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बुनकरों ने मोदी से साझा किया अपना दर्द, प्रवासियों से निवेश की लगाई गुहार

बनारस की पहचान सिर्फ घाटों और मंदिरों से नहीं बल्कि यहां की साड़ी से भी है। बनारसी साड़ी का डंका पूरी दुनिया में बजता है। लेकिन पिछले कुछ सालों से रंग-बिरंगी साड़ी बनाने वाले बुनकर खुद बदरंग है। बुनकरों की बदहाली दूर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोशिश कर रहे हैं।

Anoop Ojha
Published on: 22 Jan 2019 2:04 PM GMT
बुनकरों ने मोदी से साझा किया अपना दर्द, प्रवासियों से निवेश की लगाई गुहार
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वाराणसी: बनारस की पहचान सिर्फ घाटों और मंदिरों से नहीं बल्कि यहां की साड़ी से भी है। बनारसी साड़ी का डंका पूरी दुनिया में बजता है। लेकिन पिछले कुछ सालों से रंग-बिरंगी साड़ी बनाने वाले बुनकर खुद बदरंग है। बुनकरों की बदहाली दूर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोशिश कर रहे हैं। इस बीच जब वह 15वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन में शिरकत करने अपने संसदीय क्षेत्र पहुंचे तो बुनकरों से मुलाकात की। पीएम ने बुनकरों के दर्द को सुना और उसे दूर करने का भरोसा दिलाया।

बुनकरों को दिया सर्टिफिकेट

प्रधानमंत्री मोदी से मिलने के लिए बनारस और भदोही के बुनकरों व शिल्पियों का एक प्रतिनिधिमंडल ट्रेड फैसेलिटी सेंटर पहुंचा था। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने दीनदयाल उपाध्याय हस्तकला संकुल स्थित म्यूजियम के सामने एमपी थियेटर में बुनकरों एवं हस्तशिल्पियों से रूबरू हो उनसे वार्ता की।

उन्होंने एनआईओएस द्वारा प्रशिक्षित 100 लोगों में से राधा देवी, नीलू देवी, लालमणि, मोहम्मद सिराज, विनय प्रकाश मौर्य को प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया। प्रधानमंत्री ने अपने गोद लिए गांव जयापुर की रुखसाना, अजोरा, हीरामणि, आरती विश्वकर्मा एवं राजेश कुमार सहित आशिकी कुमारी, अराधना कुमारी, शंकर प्रसाद, दिव्या एवं सुषमा कुमारी को आधुनिक लूम का प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया। इस दौरान मोदी ने साड़ी, कालीन, कास्टकला आदि प्रमुख उत्पादों से संबंधित लगे स्टालों का भ्रमण कर अवलोकन किया।

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बुनकरों को दी सौगात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर वस्त्र वस्त्र मंत्रालय के विभिन्न कार्यालयों को एक ही भवन में स्थापित किए जाने हेतु 28 करोड़ की लागत से 10345 वर्ग मीटर भूखंड पर बनने वाले जी 3 भवन के पट्टिका का अनावरण किया। मोदी ने मेरी काशी एवं इंडियन टेक्सटाइल पुस्तक का लोकार्पण भी किया।प्रमुख सचिव आरके सिंह ने प्रदेश में बुनकरों, हस्तशिल्पियों से जुड़ी विकास की जानकारी प्रधानमंत्री को दी।

उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में औद्योगिक निवेश का अच्छा माहौल है। प्रवासी भारतीयों से अपेक्षा की गई है कि उत्तर प्रदेश के गौरवशाली अतीत को बहाल करने में अपने अनुभव एवं कौशल योगदान देकर उत्तर प्रदेश को विकास का पैरामीटर बनाये जाने में सहयोग करें। इस मौके पर राज्यपाल राम नाईक व उत्त्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व अपर मुख्य सचिव सूचना एवं पर्यटन अवनीश कुमार अवस्थी भी उपस्थित थे।

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Anoop Ojha

Anoop Ojha

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