NAGALAND के पूर्व सीएम शुरहोजेली लिजीत्सु ने जीता उपचुनाव
नगालैंड के पूर्व सीएम और नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) सुप्रीमो शुरहोजेली लीजीत्सु ने गुरुवार को नॉर्थन अंगामी-1 विधानसभा उपचुनाव जीत लिया।
कोहिमा नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के प्रमुख और नागालैंड के पूर्व मुख्यमंत्री शुरहोजेली लिजीत्सु ने गुरुवार को उत्तरी अंगमी-1 विधानसभा क्षेत्र से उपचुनाव जीत लिया। लिजीत्सु ने उपचुनाव में अपने प्रतिद्वंद्वी निर्दलीय उम्मीदवार केखरील्होएली यहोमे को 3,470 मतों से हराया। लिजीत्सु की डेमोक्रेटिक एलायंस ऑफ नागालैंड के नेतृत्व वाली सरकार को विधानसभा में अपना बहुमत साबित करने में असफल रहने के बाद सत्ता से हटने पड़ा था।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी अभिजीत सिन्हा ने कहा कि 29 जुलाई को हुए उपचुनाव में 80 वर्षीय क्षेत्रीय नेता ने 8,038 मत प्राप्त किए जबकि यहोमे को 4,568 मत प्राप्त हुए।
नागालैंड विधानसभा के लिए चुने गए लिजीत्सु ने आईएएनएस से कहा, "मैं मतदाताओं का शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने लगातार मेरा समर्थन किया।"
24 मई को एनपीएफ के वर्तमान विधायक खरीहू लिजीत्सु द्वारा अपनी सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद उपचुनाव किया जाना आवश्यक था। खरीहू लिजीत्सु ने अपने पिता शुरहोजेली लिजीत्सु को चुनाव लड़ने के लिए और विधानसभा पहुंचाने के लिए अपनी सदस्यता से इस्तीफा दिया था।
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22 फरवरी को शुरहोजेली चुनावी राजनीति से अलग होने की अपनी पूर्व की घोषणा को तोड़ते हुए टी.आर जेलियांग द्वारा मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद नागालैंड के मुख्यमंत्री बने थे।
जेलियांग ने राज्य में स्थानीय निकाय चुनावों में महिलाओं को 33 प्रतिशत का आरक्षण दिए जाने के निर्णय के खिलाफ आदिवासी समूहों के हिंसक विरोध के बाद पद से इस्तीफा दिया था।
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19 जुलाई को जेलियांग के दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद एनपीएफ आंतरिक संकट का सामना कर रही है। जेलियांग को एनपीएफ के 36, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) चार और सात स्वतंत्र विधायकों ने समर्थन दिया हुआ है।
शुरहोजेली लिजीत्सु के नेतृत्व के वाली एनपीएफ ने उनकी सरकार को गिराने और पार्टी के संविधान का उल्लंघन करने के आरोप में पार्टी के 20 विधायकों को निष्कासित और 10 को बर्खास्त किया था।
मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद जेलियांग एनपीएफ द्वारा छह वर्ष के लिए निष्कासित किए जाने वाले सबसे पहले पार्टी सदस्य थे।
मंगलवार को शुरहोजेली लिजीत्सु गुट ने अपने इकलौते लोकसभा सदस्य नेफियू रियो को एनपीए विधायकों को तोड़ने में सीधे शामिल रहने के आरोप में पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से बर्खास्त कर दिया था।