क्या आप आईएनएस अरिहंत की खूबियों के बारें में जानते है, इन दस बिन्दुओं से जानें इसकी खासियतें

Update:2018-11-06 11:18 IST

नई दिल्ली: देश की पहली परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत को पीएम मोदी ने सोमवार को देश को समर्पित कर दिया है। पीएम मोदी ने इस धनतेरस का तोहफा कहा है। अरिहंत सोमवार को ही अपना पहला गश्ती अभियान पूरा कर लौटा है। आइए जानते हैं आईएनएस अरिहंत के बारे में जरूरी बातें:

क्या है अरिहंत का मतलब

पीएम मोदी ने अरिहंत का अर्थ बताते हुए कहा, 'अरिहंत का अर्थ है, दुश्मन को खत्म कर देना।' साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आईएनएस अरिहंत देश के सवा सौ करोड़ लोगों के लिए सुरक्षा की गारंटी जैसा है। यह भारत के दुश्मनों और शांति के दुश्मनों के लिए ओपन चैलेंज है कि अब वो कोई दुस्साहस दिखाने की कोशिश न करें।

अरिहंत के बारें में जान लें ये दस जरुरी बातें

1-आईएनएस अरिहंद देश में निर्मिंत पहली परमाणु पनडुब्बी है। इसका वजन लगभग 6 हजार टन है। यह जल, थल और नभ में मार करने में सक्षम है। यह एटमी हथियारों से लैस पनडुब्बी है।

2-यह पहले ही मिराज-2000 और अग्नि बैलेस्टिक मिसाइल से लैस था। जबकि जल में इसकी क्षमता अभी तक नहीं थी, लेकिन अब यह पानी के अंदर वार करने में भी पूरी तरह सक्षम है।

3-जल में मारक क्षमता तैयार करने के लिए इसे कई तरह के परीक्षणों से गुजरना पड़ा। ऐसी ही दूसरी पनडुब्बी आईएनएस अरिधमान भी लगभग तैयार हो चुकी है, इसकी डिलिवरी अगले साल होने की संभावना है।

4- चीन, अमेरिका और रूस की पनडुब्बियां 5000 किलोमीटर तक मारक क्षमता वाली हैं, वहीं आईएनएस अरिहंत की क्षमता 750 से 3500 किलोमीटर तक की है। इसको बनाने में 14000 करोड़ से अधिक का खर्च आया है।

5- भारत सरकार ने इसे 1970 में ही मंजूरी दे दी थी। 1984 में इसके लिए डिज़ाइन और टेक्नोलोजी पर काम शुरू हुआ। 2009 में पानी में उतारा गया था। 2013 में इसके अंदर खराबी आई गई। 2016 तक परीक्षण चला।

6- अरिहंत का निर्माण 90 के दशक में शुरू हुआ था। जो सीक्रेट अडवांस्ड टेक्नॉलजी वेसेल प्रॉजेक्ट के तहत शुरू हुआ था। जबकि न्यूक्लियर सबमरीन के लिए भारत का प्रयास 1970 में पहली बार शुरू हुआ था।

7-पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने साल 2009 में अरिहंत को लॉन्च किया था और साल 2011 में इसे कमीशन किया जाना था, लेकिन कई कारणों से इसमें देरी हुई। यह रूस से दस वर्ष की लीज पर ली गई है।

8- आईएनएस अरिहंत को पहली बार साल 2009 में विशाखापत्नम में शिप बिल्डिंग सेंटर में लॉन्च किया गया था।

9- 2016 में अरिहंत को प्रेरणा के लिए रखा गया वहीं इसी साल अगस्त में इसे सेवा के लिए सौंप दिया गया।

10- वर्तमान में भारतीय नौसेना रूस से ली गई आईएनएस चक्र (एसएसएन) की सेवाएं ले रही है। इसे एक बिलियन डॉलर की कीमत पर दस साल के लिए लीज पर लिया गया है।

ये भी पढ़ें...आईएनएस अरिहंत: 9 पॉइंट्स में जानें पहली न्यूक्लियर पनडुब्बी के बारे में

ये भी पढ़ें...परमाणु पनडुब्बी INS अरिहंत ने पूरी की पहली पेट्रोलिंग, PM बोले- अब दुश्मन न करें कोई दुस्साहस

ये भी पढ़ें...INS अरिहंत बढ़ाएगा देश की परमाणु क्षमता, जल,थल और वायु से भारत दाग सकेगा मिसाइलें

Tags:    

Similar News