×

आरक्षण रोस्टर पर केन्द्रीय कैबिनेट के फैसले की निंदा

इलाहाबाद हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता संविधान विशेषज्ञ ए.एन.त्रिपाठी ने केन्द्रीय कैबिनेट द्वारा सुप्रीम कोर्ट के विश्वविद्यालयों व डिग्री कालेजों में आरक्षण रोस्टर पर फैसले को पलटने को गणतांत्रिक व्यवस्था के प्रतिकूल व कोर्ट की अवमानना करार दिया है।

Aditya Mishra
Published on: 8 March 2019 1:43 PM GMT
आरक्षण रोस्टर पर केन्द्रीय कैबिनेट के फैसले की निंदा
X
प्रतीकात्मक फोटो

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता संविधान विशेषज्ञ ए.एन.त्रिपाठी ने केन्द्रीय कैबिनेट द्वारा सुप्रीम कोर्ट के विश्वविद्यालयों व डिग्री कालेजों में आरक्षण रोस्टर पर फैसले को पलटने को गणतांत्रिक व्यवस्था के प्रतिकूल व कोर्ट की अवमानना करार दिया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से न्यायिक व्यवस्था के विपरीत लिए गए फैसले पर कैबिनेट के सदस्यों पर अवमानना कार्यवाही करने की अपील की है।

श्री त्रिपाठी ने कहा कि संसद को बाईपास कर कैबिनेट द्वारा अध्यादेश से जल्दबाजी में लिए जा रहे निर्णय लोकतंत्र की अवहेलना है। सुप्रीम कोर्ट ने कार्यपालिका को पहले ही चेतावनी दी है कि संसद के अधिकारों का बाईपास न किया जाए। अपरिहार्य परिस्थिति में ही अध्यादेश लाया जाए। उच्च शैक्षिक संस्थाओं में जहां शोध व विशेषज्ञता वाले अध्यापकों की जरूरत होती है, वहां मनमाने तौर पर आरक्षण लागू करना व सुप्रीम कोर्ट के न्यायिक फैसले को राजनीतिक लाभ के लिए पलटना उचित नहीं माना जा सकता।

श्री त्रिपाठी ने कहा कि न्यायिक नियुक्ति आयोग, राम जन्म भूमि विवाद, लोक पाल आदि पर केन्द्र सरकार ने कोई अध्यादेश जारी नहीं किया। महिला आरक्षण बिल भी पास नहीं करा सकी। केवल सुप्रीम कोर्ट के न्यायिक कसौटी पर कसे गये फैसलों को सरकार राजनीतिक लाभ के लिए पलट रही है। जो संविधान की मूल भावना व सुप्रीम कोर्ट के इन्द्रा साहनी केस के विपरीत है।

ये भी पढ़ें...इन लोगों को मिलेगा सवर्ण आरक्षण का लाभ, 1 फरवरी से होगा लागू

Aditya Mishra

Aditya Mishra

Next Story