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योगी सरकार ने नहीं दिया स्वास्थ्य पर ध्यान, मेडिकल कालेज के लिए अलग से बजट नहीं

बता दे कि पूर्व सपा सरकार के शासन काल में 100 एकड़ में बनने वाले इस मेडिकल कालेज की आधारशिला पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 25 दिसम्बर 2014 को रखा था

Roshni Khan
Published on: 23 Feb 2021 7:48 AM GMT
योगी सरकार ने नहीं दिया स्वास्थ्य पर ध्यान, मेडिकल कालेज के लिए अलग से बजट नहीं
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योगी सरकार ने नहीं दिया स्वास्थ्य पर ध्यान, मेडिकल कालेज के लिए अलग से बजट नहीं (PC: social media)

जौनपुर: प्रदेश की सरकार ने अपने कार्यकाल का अन्तिम बजट पेश कर दिया है इस बजट में जनपद सहित पूर्वांचल की आवम के स्वास्थ्य हेतु जिले की सरजमीं पर सिद्दीकपुर में निर्माणाधीन मेडिकल कालेज के लिए सरकार द्वारा अलग से एक रूपये का बजट न दिया जाना अब यह संकेत देने लगा है कि सरकार को जनपद वासियों के स्वास्थ्य की चिन्ता नहीं है। इससे जनपद वासियों में मायूसी भी है बजट ने यह भी साफ कर दिया है कि अब इस मेडिकल कालेज को बन कर चालू होने में अधिक समय लगने की संभावना है। हलांकि शासन के अधिकारी एवं सरकार के मंत्री तक अभी तक जल्द ओपीडी चालू करने का दावा करने का आश्वासन देते रहे है। बजट सब पर पानी फेर दिया है।

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2017 तक बन कर तैयार हो जायेगा यहाँ पर ओपीडी शुरू हो जायेगी

बता दे कि पूर्व सपा सरकार के शासन काल में 100 एकड़ में बनने वाले इस मेडिकल कालेज की आधारशिला पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 25 दिसम्बर 2014 को रखा था और सार्वजनिक मंच से ऐलान किया था कि 2017 तक बन कर तैयार हो जायेगा यहाँ पर ओपीडी शुरू हो जायेगी। उस समय इसका बजट 554.16 करोड़ रुपए था। काम शुरू हुआ लेकिन सरकार बदलते ही 2017 के बाद मेडिकल कालेज के निर्माण की गति धीमी पड़ती गयी एक ऐसा भी समय आ गया कि काम पूरी तरह से ठप हो गया।

jaunpur jaunpur (PC: social media)

बजटीय अभाव में मेडिकल कालेज अब तक नहीं पूरा हो सका

सरकारी सूत्र की माने तो शासन द्वारा अब इसके निमित्त 259.84 करोड़ रुपए अवमुक्त किये गये है। जिसके सापेक्ष मेडिकल कालेज का काम 40 प्रतिशत के आस होने की बात की जा रही है। हां इस मेडिकल कालेज को बनाने वाली कारदायी संस्थायें लगातार बदलती जा रही थी पहले निर्माण निगम फिर टाटा प्रोजेक्ट फिर बालाजी लेकिन बजटीय अभाव में मेडिकल कालेज अब तक नहीं पूरा हो सका।

खबर है कि मामला अभी पत्राचार तक सीमित है

बाद में मंहगाई की मार के चलते पुनरक्षित आगणन की बात आ गयी और आगणन करके 43.54 करोड़ रुपए के बजट के लिए शासन को स्वीकृति के लिये भेज दिया गया। लेकिन अभी तक शासन ने स्वीकृति नहीं दिया है। खबर है कि मामला अभी पत्राचार तक सीमित है। जनपद वासी टक टकी लगाये हुए थे कि इस अन्तिम बजट में सरकार इस मेडिकल कालेज को गम्भीरता से लेगी और जनपद वासियों के लिए चुनाव से पहले मेडिकल कालेज में ओपीडी शुरू हो सकेगी। लेकिन जनपद वासियों के सपनों पर तब पानी फिर गया जब सरकार का अन्तिम बजट आने के बाद यह पता चला कि जौनपुर के मेडिकल कालेज के लिये अलग से कोई बजट की व्यवस्था नहीं किया गया है।

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सरकार मेडिकल कालेज के प्रति ऐसा भेद भाव कर रही है

इस संदर्भ में समाजवादी पार्टी के पूर्व प्रदेश सचिव राजन यादव से बात चीत करने पर उन्होंने कहा कि सरकार मेडिकल कालेज के प्रति ऐसा भेद भाव कर रही है जो जन मानस के स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है। मेडिकल कालेज की आधार शिला भले ही पूर्व सीएम अखिलेश यादव जी ने रखा था लेकिन मेडिकल कालेज चालू होने पर समाज के सभी वर्गो के लोग लाभान्वित होते। यह किसी एक दल विशेष का नहीं था जनपद वासियों के स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ मामला था इस लिए वर्तमान सरकार को भेद भाव नहीं करना चाहिए था। मेडिकल कालेज की उपेक्षा का सीधा मतलब है कि जनपद वासियों के स्वास्थ्य के साथ उपेक्षा करना है।

रिपोर्ट- कपिल देव मौर्य

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