Labour Day 2023: आखिर क्यों 1 मई को मनाया जाता है मजदूर दिवस, जाने विस्तार से

Labour Day 2023: लेबर डे, श्रमिक दिवस, मजदूर दिवस, मई डे के नाम से जाना जाता है। मजदूर दिवस का दिन न केवल श्रमिकों को सम्मान देने के लिए होता है बल्कि इस दिन मजदूरों के हक के प्रति आवाज भी उठाई जाती है।

Update:2023-05-02 01:26 IST
labour day 2023 (Photo-Social Media)

Labour Day 2023: हर साल 1 मई को देश-दुनिया में मजदूर दिवस मनाया जाता है। मजदूरों और श्रमिकों को सम्मान देने के उद्देश्य से हर साल एक मई का दिन इनको समर्पित होता है। जिसे लेबर डे, श्रमिक दिवस, मजदूर दिवस, मई डे के नाम से जाना जाता है। मजदूर दिवस का दिन न केवल श्रमिकों को सम्मान देने के लिए होता है बल्कि इस दिन मजदूरों के हक के प्रति आवाज भी उठाई जाती है।

आखिर क्यों 1 मई को मनाया जाता है मजदूर दिवस

बात साल 1886 की है।1 मई के दिन ही अमेरिका में मजूदर आंदोलन की शुरुआत हुई। अमेरिका के मजदूर और कामगार सड़क पर उतर आए और अपने हक के लिए आवाज बुदंल करने लगे। दरअसल, उस समय मजदूरों से 15-15 घंटे काम लिया जाता था और हालात बहुत बुरे थे। इसी से परेशान होकर मजदूरों ने अपनी लड़ाई लड़ने का फैसला लिया और सड़क पर उतर गए।आंदोलन के बीच में मजदूरों पर पुलिस ने गोली चला दी और कई मजदूरों की जान चली गई।वहीं 100 से ज्यादा श्रमिक घायल हो गए। इस आंदोलन के तीन साल बाद 1889 में अंतरराष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन की बैठक हुई। जिसमे तय हुआ कि हर मजदूर से केवल दिन के 8 घंटे ही काम लिया जाएगा। इस सम्मेलन में ही 1 मई को मजदूर दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा गया। साथ ही हर साल 1 मई को छुट्टी देने का भी फैसला लिया गया। अमेरिका में श्रमिकों के आठ घंटे काम करने के निमय के बाद कई देशों में इस नियम को लागू किया गया।

मज़दूर दिवस का उद्देश्य

मजदूर दिवस का मकसद यह है कि मजूदरों और श्रमिकों की उपलब्धियों का सम्मान किया जाए और हक की लड़ाई लड़ते हुए अपनी जान गंवाने वाले लोगों के योगदान को याद किया जाए।इसके साथ ही हमेशा मजदूरों के हक और अधिकारों की आवाज को हमेशा बुलंद किया जाए। यही वजह है कि बहुत सारे संगठनों में कर्मचारियों को इस दिन छुट्टी भी दी जाती है।लेबर डे दरअसल बग़ावत और शहादत का दिन है।इस तारीख़ को दुनिया की सबसे ताकतवर मुल्क के मजदूरों ने अपने-अपने मालिकों के खिलाफ बग़ावत छेड़ दी थी।
भारत में कब हुई शुरूआत

अमेरिका में भले ही 1 मई 1889 को मजदूर दिवस मनाने का प्रस्ताव आ गया हो। लेकिन भारत में ये आया करीब 34 साल बाद। भारत में 1 मई 1923 को चेन्नई से मजदूर दिवस मनाने की शुरूआत हुई। इसकी शुरुआत लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान ने मद्रास में की थी। इस दिन पहली बार लाल रंग झंडा मजदूर दिवस के प्रतीक के रूप में उपयोग में लाया गया था।लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान की अध्यक्षता में यह फैसला किया गया। इस बैठक को कई सारे संगंठन और सोशल पार्टी का समर्थन मिला। जो मजदूरों पर हो रहे अत्याचारों और शोषण के खिलाफ आवाज उठा रहे थे। इसका नेतृत्व कर रहे थे वामपंथी।

भारत में मजदूर दिवस समारोह( Labour Day Celebration)

श्रमिक दिवस को ना सिर्फ भारत में बल्कि पूरे विश्व में एक विरोध के रूप में मनाया जाता है.।ऐसा तब होता है जब कामकाजी पुरुष व महिला अपने अधिकारों व हित की रक्षा के लिए सड़क पर उतरकर जुलुस निकालते हैं। विभिन्न श्रम संगठन व ट्रेड यूनियन अपने अपने लोगों के साथ जुलुस, रैली वपरेड निकालते हैं। इन सबके अलावा अलग अलग राजनीतिक पार्टियों के नेता जनता के सामने भाषण देते हैं, अगले चुनाव में जीतने के लिए ऐसे मौकों का वे सब भरपूर फायदा उठाते हैं। 1960 में बम्बई को भाषा के आधार पर 2 हिस्सों में विभाजित कर दिया गया था, जिससे गुजरात व महाराष्ट्र को इसी दिन (1 मई) स्वतंत्र राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ था।इसलिए मई दिवस के दिन महाराष्ट्र दिवस व गुजरात दिवस के रूप में क्रमशः महाराष्ट्र व गुजरात में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। श्रमिक दिवस एक ऐसा अवसर है, जब दुनिया के सभी लोग मजदूर वर्ग की सच्ची भावना को समझ कर उसका जश्न मनाते हैं। यह एक ऐसा दिन है जब सभी श्रमिक को एक साथ सबके सामने अपनी ताकत, एकजुटता दिखाने का मौका मिलता है, जो यह दर्शाता है कि श्रमिक वर्ग अपने अधिकारों के लिए कितने प्रभावी ढंग से सकरात्मक रूप में संघर्ष कर सकता है।

मज़दूर दिवस से जुड़े फैक्ट्स

  • भारत में 'मे डे' या फिर 'लेबर डे' को हिन्दी में कामगर दिन या फिर अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस, अंतरराष्ट्रीय मज़दूर दिवस कहा जाता है। वहीं, तमिल में
    ‘उज़ाओपालर नाल’ और मराठी में ‘कामगर दिवस’ कहा जाता है।
  • भारत ने पहली बार मज़दूर दिवस चेन्नई (जिसे उस वक्त मद्रास कहा जाता था) में साल 1923 में मनाया था।
  • भारत सहित 80 से ज़्यादा देशों में मज़दूर दिवस के दिन छुट्टी मनाई जाती है।
  • सभी देशों के संगठनों के लिए मई दिवस पर काम नहीं करना अनिवार्य कर दिया गया था।
  • 1 मई को महाराष्ट्र दिवस और गुजरात दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।
  • लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान पहला समूह था जिसने भारत में मई दिवस समारोह का आयोजन किया था।

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