कोरोना वायरस पर भारत को बड़ी सफलता, इन चार दवाओं से इलाज संभव
कोरोना वायरस पर भारत में एक अच्छी खबर सामने आई है। कोरोना वायरस के हल्के एवं मध्यम लक्षणों वाले रोगियों का आयुर्वेद की चार दवाओं के इस्तेमाल से इलाज संभव है।
लखनऊ: कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में तबाही मचा कर रख दी है। कई देशों में कोरोना वायरस एक बार फिर कहर बरपा रहा है जिसकी वजह से फ्रांस, इंग्लैंड और आस्ट्रिया जैसे में एक बार फिर लाॅकडाउन लगा दिया गया है। इस जानलेवा महामारी की अभी तक कोई दवा नहीं बन पाई है। दुनिया के कई देश कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने में लगे हुए हैं। हालांकि रूस ने दावा किया है कि उसने दो दो कोरोना की वैक्सीन बना ली हैं। लेकिन रूस की वैक्सीन पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं।
अब इस बीच भारत में एक अच्छी खबर सामने आई है। कोरोना वायरस के हल्के एवं मध्यम लक्षणों वाले रोगियों का आयुर्वेद की चार दवाओं के इस्तेमाल से इनका इलाद संभव है। आयुष मंत्रालय के दिल्ली में स्थित अस्पताल अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) के जर्नल आयु केयर में एक केस स्टडी प्रकाशित की गई है जिसमें यह दावा किया गया है।
कोरोना के इलाज में ये दवाइयां सफल
इन चार दवाओं में आयुष क्वाथ, संशमनी वटी, फीफाट्रोल और लक्ष्मीविलास रस शामिल हैं। आयु केयर जर्नल के ताजा अंक में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, यह केस स्टडी एक 30 वर्षीय स्वास्थ्यकर्मी की है, जो कोरोना संक्रमित था जिसमें मध्यम लक्षण थे।
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इतने दिन में कोरोना रिपोर्ट आई निगेटिव
स्वास्थ्यकर्मी को दो दिनों के संक्रमण के बाद भारतीय आयुर्वेद संस्थान में इलाज के लिए लाया गया था। एआईआईए के रोग निदान एवं विकृति विज्ञान विभाग के डा. शिशिर कुमार मंडल के नेतृत्व में डाक्टरों की एक टीम की तरफ से तीसरे दिन से रोगी का इलाज शुरू किया।कोरोना संक्रमित रोगी दिन में तीन बार 10 मिली लीटर आयुष क्वाथ, दो बार 250 मिग्रा संशमनी वटी और लक्ष्मीविलास रस दिया गया, तो वहीं फीफाट्रोल की 500 मिग्रा की टेबलेट दिन में दो बार दी गई। चौथे दिन से ही उसकी स्थिति में सुधार होने लगा।
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बुखार, सांस लेने में समस्या, गले की खराश एवं खांसी में कमी देखी गई। इसी तरह सिरदर्द, बदन दर्द में भी कमी आ गई, जबकि स्वाद खोने की स्थिति में भी सुधार होने लगा। कोरोना संक्रमित शख्स छह दिन तक इलाज किया गया और छठे दिन ही उसका कोरोना टेस्ट निगेटिव आ गई।
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