श्रीनगर: कश्मीर घाटी में गुरुवार को अलगाववादियों द्वारा आहूत बंद से जनजीवन प्रभावित रहा। अधिकारियों ने इस दौरान अलगाविदयों को एहतियातन हिरासत में ले लिया, ताकि वे प्रदर्शन में शामिल न हो सकें। पुलिस ने जम्मू एवं कश्मीर लिबरेशन फ्रंट(जेकेएलएफ) के चेयरमैन मुहम्मद यासीन मलिक को शहर में विरोध मार्च में भाग लेने से रोकने के लिए एहतियातन हिरासत में ले लिया।
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श्रीनगर के बाहरी इलाके में मीरवाइज उमर फारुक और सैयद अली शाह गिलानी को उनके घर में नजरबंद कर दिया गया।सैयद अली गिलानी, मीरवाइज उमर फारुक और मुहम्मद यासीन मलिक के नेतृत्व में अलगाववादी समूह संयुक्त प्रतिरोध नेतृत्व (जेआरएल) ने वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या और घाटी में लगातार हो रही नागरिकों की हत्या के विरोध में बंद का आह्वान किया था।
बुखारी की 14 जून को श्रीनगर के प्रेस एन्क्लेव में हत्या कर दी गई थी। उनके साथ उनके दो सुरक्षाकर्मी भी मारे गए थे। अधिकतर स्थानों पर दुकानें, सार्वजनिक परिवहन, शैक्षणिक संस्थान और अन्य प्रतिष्ठानों को बंद रखा गया है, जबकि सार्वजनिक परिवहन का साधन नहीं होने की वजह से बैंकों, डाकघरों और सरकारी कार्यालयों में भी कम ही लोग पहुंचे।हालांकि, श्रीनगर के शहरी क्षेत्रों में निजी परिवहन और कुछ तिपहिया वाहन चल रहे थे।
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पर्यटकों को सोनमर्ग, पहलगाम और गुलमर्ग ले जानी वाली बसों का परिचालन सामान्य रहा। लेकिन, एहतियात के तौर पर रेल सेवाएं भी बंद कर दी गई।घाटी में पथराव की किसी भी घटना की रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई।
बंद का असर घाटी के अन्य बड़े शहरों व कस्बों पर भी पड़ा। बंद के बावजूद, राज्यपाल एन.एन. वोहरा और राज्य सरकार के सभी वरिष्ठ नौकरशाह श्रीनगर सिविल सचिवालय स्थित अपने-अपने कार्यालय गए।
--आईएएनएस