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आजम का PM पर बड़ा बयान, कहा- पाक में नवाज और दाऊद दोनों से की मुलाकात

Newstrack
Published on: 6 Feb 2016 10:29 AM GMT
आजम का PM पर बड़ा बयान, कहा- पाक में नवाज और दाऊद दोनों से की मुलाकात
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गाजीपुर: यूपी के कैबिनेट मंत्री आजम खान ने गाजीपुर में पीएम मोदी पर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा, '' पीएम मोदी जी ने पाकिस्तान में नवाज शरीफ के साथ-साथ बंद कमरे में दाऊद इब्राहिम से भी मुलाकात की थी।'' गौरतलब है कि पिछले साल दिसंबर में मोदी पाकिस्तान दौरे पर गए थे। उन्होंने लाहौर में नवाज शरीफ से मुलाकात की थी। उसी दौरान 26 दिसंबर को डॉन दाऊद का जन्मदिन था। तब भी विरोधी पार्टियों ने चुटकी लेते हुए कहा था कि पीएम डॉन को उनके जन्मदिन की बधाई देने गए हैं और केक खिलाकर ही भारत वापस आएंगे।

इससे पहले आज सुबह रामपुर में आजम ने मुस्लिम महिलाओं के तलाक और उनको हक नहीं दिए जाने को लेकर कोर्ट में हो रही सुनवाई पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा, ''शरीयत कानून में किसी को भी बोलने का कोई हक नहीं है।''

रामपुर में और क्या कहा?

-आजम ने कहा-जैसे हिंदू लॉ है उसी तरह इस्लामिक लॉ भी है। इस्लाम में निकाह कैसे होगा, दफन कैसे होगा इसका फैसला दूसरा कैसे कर सकता है?

-इसी तरह हिंदुओं में मरने के बाद कैसे जलेंगे, संपत्ति का बंटवारा कैसे होगा। शादी में मंत्र कैसे पढे जाएंगे। इससे किसी मुसलमान का कोई लेना देना नहीं।

-हर धर्म के लोगों को अधिकार है अपने जीने का तरीका तय करे। किसी भी रिलीजन में दखलअंदाजी का अधिकार दूसरे को नहीं।

बीजेपी पर हमला

-आजम ने कहा-मुस्लिम महिलाओं के तलाक और उनके हक के मामले की हियरिंग सुप्रीम कोर्ट में दोबारा शुरू हो गई है।

-पहले यह मामला रुक गया था। केंद्र में आरएसएस की सरकार है, जो संविधान को नहीं मानती।

-इतिहास में भरोसा होता तो 6 दिसंबर 1992 की घटना नहीं होती।

-बीजेपी को मुजपफरनगर दंगे के कारण केंद्र में सत्ता मिली।

पवार ने भी किया था वार

गौरतलब है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने भी शुक्रवार को मुंबई में कहा था कि सेंट्रल गर्वनमेंट स्कूलों में अब तक पढ़ाए जा रहे इतिहास की किताबों को बदलने की कोशिश कर रही है।

क्या है ट्रिपल तलाक विवाद?

-शरीयत कानून के मुताबिक, पुरुष को हक है कि वह तीन बार तलाक बोलकर बीबी से अलग हो जाए।

-पूर्व पीएम राजीव गांधी के कार्यकाल के दौरान शाहबानों नामक महिला ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी।

-लेकिन बाद में यह मामला दब गया था।

-अब एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में इसकी सुनवाई हो रही है।

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