×

'वर्ल्ड हैप्पीनेस-डे' और जानें होली पर लखनऊ वालों की राय

वर्ल्ड हैप्पीनेस-डे और होली के मौके पर जब हमने लखनऊ के लोगों के मत जानने की कोशिश की, तो किसी ने बताया कि उसका काम उसे खुशी देता है, तो किसी ने कहा कि होली पर उनको घर आने का मौका मिलता है, जिससे वह अपने पुराने दोस्तों और रिश्तेदारों से मिल पाती हैं।

Roshni Khan
Published on: 21 March 2019 8:27 AM GMT
वर्ल्ड हैप्पीनेस-डे और जानें होली पर लखनऊ वालों की राय
X

लखनऊ: वर्ल्ड हैप्पीनेस-डे और होली के मौके पर जब हमने लखनऊ के लोगों के मत जानने की कोशिश की,

तो किसी ने बताया कि उसका काम उसे खुशी देता है, तो किसी ने कहा कि होली पर उनको घर आने का मौका मिलता है, जिससे वह अपने पुराने दोस्तों और रिश्तेदारों से मिल पाती हैं।

-दिनेश कुमारी(पुलिस ऑफिसर)

'एक पुलिस अफसर होने के नाते तो मैं अपनी ड्यूटी पूरी तरह से निभा रही हूँ, और मुझे इस बात की खुशी भी है।

लेकिन समाज में होली के त्योहार पर शांति व्यवस्था को कायम रखना हमारी जिम्मेदारी है, जिसे मैं बड़ी शिद्दत से निभाती हूँ, वहीं एक मां के रूप में अपने बच्चों के साथ अन्याय कर जाती हूँ।'

ये भी देखें :‘सिया राम खेले होली’ और ‘रंग बरसे भीगे चुनर वाली’ से समापन हुआ ‘कबीरा फेस्टिवल’

-राज मिश्रा(एडवोकेट)

'होली का मैं पूरे साल इंतजार करता हूँ, और जब होली आती है, तो मैं दोस्तों के साथ गाड़ी पर बैठकर पूरे शहर का चक्कर मारते हुए, होली खेलता हूँ।'

-अक्क्षी गुप्ता (मीडिया स्टूडेंट)

'होली खुशियों का त्योहार है, जहां हम बुराइयों का अंत मनाते हैं, इसलिए इस शुभ दिन को हमें मिठाइयां खाकर और एक-दूसरे को विश करके मनाना चाहिए और एन्जॉय करना चाहिए। वहीं दूषित पानी हमारे स्वास्थ्य को और जानवरों पर रंग पड़ने से जब वे इसे चाटते हैं, तो ये उनके भी स्वास्थ्य को और स्किन को खराब कर देता है, जिससे उन्हें परेशानी होती है।

इसलिये हमें बिना पानी वाली या सूखे रंगों के साथ होली खेलनी चाहिए।

वहीं वर्ल्ड हैप्पीनेस डे पर इन्होंने कहा- कि मैं हॉस्टल में रहती हूँ, तो मुझे अपने घर जाकर ही खुशी मिलती है, घर जाकर जब मैं घर का बना खाना खाती हूँ तो मुझे एक अलग सुकून मिलता है, फिर मैं अपने दोस्तों के साथ घूमने जाती हूँ, जो कि मुझे बहुत बहुत खुशी देती है।'

-मो. फलक (विकासनगर)

'होली के त्योहार में सारे पुराने दोस्त मिलते हैं, एक दूसरे को अबीर गुलाल लगाते, सबसे गले मिलते,फिर शाम को नहा-धोके एक दूसरे के यहां ग्रुप में गुझिया- मठरी वगैरा खाने जाते है।'

ये भी देखें :फ्लैग मार्च के दौरान भारी मात्रा में मिली कच्ची शराब व लहन

-प्रखर वर्मा(पेपरमिल, महानगर)

'मुझे दोस्तों के साथ हैंगआउट करने में खुशी मिलती है, और आज वर्ल्ड हैप्पीनेस डे पर भी मैं यही करूँगा।

और होली तो मैं सूखे रंगों से ही खेलता हूँ।'

-हर्ष पांडेय(निरालानगर)

'मुझे खुशी अपनी मम्मी से मिलकर होती है, क्योंकि वह बाहर नौकरी करती हैं, इसलिए वह हर वीकेंड पर जब घर आती हैं तो मेरा मूड चाहे कितना भी खराब हो, उनको देखते ही मेरा चेहरा खिल उठता है।'

-राघवेंद्र राय(बीटेक स्टूडेंट)

मुझे लांगड्राइव पर जाकर खुशी मिलती है, जिसपर जाने से मैं थोड़े दिनों के लिए सुकून महसूस कर पाता हूँ।

Roshni Khan

Roshni Khan

Next Story