लखनऊ। निरंतर बढ़ रही रेल दुर्घटनाओं में रेलवे कर्मचारियों की उजागर होती लापरवाही से बचाव के लिये अब रेल के कर्मचारी संगठनों ने पोल खोलो अभियान चला दिया है, जिसमें ये बता रहे हैं कि आखिर किस तरह चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को हुक्मरान अपने घरों पर सेवक के रूप में लगाये बैठे हैं।
ये भी देखें:देश में अलग टाइम जोन बनाने की तैयारी, क्यों है जरुरत…क्या होगा फायदा
ये भी देखें:प्रदूषण और शहरीकरण के चलते 687 पौधों और जीवों की प्रजातियां संकट में
इन कर्मचारियों की विडियो क्लिप और उपस्थिति रजिस्टर की फोटोंकॉपी ट्रैक मेनटेनर एसोसिएशन ने रेलवे बोर्ड को बीते दिनों भेज दिया है। रेलवे बोर्ड और एसोसिएशन के बीच हुये खतो किताबत के बाद इन्हे हटाये जाने के आदेश तो जारी हो गये पर ये महज कागजी है।
ये भी देखें:हम भाजपा को नियंत्रित नहीं करते : RSS चीफ मोहन भागवत
ये भी देखें:सवाल तो बनता है! 111 डाॅलर प्रति बैरल पर 65 रू, तो 48 डाॅलर पर 72 रू में पेट्रोल क्यों ?
ट्रैक मेनटेनर बोर्ड को बताया है कि 15 फीसदी कर्मचारी पटरियों की देखभाल करने की जगह रेल अफसरों के घरों पर हैं। यह हालत सिर्फ लखनऊ के दोनों मण्डलों में है। ट्रैक मेनटेनर एसोसिएशन के सहायक सचिव विश्वनाथ सिंह यादव के मुताबिक उत्तर रेलवे के लखनऊ मण्डल में 6000 गैंगमैन और ट्रैकमैन तैनात हैं। इनमें से आठ सौ अफसर के घर खाना बनाने, बच्चों को स्कूल छोडने आदि घरेलू काम में लगे हैं।
ये भी देखें:AIADMK से आउट हुए दिनाकरन बोले-इस सरकार को भेजूंगा घर वापस
यादव के मुताबिक एसोसिएशन ने पहले भी कई बार रेलवे बोर्ड को ज्ञापन देकर उनके मूल पदों पर वापस भेजने का आग्रह किया गया था ताकि सुरक्षा का ख्याल रखा जा सके। लेकिन हुआ कुछ नहीं। गौरतलब है कि उत्कल एक्सप्रेस के हादसे की वजह कर्मचारियों की कमी ही रही क्योकि ट्रैक की देखभाल नहीं हो पा रही थी।
ये भी देखें:#IAmGauri protest : लंकेश की हत्या के विरोध में रैली, सैकड़ों की भीड़