SC का सरकार से सवाल, क्या आप ताजमहल को तबाह करना चाहते हैं ?
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सरकार से पूछा कि क्या वह दुनियाभर में मशहूर ताजमहल को नष्ट करना चाहती है?
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सरकार से पूछा कि क्या वह दुनियाभर में मशहूर ताजमहल को नष्ट करना चाहती है? कोर्ट की यह सख्त टिप्पणी उस याचिका पर सुनवाई के दौरान की गई जिसमें मथुरा और दिल्ली के बीच एक अतिरिक्त रेलवे ट्रैक बिछाने के लिए 400 पेड़ो को काटे जाने को मंजूरी देने की मांग की गई थी। कोर्ट पर्यावरणविद एम.सी मेहता की याचिका पर भी विचार कर रही है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई अगले महीने होगी।
जस्टिस मदन बी लोकुर और दीपक गुप्ता की बेंच ने कहा कि ताजमहल विश्वप्रसिद्ध स्मारक है और आप (सरकार) इसे तबाह करना चाहते हैं? क्या आपने ताजमहल की हालिया तस्वीरें देखीं हैं। इंटरनेट पर जाइए और जरा इस पर एक नजर डालिए। अगर आप ऐसा चाहते हैं तो एफिडेविट या एप्लीकेशन फाइल कीजिए और कहिए कि भारत सरकार ताज को तबाह करना चाहती है।
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क्या कहना है सरकार का ?
सरकार ने अपनी पिटीशन में ताजमहल के 80 किलोमीटर दायरे में 400 पेड़ काटने की इजाजत मांगी है, ताकि दिल्ली से मेरठ के बीच एक अलग रेलवे ट्रैक बिछाया जा सके। सरकार का कहना है कि ट्रेन के मूवमेंट में आ रही रुकावट को दूर करने के लिए एक अतिरिक्त रेलवे ट्रैक बनाना जरूरी है।
ताज को बचाने की अपील
याचिकाकर्ता मेहता ताज महल की सुरक्षा के लिए इस इलाके में होने वाले डेवलपमेंट पर नजर रखते हैं। मेहता ने याचिका में प्रदूषण के बुरे प्रभाव और जंगलों के कटने से पड़ने वाले प्रभावों से ताज को बचाने की अपील की थी। इस सिलसिले में कोर्ट ने कुछ निर्देश भी जारी किए थे। कोर्ट ऐतिहासिक ताजमहल के संरक्षण के लिए क्षेत्र में विकास गतिविधियों की निगरानी कर रहा है। 1631 में मुगल सम्राट शाह जहां ने ताजमहल को अपनी बीवी मुमताज की याद में बनवाया था। यह यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स में शामिल है।