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अपनी असफलता पर पीठ थोक रही है सरकार: कांग्रेस

प्रदेश सरकार की अक्षमता का इससे बड़ा प्रमाण क्या हो सकता है जहां बोर्ड की हिंदी परीक्षा में दो लाख 63 हजार से अधिक परीक्षार्थियों ने परीक्षा छोड़ दी। सरकार अपनी पीठ थपथपाते हुए नहीं थकती कि प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा की पढ़ाई में उन्होंने अभूतपूर्व परिवर्तन किया और परिणाम शून्य है। 

Dharmendra kumar
Published on: 13 Feb 2019 4:02 PM GMT
अपनी असफलता पर पीठ थोक रही है सरकार: कांग्रेस
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लखनऊ: प्रदेश सरकार की अक्षमता का इससे बड़ा प्रमाण क्या हो सकता है जहां बोर्ड की हिंदी परीक्षा में दो लाख 63 हजार से अधिक परीक्षार्थियों ने परीक्षा छोड़ दी। सरकार अपनी पीठ थपथपाते हुए नहीं थकती कि प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा की पढ़ाई में उन्होंने अभूतपूर्व परिवर्तन किया और परिणाम शून्य है।

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प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं प्रवक्ता ओंकारनाथ सिंह ने आज जारी बयान में कहा कि अगर बच्चों को सही ढंग से पढ़ाया गया होता तो शायद इतनी बड़ी संख्या में परीक्षार्थियों को परीक्षा का त्याग न करना पड़ता। आज समाचारपत्रों में यह समाचार भी देखने को मिला कि यूपी बोर्ड की परीक्षा में छात्र एवं छात्राएं नकल करते हुए पकड़े गये। इसका सीधा मतलब है कि विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है और शिक्षकों के अभाव में बच्चों को ठीक से कोर्स पढ़ाया नहीं गया। इस कारण तीन दिन में तीन लाख 12 हजार 844 परीक्षार्थियों ने परीक्षा छोड़ी।

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उन्होंने कहा कि सरकार की अकर्मण्यता के कारण प्राइमरी और माध्यमिक शिक्षा की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। शिक्षकों के अभाव के कारण न तो बच्चों को ठीक से पढ़ाया जा रहा है और न ही उनकी सुरक्षा हो पा रही है। सैनिक स्कूल तक में छात्रों के साथ रैंगिंग हो रही है जहां पर अनुशासन सर्वोच्च प्राथमिकता है। यह ठीक है कि नकल करने वाले छात्रों पर कड़ाई होनी चाहिए और ऐसे बच्चों के उत्तीर्ण होने का कोई औचित्य नहीं है लेकिन इन बच्चों को जब कोई पढ़ाने वाला ही नहीं मिलेगा तो यह परीक्षा देते समय नकल करने के अलावा और क्या करेंगे?

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Dharmendra kumar

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