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बाँसुरी को छोड़ जब कान्हा ने पकड़ा त्रिशूल हुए त्रिमुण्डधारी, श्रृंगार देख मंत्रमुग्ध हुए श्रद्धालु

आज महाशिवरात्रि है और आज पूरे देश में इस पर्व को बड़े ही आस्था और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। शंकर और पार्वती के विवाह उत्सव महाशिव रात्रि का सम्बन्ध कृष्ण की नगरी से भी जुडा हुआ है। कान्हा की नगरी में आज के दिन श्रीकृष्ण के केशव देव स्वरूप को भगवान शिव का श्रृंगार कराया जाता है और शाम को श्रीकृष्ण जन्मस्थान से शिव बारात पूरे शहर में निकाली जाती है।

Anoop Ojha
Published on: 4 March 2019 7:15 AM GMT
बाँसुरी को छोड़ जब कान्हा ने पकड़ा त्रिशूल हुए त्रिमुण्डधारी, श्रृंगार देख मंत्रमुग्ध हुए श्रद्धालु
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मथुरा: आज महाशिवरात्रि है और आज पूरे देश में इस पर्व को बड़े ही आस्था और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। शंकर और पार्वती के विवाह उत्सव महाशिव रात्रि का सम्बन्ध कृष्ण की नगरी से भी जुडा हुआ है। कान्हा की नगरी में आज के दिन श्रीकृष्ण के केशव देव स्वरूप को भगवान शिव का श्रृंगार कराया जाता है और शाम को श्रीकृष्ण जन्मस्थान से शिव बारात पूरे शहर में निकाली जाती है। शिव रात्रि पर राधे राधे की नगरी भी बम बम भोले के स्वरों से गुंजायमान होती है क्योंकि कृष्ण और शिव एक ही है।

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आज के दिन कान्हा की नगरी में श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर जो भी जाता है उसे एक अलग नजारा देखने को मिलता है।हर वर्ष शिव रात्रि के दिन कृष्ण भगवान को शिव का रूप धारण कराया जाता है।

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दरअसल धर्म शास्त्रों के मुताबिक कृष्ण नगरी मथुरा कि सुरक्षा का भार भगवान शिव के कंधों पर है। शिव रात्रि के दिन जब भगवान शिव पार्वती से विवाह रचाने जाने लगे तो नगर कि सुरक्षा के लिए कृष्ण भगवान को शिव का रूप धारण करना पड़ा तब से हर वर्ष शिव रात्रि के दिन भगवान कृष्ण शिव के रूप में भक्तों को दर्शन देते है।

Anoop Ojha

Anoop Ojha

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