मलप्पूरम (केरल): भारत के इतिहास में पहली बार ने जुमे की नमाज अदा कराकर इतिहास रच चुकी पहली महिला इमाम जमीदा बेगम ने तीन तलाक को लेकर ऐलान कर दिया है। उनके मुताबिक तीन तलाक को खत्म करने की उनकी कोशिशें जारी रहेगी और वह तीन तलाक को खत्म कराकर ही छोडेंगी। जमीदा का यह बयान तब आया है जब मोदी सरकार इसी संसद के सत्र में राज्यसभा से तीन तलाक को खत्म करने का कानून पास कराने की कोशिश कर रही है।
कासगंज विवाद: बरेली डीएम के विवादित पोस्ट से मचा बवाल, जानें ऐसा क्या कह डाला
कौन हैं जमीदा बेगम
केरल के मलप्पुरम में कुरान सुन्नत सोसायटी की महासचिव जमीदा बेगम 34 साल की हैं। उन्होने मुस्लिम बहुल जिले में सोसायटी के कार्यालय में नमाज के दौरान इमाम की भूमिका निभायी थी। इस नमाज में महिलाओं समेत करीब 80 लोगों ने भाग लिया। जमीदा के मुताबिक इस्लाम में कहीं नहीं लिखा है कि केवल पुरुष ही जुमे की नमाज अदा करवा सकते हैं। कुरान में किसी भी धार्मिक कृत्य या विश्वास को लेकर कोई लैंगिक भेदभाव नहीं है। उन्होने कहा कि वह पुरूषों की बनाई रूढ़िवादी परंपराओं को तोड़ना चाहती हैं और कुरान में कहीं नहीं लिखा है कि नमाज, हज, जकात, रोज़ा जैसे सभी धार्मिक कृत्यों में औरत या मर्द में भेदभाव किया जाय।
मिल रही हैं धमकियां, कहा इस्लाम के खिलाफ साजिश
इन बयानों के बाद जमीदा अब कट्टरपंथियों के निशाने पर आ गई। उनका आरोप है कि ये कुछ इस्लाम विरोधी लोगों की साजिश है। जमीदा के इस कदम के बाद कठमुल्लों ने उसे धमकियां दी हैं। उनके अनुसार मुसलमान औरत नमाज अदा करवा सकती है लेकिन केवल महिलाओं को न कि पुरुषों को। जमीदा को तीन तलाक और जबरदस्ती धर्म परिवर्तन के खिलाफ आवाज उठाने की वजह से पहले भी धमकियां मिलती रही हैं।