नर्सों के भर्ती घोटाले ने मंत्री के छुड़ाए पसीने, कहा— वह सिर्फ फाइल देखती हैं

यूपी में एनएचएम परीक्षा के रिजल्ट को लेकर हुई गड़बड़ी के बाद सवालों के घेरे में आए एनएचएम विभाग ने दोबारा रिजल्ट घोषित किया,3 और 4 नंबर पाने वाले स्टूडेंट्स को

Update:2017-12-28 20:00 IST
यूपी में nhm परीक्षा: रिजल्ट में गड़बड़ी, सवालों में विभाग- दोबारा रिजल्ट घोषित

लखनऊ: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) में नर्सों की भर्ती में घोटाले पर मचे बवाल ने परिवार कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी के पसीने छुड़ा दिए। एनेक्सी के मीडिया सेंटर में पत्रकारों से मुखातिब मंत्री ने यह जाहिर भी किया। कहा...उफ कितनी गर्मी है। हालांकि बीते दिन ही भर्ती का संशोधित परिणाम जारी किया गया है। पर इस दरम्यान भर्ती में भ्रष्टाचार की लगी आग इतनी जोर पकड़ चुकी थी कि खुद रीता जोशी को सामने आकर इस पर अपनी सफाई पेश करनी पड़ी। उन्होंने अपनी चूक स्वीकारते हुए कहा कि जिस एजेंसी ने परीक्षा कराई थी। उसे अपलोड करने में आरक्षण के कटआफ का ख्याल नहीं रखा गया था। अब उसे दुरूस्त कर संशोधित परिणाम वेबसाइट पर अपलोड कराया गया है।

जीएम एचआर सस्पेंड नहीं हुए बल्कि सिर्फ हटाया गया काम

एनएचएम के निदेशक पंकज कुमार ने जीएम एचआर डा संदीप सक्सेना के निलम्बन पर साफ कहा कि उनसे सभी काम वापस लिए गए हैं। मामले की जांच के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। आपको बता दें कि जीएम एचआर की भर्ती एनएचएम के कांट्रैक्चुअल बेसिस पर हुई है। जब खबर आई कि उन्हें निलम्बित कर दिया गया है तो इस पर सवाल उठने लगे क्योंकि कांट्रैक्चुअल बेसिस पर नियुक्त किसी अधिकारी या कर्मचारी को निलम्बित नहीं किया जा सकता। बहरहाल पंकज कुमार ने साफ कर दिया है कि संदीप कुमार से सभी काम हटा लिए गए हैं।

मंत्री ने कहा कि कौन काम होगा, भर्ती आदि सब अधिकारी देखते हैं, वह सिर्फ फाइल देखती हैं

मंत्री ने अपने बचाव में अगल—बगल बैठे चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महकमे के प्रमुख सचिव प्रशांत त्रिवेदी और एनएचएम के निदेशक पंकज कुमार की तरफ इशारा करते हुए कहा कि कौन काम होगा, भर्ती आदि यह सब यह अधिकारी तय करते हैं। हम सिर्फ फ़ाइल देखते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हमारी सरकार चार लाख भर्तियां निकाल रही हैं। अब परीक्षा विभाग नहीं अधीनस्थ सेवा चयन आयोग कराएगा। विपक्ष के आरोप पर उन्होंने कहा कि योगी सरकार में पैसे से रोजगार नहीं मिलेगा।

हेल्थ डिपार्टमेंट की हालत अब भी बहुत अच्छी नहीं: मंत्री

रीता जोशी ने कहा कि जब सरकार पावर में आई तो हेल्थ विभाग की हालत खराब थी, यह अब भी बहुत अच्छी नही है। स्टडी में सामने आया कि स्टाफ की कमी है तब यह तय किया गया कि इस गैप को भरने की कोशिश की जाए। इसी क्रम में सामने आया कि एएनएम के रिक्त पदों का बड़ा गैप है।

93 हजार आवेदन आए, 55 हजार परीक्षा में बैठे

उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने इस पद पर भर्ती के लिए दिसंबर में विज्ञापन निकलवाया की मेरिट के आधार पर भर्ती कर ली जाए। हमारी सरकार आई तो तय किया गया कि इम्तिहान लिया जाएगा 23.07.2017 को आवेदन निकाला गया। इसमे अनुभव में छूट दी गई थी। जिसमे 93 हजार आवेदन आये। 55 हजार परीक्षा में बैठे। आईईईएम एजेंसी ने परीक्षा कराई। जांचा में पता चला कि यह एजेंसी कभी ब्लैकलिस्टेड नहीं रही। यह भ्रम है कि यह एजेंसी दूषित है।

पहले वार्ड ब्वाय के लिए मांगे जाते थे लाखो रूपये

रीता जोशी ने कहा कि पहले सिर्फ जिले में सीएमओ की अध्यक्षता में एक कमेटी होती थी जो सिर्फ इंटरव्यू कर भर्ती कर लेते थे। हमारी सरकार में परीक्षा की व्यवस्था कराई गई। पूर्व की सरकार पर हमला करते हुए मंत्री ने कहा कि पहले वार्ड ब्वाय की भर्ती के लिए लाखों रूपये लिए जाते थे। अब हमने इसकी मंडलवार परीक्षा कराई। डीएम के मार्फत पेपर भेजे गए ताकि यह लीक न हो। इसमें सिंगल च्वाइस थी, लोगों ने च्वाइस डाला। 269 जगह लोगों ने अप्लाई ही नहीं किया।

जिलों में इस तरह बनी मेरिट

उदाहरण देते हुए मंत्री जोशी ने कहा कि अमेठी में एक एएनएम का पद था, वहां चार महिलाओं ने आवेदन किया था। वहां ऊंची मेरिट तीन नम्बर की गई थी। आजमगढ़ में 81 पद थे, 1444 महिलाओं ने आवेदन किया था, इसकी मेरिट ऊपर 68 और नीचे 28 तक गई। इसी तरह अन्य जिलों में पदों के हिसाब से मेरिट बने। त्रुटि यह रही कि कटआफ में 33 फीसदी सामान्य वर्ग, पिछड़ा के लिए 30 और दलित के लिए 24 प्रतिशत अंक न्यूनतम होना चाहिए, अब इसे दुरूस्त कर अपलोड किया गया है। इसमें से 258 को बाहर किया गया है। यह रिजल्ट साइट पर अपलोड हो गया है। अब इसकी स्क्रिनिग होगी। डॉक्यूमेंट देखे जाएंगे। तब भर्ती होगी।

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