2जी: कोर्ट के फैसले पर झूमे कनिमोझी-राजा के समर्थक, चेन्नई में जश्न

यूपीए-2 के कार्यकाल में हुए सबसे बड़े 2जी घोटाले में पटियाला हाउस कोर्ट की स्पेशल CBI अदालत ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। इसमें पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा और डीएमके सांसद कनिमोझी मुख्य आरोपी हैं। कोर्ट का फैसला आते ही, दिल्ली से लेकर

Update:2017-12-21 12:09 IST

नई दिल्ली: यूपीए-2 के कार्यकाल में हुए सबसे बड़े 2जी घोटाले में पटियाला हाउस कोर्ट की स्पेशल CBI अदालत ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। इसमें पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा और डीएमके सांसद कनिमोझी मुख्य आरोपी थे। कोर्ट का फैसला आते ही, दिल्ली से लेकर चेन्नई तक जश्न शुरू हो गया। मुख्य आरोपी कनिमोझी के घर के बाहर समर्थकों ने जश्नबाजी शुरू कर दी।

कनिमोझी- ए.राजा के समर्थकों की तालियों से गूंजा कोर्ट

- पटियाला हाउस कोर्ट की स्पेशल CBI अदालत में जज ओ पी सैनी ने जैसे ही अपना फैसला सुनाया, कोर्ट में चारों तरफ राजा और कनिमोझी के समर्थकों की तालियों की गूँज सुनाई देने लगी।

- आरोपियों को बरी किए जाने के कोर्ट के इस फैसले पर समर्थकों ने उन्हें कंधे पर उठा लिया।



दिल्ली-चेन्नई में जश्न का माहौल

- फैसला आने के बाद दिल्ली-चेन्नई में जश्न का माहौल है।

- डीएमके नेता स्टालिन के घर पर जश्न शुरू हो गया है। कनिमोझी के घर पर आतिशबाजी हो रही है।

क्या है जज का फैसला?

- कोर्ट में अपना फैसला सुनाते हुए जज ओ पी सैनी ने कहा कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में नाकाम रहा कि दो पार्टियों के बीच पैसे का लेन-देन हुआ है।

हमारी पार्टी पर कोई दाग नहीं, सबकुछ परफेक्ट है- DMK नेता

- फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए डीएमके नेता रामचंद्रन ने कहा कि हम बहुत खुश हैं। यह हमारी सफलता है। डीएमके पर कोई दाग नहीं है। सब कुछ परफेक्ट है।

क्या है 2जी घोटाला?

2जी घोटाला साल 2010 में तब सामने आया जब भारत के महालेखाकार और नियंत्रक ने अपनी एक रिपोर्ट में साल 2008 में किए गए स्पेक्ट्रम आवंटन पर सवाल खड़े किए।

2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में कंपनियों को नीलामी की बजाए पहले आओ और पहले पाओ की नीति पर लाइसेंस दिए गए थे, जिसमें भारत के महालेखाकार और नियंत्रक के अनुसार सरकारी खजाने को एक लाख 76 हजार करोड़ रूपयों का नुकसान हुआ था।

- आरोप था कि अगर लाइसेंस नीलामी के आधार पर होते तो खजाने को कम से कम एक लाख 76 हजार करोड़ रूपयों और प्राप्त हो सकते थे।

- हालांकि महालेखाकार के नुकसान के आंकड़ो पर कई तरह के आरोप थे लेकिन ये एक बड़ा राजनीतिक विवाद बन गया था और मामले पर देश के सर्वोच्च न्यायालय में याचिका भी दाखिल किया गया था।

- इस मामले में ए राजा के अलावा मुख्य जांच एजेंसी सीबीआई ने सीधे-सीधे कई बड़ी और हस्तियों और कंपनियों पर मुख्य आरोप लगाए गए थे।

- पूर्व दूर संचार मंत्री पर आरोप था कि उन्होंने साल 2001 में तय की गई दरों पर स्पेक्ट्रम बेच दिया जिसमें उनकी पसंदीदा कंपनियों को तरजीह दी गई।

- करीब 15 महीनों तक जेल में रहने के बाद ए राजा को साल 2012 में जमानत मिली थी। उनके साथ तमिलनाडू के पूर्व मुख्यमंत्री एम करूणाधि की बेटी कनिमोड़ी को भी मामले में जेल काटनी पड़ी थी।

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