई चेतावनी दी हो। अब ऐसा भी नहीं है कि आपकी सरकार बिलकुल ही ईमानदार है। इस बारे में आपको जितनी जानकारी है उतनी जनता को भी है। लेकिन आपकी प्रभावी कार्रवाई उनकी नजरों में आपको कहां से कहां पहुंचा देती।

मुख्यमंत्री जी, मैं यह मुद्दा इसलिए उठा रहा हूं क्योंकि आपने चुनाव घोषणापत्र में यह भी लिखा था - ''हमारी सरकार लोकसेवकों के बीच से भ्रष्टाचार के संपूर्ण विनाश के लिए कटिबद्ध होगी।

अब साढ़े चार साल तो गुजर ही गए और हकीकत का अंदाजा आपको भी है हम लोगों को भी। कृपया बताएं,ऐसा क्यों लगता है कि सपा और बसपा सरकारें एक दूसरे का भ्रष्टाचार छुपाती हैं। चलिए, पिछली सरकार की बात नहीं करें, तो भी क्या मुख्यमंत्री जी आपने अपनी सरकार को इस बीमारी से कितना दूर रखा, प्लीज यह तो बताएं। आपने उन्हीं मामलों का संज्ञान लिया जहां कोर्ट ने हस्तक्षेप किया। हाल यह है कि आपके चाचा शिवपाल सिंह यादव भी इस मुद्दे पर मुखर हैं लेकिन आपका मौन विस्मयकारी है।

महोदय, मेरी उत्सुकता अब आपके अगले घोषणापत्र के लिए बढ़ गयी कि उसमें इस मुद्दे पर क्या रहता है। वैसे क्यों न आप एक प्रेस कांफ्रेंस सिर्फ भ्रष्टाचार पर की गई कार्रवाई और कदमों पर केंद्रित करते हुए करें। और अपने प्रशंसकों को बताएं कि आपकी सरकार करप्शन पर कितनी सजग थी और आपके आसपास भी कोई भ्रष्ट नहीं फटक सकता है।

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