फर्जी कंपनी चलाने वाले ठगों का भांडा फोड़, पुलिस ने मुंबई से किया आरोपियों को गिरफ्तार

दक्षिण अफ्रीका की एक फर्जी दाल कंपनी बताकर लाखों रुपए ठगने वाले गिरोह का पर्दाफाश हो गया है। पुलिस ने नाइजेरिया साउथ अफ्रीका

Update:2017-06-11 16:03 IST

नोएडा: दक्षिण अफ्रीका की एक फर्जी दाल कंपनी बताकर लाखों रुपए ठगने वाले गिरोह का पर्दाफाश हो गया है। पुलिस ने नाइजेरिया साउथ अफ्रीका के चाल्र्स नेमिका ऊर्फ डिवोन को मुबंई से गिरफ्तार किया है। यह 2008 में भारत आया था। वीजा समाप्त होने के बाद भी भारत में रह रहा था। इनका एक पूरा गिरोह है जो देश की बड़ी आयात निर्यात कंपनियों को अपने जाल में फंसाकर उनसे लाखों रुपए एेंठ लेते है।

मसूर, मूंग व चना दल के नाम पर ठगे 60 लाख

- पीड़ित राजकुमार आनंद दिल्ली के गगन विहार में रहते है। उनकी सेक्टर-63 के डी-134 में साई क्रिएशन्स नाम की कंपनी है। इनका आयात निर्यात का काम है।

- यह 8 से 10 देशों में अपना व्यापात करते है। जिसको ठगों ने अपना टारगेट बना लिया।

- इसी संबंध में साउथ अफ्रीका की एक कंपनी हायका ग्रुपस ट्रेड लिमिटेड ने स्टीवन रेंमड व मिस्टर मसिंगा के साथ कारोबार चालू किया।

- पहले कंसाइनमेंट के लिए कंपनी ने बतौर 86500 यूएसडी(भारत में 60 लाख रुपए) एडवांस एफएनबी जोहानसबर्क साउथ अफ्रीका में ट्रांसपर करा लिए।

- साथ ही कंपनी में शिपमेंट के जरिए माल प्राप्त करने के लिए शिपमेंट बिल, लाइसेंस , इनवाइस आदि दस्तावेज ऑनलाइ मंगवा लिए ।

तीन अप्रैल को आना था कंसाइनमेंट

तय तारीख को पीड़ित सभी दस्तावेज लेकर मुबंइ पोर्ट पहुंच गए। लेकिन जब वहां चैक कराया गया तो सभी दस्तावेज फर्जी मिले। अफ्रीका से कोई भी माल हिंदुस्तान नहीं पहुंचा। उन्हें जानकारी हो गई कि उनके साथ 60 लाख रुपए की ठगी हुई।

समय पर दी पुलिस को जानकारी

पीड़ित ने बताया कि ये सब मालूम होने के बाद भी उन्होंने दूसरे पक्ष को यह नहीं लगने दिया कि उन्हें ठगी के बारे में मालूम पड़ गया है। ऐसे में पीड़ित ने डिवोन से सही दस्तावेज भेजने के लिए कहा। डिवोन ने इसके एवज में आठ लाख रुपए की और मांग की। उसने यह आठ लाख रुपए एक्सिस बैंक शरावनी इंटरप्राइज मुंबई व एक्सिस बैंक सिमरन इंटरप्राइज जमा करने को कहा। इसके बाद पीड़ित ने मामले की शिकायत कोतवाली फेज-3 पुलिस से की। पुलिस मामले की जांच में जुट गई।

सर्विलांस के जरिए मिली लोकेशन

सर्विलांस व साइबर क्राइम सेल की टीम ने फर्जी नामों की आईडी और विभिन्न कंपनियों के फर्जी सिम कॉर्ड प्राप्त किए। जिसके बाद गिरोह का पर्दाफाश करते हुए चाल्र्स नेमिका ऊर्फ डिवोन को गिरफ्तार किया।

कैसे दिया ठगी को अंजाम

पूछताछ में अभियुक्त ने बताया कि वह भारत टूरिस्ट वीजा पर आते थे। वीजा समाप्त होने के बाद भी वह भारत में रह रहे थे। फेसबुक के जरिए मेरी दोस्ती रेंमड नाम के व्यक्ति से हो गई। वह भी भारत में बड़ी-बड़ी कंपनियों को टारगेट कर ठगी करता था। उसने और हम सभी ने मिलकर नोएडा की इस कंपनी को टारगेट किया। रेंमड द्वारा ही माल का फर्जी शिपिंग बिल, लाइसेंस आदि बनवाकर राजकुमार को भेजे गए थे।

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