नई दिल्ली: आजकल सोशल मीडिया पर 'फेसऐप' का खूब नाम चल रहा है। हालांकि ये ऐप 2017 से गूगल पर है लेकिन चर्चा में अब आया है। इस ऐप में फोटो एडिट किए जाते हैं लेकिन ये फोटो एडिटिंग थोड़ी अलग है जो आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर काम करती है। इस वजह से इस ऐप की फोटो एडिटिंग ज्यादा असली लगती है। साथ ही, इसमें कुछ फिल्टर ऐसे हैं जो आपको बुढ़ापा या जवानी का लुक भी दे सकते हैं। इसी वजह से ये ऐप ज्यादा ही मशहूर हो रहा है। वैसे, इस ऐप में नई हेयरस्टाइल, दाढ़ी का स्टाइल, चश्मा लगाने और मेकअप जैसे फिल्टर भी दिए गए हैं।
यह भी पढ़ें : अब जल्द खत्म होगा ट्रेनों में सीटों का झगड़ा
सेंट पीटर्सबर्ग, रूस स्थित सॉफ्टवेयर कंपनी वायरलेस ने ये ऐप बनाया है। इस ऐप के नियम और शर्तों से यूजर्स की प्राइवेसी में सेंध लगने की बात सामने आई है। पहले ये बात बस सोशल मीडिया यूजर्स के बीच ही थी लेकिन अमेरिकी सीनेट में नेता चक शूमे ने इस ऐप को प्रतिबंधित करने और इसकी जांच एफबीआई से करवाने की बात कही है। शूमे का कहना है कि यह ऐप राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा है। यह ऐप यूजर का डाटा चोरी कर रहा है और अमेरिकी नागरिकों की संवेदनशील जानकारी इस ऐप के जरिए लीक हो रही हैं। हालांकि इस ऐप को बनाने वाली कंपनी ने इन आरोपों से इंकार किया है। कंपनी का कहना है कि तस्वीरों को क्लाउड पर प्रोसेस किया जाता है जिससे वो अच्छे से एडिट की जा सकें। तस्वीर के प्रोसेस होने के 48 घंटे बाद इसे सर्वर से डिलीट कर दिया जाता है।
सब कुछ कंपनी का
ऐप की टर्म ऑफ सर्विस में लिखा है कि फेसऐप को लगातार, हमेशा के लिए, नॉनएक्सक्लूसिव, बिना किसी रॉयल्टी के, पूरी दुनिया में, पूरी तरह से देय, इस्तेमाल किए जाने के लिए हस्तांतरणीय लाइसेंस दिया जाता है जो यूजर के डाटा को अपने हिसाब से इस्तेमाल कर सके। इसे वह किसी और को बेच सकता है। इसे अपने हिसाब से बदल सकता है। इसे किसी भी मीडिया फॉरमेट में इस्तेमाल कर सकता है। वो इसे हाल में उपलब्ध या आने वाले समय में आए किसी भी प्लेटफॉर्म पर इस्तेमाल कर सकता है। इसके लिए यूजर को किसी तरह का कोई भुगतान या मुआवजा नहीं दिया जाएगा।
इसे आसानी से समझें तो पता चलता है कि अगर आपने कभी एक फोटो एडिट करने के लिए इस ऐप का इस्तेमाल किया तो वह तस्वीर कंपनी द्वारा किसी भी काम में ली जा सकती है। यह कंपनी के प्रचार से लेकर किसी भी काम आ सकती है। बड़ी बात यह है कि इसकी जानकारी भी यूजर को नहीं दी जाएगी। हो सकता है कंपनी आने वाले दिनों में आपकी तस्वीर किसी प्रचार कंपनी को बेच दे जो कहीं शराब के विज्ञापन के साथ आपकी तस्वीर लगाकर बेचे और आपको पता भी ना चले।
यह भी पढ़ें : इस गांव में देवता की तरह पूजे जाते हैं वीर अब्दुल हमीद
ऐप की शर्तों में यह भी लिखा है कि फेसऐप को ये अनुमति दी जाती है कि वह किसी भी सामग्री का इस्तेमाल कर सकेगा चाहे उसके साथ किसी का नाम, आवाज, पहचान या कोई और निजी चीज जुड़ी हुई है। यानी इस ऐप पर जिसकी भी तस्वीर आएगी उसका पूरा अधिकार यूजर फेसऐप को दे रहा है। साथ ही वह अपनी पहचान उजागर करने की अनुमति भी दे रहा है जो यूजर की प्राइवेसी के लिए एक बड़ा खतरा है। इसके अलावा शर्तों में लिखा है कि ऐप पर कुछ भी पोस्ट करने का मतलब है कि वह सामग्री पब्लिक होगी और उस सामग्री के साथ जो भी जानकारी होगी वो भी सार्वजनिक हो जाएगी। कुछ यूजर्स का आरोप है कि फेसऐप द्वारा उनकी गैलरी से तस्वीरें अपने सर्वर पर अपलोड की जा रही हैं।फेसऐप बनाने वाली कंपनी ने कहा है, 'हम तस्वीरों को क्लाउड पर अपलोड करते हैं लेकिन इसकी मुख्य वजह परफॉर्मेंस और ट्रैफिक है। हम यह तय करना चाहते हैं कि एक यूजर बार-बार एक ही तस्वीर अपलोड नहीं करता रहे। इसलिए अपलोड की गई अधिकतर तस्वीरें अपलोड होने के 48 घंटे बाद डिलीट कर दी जाती हैं। हम यूजर का डाटा किसी थर्ड पार्टी के साथ साझा नहीं करते हैं। हम यूजर के डाटा जिसमें कुकीज, लॉग फाइल, डिवाइस की पहचान, लोकेशन और इस्तेमाल का डाटा शामिल है, को फेसऐप को बनाने वाली कंपनी के स्वामित्व वाली दूसरी पार्टियों के साथ साझा करता है। इसका उपयोग सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए किया जाएगा। डाटा को सिर्फ उन्हीं थर्ड पार्टियों के साथ साझा किया जाएगा जो फेसऐप की गुणवत्ता सुधार के लिए काम करती हैं। हम किसी यूजर की गैलरी से सिर्फ उसी तस्वीर को अपलोड करते हैं जिसे यूजर चाहता है।
फेसऐप को इस्तेमाल करने के नियम और शर्तों में 48 घंटे के अंदर क्लाउड से तस्वीरें डिलीट करने का जिक्र नहीं है। फेसऐप आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और न्यूरल नेटवर्क तकनीक पर काम करता है। ऐसे में काम करने के लिए इसे ज्यादा जानकारी चाहिए होती है। कंपनी ने बयान जारी कर सफाई दी है और चल रहे विवादों को कम करने की कोशिश की है। बहरहाल, यूजर्स इस ऐप का जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं। डाटा के मुताबिक एपल ऐप स्टोर पर 121 देशों में इस समय फेसऐप डाउनलोड किए जाने के हिसाब से नंबर 1 बना हुआ है। गूगल प्ले स्टोर से इस ऐप को अब तक 10 करोड़ से ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है।
कई और ऐप ले लेते हैं आपका डाटा
फेसऐप पर फठ रहे सवालों के बीच कई सिक्योरिटी एनालिस्टों ने कहा है कि लोग फेसऐप की शर्तों से घबराए हुए हैं लेकिन अगर वो लोग ध्यान से स्नैपचैट, इंस्टाग्राम या कई अन्य ऐप की शर्तों को पढ़ें तो पाएंगे कि सभी लोग आपका डाटा ले रहे हैं।