नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी ने केन्द्र के सचिवों और राज्यों के मुख्य सचिवों को विश्व बैंक की रिपोर्ट का अध्ययन करने को कहा है। विश्व बैंक ने 'व्यापार करने में सुगमता' रिपाेर्ट में 190 देशों की सूची में भारत को 130वां स्थान दिया था, मोदी ने इस पर अधिकारियों से सुधार की गुंजाइश वाले क्षेत्रों पर सुझाव मांगे हैं।
पीएम नरेंद्र मोदी ने वरिष्ठ अध्ािकारियों को ये संदेश हर महीने होने वाली 'प्रगति' के दौरान दिया। गौरतलब है कि मंगलवार को ही वर्ल्ड बैंक ने अपनी वार्षिक रैंक जारी की थी। सरकार ने इस पर कम से कम एक दर्जन सुधारों को नजरअंदाज करने पर विरोध जताया था।
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पीएम: सुधार की गुंजाइश वाले क्षेत्रों की करें पहचान
एक आधिकारिक बयान में कहा गया, है कि वर्ल्ड बैंक की हालिया 'व्यापार करने में सुगमता' रिपाेर्ट का जिक्र करते हुए, पीएम मोदी ने सभी मुख्य सचिवों और सरकार के सभी सचिवों को उन क्षेत्रों की पहचान करने को कहा है, जहां उनके विभागों और राज्यों में सुधार की गुंजाइश है। पीएम मोदी ने सभी से इस संबंध में एक महीने के भीतर रिपोर्ट देने को कहा है। रिपोर्ट की समीक्षा कैबिनेट सेक्रेटरी उनकी समीक्षा करेंगे।
वाणिज्य मंत्री ने जताई थी निराशा
इससे पहले वाणिज्य एवं व्यापार मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्र और राज्यों की ओर से उठाए गए कदमों और सुधारों को महत्व न दिए जाने पर निराशा जताई थी। उन्होंने कहा, न सिर्फ भारत सरकार, बल्कि हर राज्य इसमें शामिल है और हालात को आसान बनाना चाहता है, लेकिन पता नहीं किन कारणों से, इसे रैंकिंग में पर्याप्त महत्व नहीं दिया गया। पूरी टीम इंडिया काफी काम कर रही है।
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'मैं रिपोर्ट की आलोचना नहीं करती'
निर्मला सीतारमण ने कहा, 'वह रिपोर्ट की आलोचना नहीं कर रही हैं। सरकार नए फोकस और रफ्तार के साथ भारत की रैंकिंग सुधारने के लिए काम करेगी।' उन्होंने कहा, यह रैंकिंग मुझे यह संदेश देती है कि हम जो कर रहे हैं, उसमें और फोकस्ड और तेज रहना होगा।
सीआईआई ने की आलोचना
हालांकि इंडस्ट्री चैंबर ने भी रैंकिंग्स की आलोचना की। सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, 'वर्ल्ड बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग्स में संपूर्ण व्यापारिक माहौल में आए सार्थक बदलाओं को नजरअंदाज किया गया है।'
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