Narendra Modi: स्मृतियां, तुमसे मिलने का ये नया सेतु है मां... पीएम मोदी का मां को याद करता भावुक वीडियो
Narendra Modi: नरेंद्र मोदी का बेहद भावुक वीडियो- "पूज्य मां, आप और मैं आशीर्वाद के डोर से बंधे हैं। जैसे विशाल अंतरिक्ष में यात्री को एक डोर अपने अंतरिक्ष यान से बांध कर रखती है, उसे खोने नहीं देती वैसी डोर आपका आशीर्वाद है मेरे लिए।"
Narendra Modi- ‘मैं और माँ’, और ‘ सेलेब्रेटिंग मदरहुड’ के अंदाज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी माँ हीरा बेन को याद किया है। तक़रीबन पाँच मिनट के एक वीडियो में मां-बेटे के जीवन के विभिन्न पड़ावों को दर्शाते विजुअल्स के बीच में याद करता उनका भावुक अंदाज और मां हीराबेन के आशीर्वाद रूपी शब्द हैं। वीडियो के बीच-बीच में मोदी और उनकी बाइट भी है, जो माँ और बेटे के बीच जिये गये जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाती है। वॉइस ओवर के जरिए इस वीडियो में वह मां की ममता के साथ ही उनकी शिक्षाओं को साझा कर मां के प्रति कृतज्ञता जाहिर करते सुने जा सकते हैं।
आइए जानते हैं एक बेटे ने अपने मां को किस तरह याद किया।04 मिनट 46 सेकेंड के इस वीडियो का टाइटल 'मैं और मां' है। इसमें कहा गया है, "बचपन में स्कूल में पढ़ते थे, तब मां हीराबेन पर निबंध लिखते थे। मां तो मां होती है। मां ठंडी हवा बस तू, बाकी सब जंगल की गर्म लौ। 90 साल की उम्र में भी मां अपना सारा काम खुद करती थी। पूज्य मां, आप और मैं आशीर्वाद के डोर से बंधे हैं । जैसे विशाल अंतरिक्ष में यात्री को एक डोर अपने अंतरिक्ष यान से बांध कर रखती है, उसे खोने नहीं देती वैसी डोर आपका आशीर्वाद है मेरे लिए। आपके आशीष के समान ही आपके संस्कारों की विशाल छत्र मेरे सिर पर हमेशा रही। कभी मेरी रक्षक बन कर, कभी मेरी मार्गदर्शक बन कर।"
"मां आप भगवान की मूर्ति थीं "
"आप ही ने मुझे देश सेवा की राह दिखाई। हमारे पास धन नहीं था फिर भी मन से हर सुबह पीड़ितों की सेवा करती थीं। उन्हें खिलाती थीं। उनका घरेलू उपचार करती थीं। आप ही ने मुझे गरीब माताओं-बहनों की सेवा करने की सीख दी। आपको सबके लिए बिना भेदभाव सच्चाई से काम करते हुए देख मुझे कर्म के प्रति ईमानदारी आपसे उपहार में मिली मां। मां आप भगवान की मूर्ति थीं । आप ही से मेरी अध्यात्मिकता को उंचाई मिली। आप ही के आशीर्वाद से मैंने महामारी में गरीब को भूखे पेट सोने नहीं दिया।"
'काम करो बुद्धि से और जीवन जियो शुद्धि से'
वीडियो में कहा गया है, "जब मैं पहली बार मुख्यमंत्री बना तब मां पहले शब्द थे कि भाई तू क्या काम करता है मुझे पता नहीं पर जीवन में रिश्वत कभी मत नहीं लेना। कुछ दिनों पहले आपकी आखिरी सीख थी 'काम करो बुद्धि से और जीवन जियो शुद्धि से'। इन दोनों के बीच ही मैंने अपने कार्यकाल में करप्शन को रोकने का, डिजिटलाइजेशन को बढ़ाने का, सरकार के खाते से निकला एक-एक रुपया गरीब के खाते तक पहुंचाने का शत-प्रतिशत प्रयास किया। पूज्य मां आज आप नहीं रहीं। फिर भी आपके दिए संस्कार मेरे मन-मष्तिस्क पर आपके दो हाथों की तरह फैले हैं जो मुझे शक्ति ..शिक्षा देते हैं। नमन करना, माथे पर तिलक लगाना, मिठाई खिलाना, हाथ थामना, दिया जलाना, चरण स्पर्श करके मेरी उंगलियों की छोर से होकर आपकी उर्जा का मेरी नस-नस तक पहुंचना। ये चंद स्मृतियां मेरे और आपके बीच का अब नया पुल है मां। तुमसे मिलने का ये नया सेतु है मां। इसी पर टहला करूंगा, जब कभी जीवन में संघर्ष या हर्ष के क्षण मिले, आगे कहीं भी रहूंगा आपकी कमी हमेशा रहेगी दुनिया सही कहती है।"
नरेंद्र मोदी का यह वीडियो बेहद भावुक कर देने वाला है। आज जब माँ हीराबेन नहीं है, तब जिस तरह नरेंद्र मोदी उन्हें याद कर रहे हैं। उनसे मिली शिक्षाओं को दोहरा रहे हैं। अपने व्यक्तित्व निर्माण में माँ के होने का अहसास करा रहे है। यह उनके भीतर बैठे एक भावुक व कवि हृदय के ही अहसास व उद्ग़ार हैं। यह बहुत कम लोग जानते हैं कि नरेंद्र मोदी ने गुजराती भाषा में ख़ासा साहित्य सृजन किया है। उनकी कहानियों का कोई सानी नहीं है। उनकी तमाम रचनाएँ उनके प्रधानमंत्री बनने से पहले अन्य भाषा में अनुदित हो चुकी हैं। माँ से नरेंद्र मोदी के रिश्तों की सघनता को इससे ही समझा जा सकता है कि वह हर जन्म दिन पर माँ से आशीर्वाद लेने से कभी नहीं चूके। माँ ने भी कभी गीता, कभी सहेजे गये मुट्ठी भर पैसे देकर मोदी को अपने में रहना सिखाया। ताकि लोगों के बीच वह निरंतर एक सुख भरी हवा की तरह बहते रहें। माँ के होने का अहसास करते रहें। यह वीडियो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आधिकारिक वेबसाइट साइट नरेंद्र मोदी डॉट इन (narendramodi.in) पर अपलोड किया गया है।