जयंती विशेष: सुभाष चंद्र बोस-भारतीयता की अनोखी पहचान

'एक सच्चे सैनिक को सैन्य और आध्यात्मिक दोनों ही प्रशिक्षण की ज़रुरत होती है।' अपने इस नारे से देशभर के जवानों में होंसलाउर उत्साह भरने वाले सुभाष चंद्र बोस की आज जयंती है।

Update:2018-01-23 09:47 IST

नई दिल्ली: 'एक सच्चे सैनिक को सैन्य और आध्यात्मिक दोनों ही प्रशिक्षण की ज़रुरत होती है।' अपने इस नारे से देशभर के जवानों में होंसलाउर उत्साह भरने वाले सुभाष चंद्र बोस की आज जयंती है।



इस अवसर पर राष्ट्रपति कोविंद, यूपी सीएम योगी ने उनको नमन किया।



इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नेता जी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने परिवर्तन चौक पहुंचे l उनके साथ वहां राज्यपाल राम नाईक भी मौजूद थे।

'सुभाष चंद्र बोस' भारत के स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों में एक वो नाम हैं, जिसने अपने क्रांतिकारी तेवर से ब्रिटिश राज को हिलाकर रख दिया था। वो भारतीयता की पहचान हैं। आज भी युवा उनसे प्रेरणा लेते करते हैं। वह ऐसे वीर सैनिक हैं, जिनकी गाथा इतिहास सदैव गाता रहेगा। ‘जय हिन्द’ का नारा भारत का राष्ट्रीय नारा बन गया।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मौत का रहस्य आज भी रहस्य ही है। लेकिन हाल ही में RTI से आए एक जवाब से नेताजी की रहस्यमय मौत की तस्वीर थोड़ी साफ दिख रही है। ये RTI सायक सेन नाम के व्यक्ति द्वारा दायर की गई थी, जिसमें गृह मंत्रालय ने ये जवाब भेजा कि नेताजी की मौत 18 अगस्त, 1945 को हुई थी।

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