Mann Ki Baat: पीएम मोदी ने की मन की बात, Unsung Heroes और वैक्सीनेशन समेत इन मुद्दों का किया जिक्र
Mann Ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित किया।
Mann Ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने आज यानी 30 जनवरी को मन की बात (Mann Ki Baat) कार्यक्रम के 85 वें संस्करण के जरिए देश को संबोधित किया। आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की 74वीं पुण्यतिथि भी है। ऐसे में आज यह मासिक कार्यक्रम आधे घंटे देर से शुरू हुआ। कार्यक्रम ऑल इंडिया रेडिया, दूरदर्शन, एआईआर न्यूज व मोबाइल एप के माध्यम से प्रसारित हुआ।
कार्यक्रम के आखिरी में पीएम ने लोगों से अपील की कि स्वच्छता अभियान’ को हमें भूलना नहीं है, Single use plastic के खिलाफ अभियान को हमें और तेज़ी लानी जरुरी है, Vocal for Local का मंत्र ये हमारी जिम्मेदारी है, हमें आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए जी-जान से जुटे रहना है |
कोरोना के केस हो रहे कम
पीएम मोदी ने कहा कि एक और अच्छी बात ये भी है कि 20 दिन के भीतर ही एक करोड़ लोगों ने precaution dose भी ले ली है। अपने देश की vaccine पर देशवासियोँ का ये भरोसा हमारी बहुत बड़ी ताकत है। अब तो Corona संक्रमण के case भी कम होने शुरू हुए हैं - ये बहुत सकारात्मक संकेत हैं। लोग सुरक्षित रहें, देश की आर्थिक गतिविधियों की रफ़्तार बनी रहे - हर देशवासी की यही कामना है।
कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर कही ये बात
इसके साथ ही मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना की नई लहर का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कोरोना की नई लहर से भारत बहुत सफलता के साथ लड़ रहा है। ये भी गर्व की बात है कि अब तक करीब-करीब साढ़े चार करोड़ बच्चों ने कोरोना वैक्सीन ले ली है। 15 से 18 साल की आयु-वर्ग के लगभग 60% youth ने तीन से चार हफ्ते में ही टीके लगवा लिए हैं।
घोड़े विराट का किया जिक्र
अपने संबोधन के दौरान पीएम ने विराट घोड़े का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस की परेड में President’s Bodyguards के चार्जर घोड़े विराट ने अपनी आख़िरी परेड में हिस्सा लिया। घोड़ा विराट, 2003 में राष्ट्रपति भवन आया था और हर बार गणतंत्र दिवस पर Commandant charger के तौर पर परेड को Lead करता था | जब किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष का राष्ट्रपति भवन में स्वागत होता था, तब भी, वो, अपनी ये भूमिका निभाता था। इस वर्ष, Army Day पर घोड़े विराट को सेना प्रमुख द्वारा COAS Commendation Card भी दिया गया | विराट की विराट सेवाओं को देखते हुए, उसकी सेवा-निवृत्ति के बाद उतने ही भव्य तरीक़े से उसे विदाई दी गई।
पीएम मोदी ने कहा कि प्रकृति से प्रेम और हर जीव के लिए करुणा, ये हमारी संस्कृति भी है और सहज स्वभाव भी है। हमारे इन्ही संस्कारों की झलक अभी हाल ही में तब दिखी, जब मध्यप्रदेश के Pench Tiger Reserve में एक बाघिन ने दुनिया को अलविदा कर दिया। लोगों ने बकायदा उसका अंतिम संस्कार किया।
अपने संबोधन में पीएम ने यह भी कहा कि मुझे बेहद खुशी है कि इस तरह के प्रयास उच्च शिक्षा के क्षेत्र में खासकर हमारी अलग-अलग IITs में निरंतर देखने को मिल रहे हैं। केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में भी इस प्रकार के प्रेरक उदाहरणों की कमी नहीं है। इस तरह के प्रयासों को और बढ़ाने के लिए पिछले साल सितम्बर से, देश में, विद्यांजलि अभियान की भी शुरुआत हुई है।
छात्र ने Foundation को दान किए सात करोड़ रुपए
मुझे IIT BHU के एक Alumnus के इसी तरह के दान के बारे में भी पता चला है | BHU के पूर्व छात्र जय चौधरी ने, IIT BHU Foundation को एक मिलियन डॉलर यानि करीब-करीब साढ़े सात करोड़ रुपए Donate किये |"
राजा महेंद्र प्रताप सिंह का किया जिक्र
राजा महेंद्र प्रताप सिंह का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि उन्होंने एक Technical School की स्थापना के लिए अपना घर ही सौंप दिया था | उन्होंने अलीगढ़ और मथुरा में शिक्षा केंद्रों के निर्माण के लिए खूब आर्थिक मदद की। मुझे खुशी है कि शिक्षा के प्रकाश को जन-जन तक पहुंचाने की वही जीवंत भावना भारत में आज भी कायम है। उन्होंने कहा इस भावना की सबसे सुन्दर बात क्या है ? वो ये है कि शिक्षा को लेकर ये जागरूकता समाज में हर स्तर पर दिख रही है |
पीएम मोदी ने आगे कहा कि भारत शिक्षा और ज्ञान की तपो-भूमि रहा है | हमने शिक्षा को किताबी ज्ञान तक तक ही सीमित नहीं रखा, बल्कि इसे जीवन के एक समग्र अनुभव के तौर पर देखा है। हमारे देश की महान विभूतियों का भी शिक्षा से गहरा नाता रहा है।
आजादी के अमृत महोत्सव का उत्साह देश के अलावा विदेशों में भी
पीएम ने कहा कि अमृत महोत्सव पर आप सब साथी मुझे ढेरों पत्र और मैसेज भेजते हैं, कई सुझाव भी देते हैं। इसी श्रृंखला में कुछ ऐसा हुआ है जो मेरे लिए अविस्मरणीय है। मुझे एक करोड़ से ज्यादा बच्चों ने अपने मन की बात पोस्ट कार्ड के जरिए लिखकर भेजी है। भारत की आजादी के अमृत महोत्सव का उत्साह केवल हमारे देश में ही नहीं है। मुझे भारत के मित्र देश क्रोएशिया से भी 75 पोस्टकार्ड मिले हैं।