गुजरात सरकार ने लगाया तीस्ता पर NGO के पैसे शराब पर उड़ाने का आरोप, सिब्बल ने जताया विरोध
नई दिल्ली: गुजरात सरकार के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में तीस्ता सीतलवाड़ पर एनजीओ के पैसे को शराब पर खर्च करने का गंभीर आरोप लगाया है। तीस्ता और उनके पति के बैंक खातों को फ्रीज करने के मामले में सुप्रीमकोर्ट में सुनवाई चल रही है।
जस्टिस दीपक मिश्रा व जस्टिस ए.एम.खानविलकर की पीठ मामले की सुनवाई कर रही है। सुनवाई के दौरान एडीशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि तीस्ता ने एनजीओ के पैसे का इस्तेमाल अपने निजी खर्चों और शराब पर किया।
तीस्ता ने किसी को धोखा नहीं दिया: सिब्बल
मेहता ने कहा कि तीस्ता ने पैसे तो शराब पर खर्च किए मगर खर्चों को धर्मनिरपेक्ष शिक्षा की श्रेणी में दिखाया। सरकारी वकील ने कोर्ट से तीस्ता को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की इजाजत मांगी। तीस्ता के वकील कपिल सिब्बल और अपर्णा भट्ट ने कहा कि तीस्ता की छवि खराब करने के लिए शराब सेवन का मुद्दा उठाया जा रहा है।
सिब्बल ने कहा कि फोर्ड फाउंडेशन ने शराब सहित सभी व्ययों को मंजूरी दी है। पिछले सात साल के दौरान शराब पर केवल 7,850 रुपये खर्च किये गये और इसे अपराध नहीं माना जा सकता। सिब्बल ने यह भी कहा कि जब फाउंडेशन ने कोई शिकायत नहीं की तो अपराध का सवाल ही नहीं उठता। तीस्ता का बचाव करते हुए सिब्बल ने तर्क दिया कि तीस्ता ने किसी के साथ धोखा नहीं किया है। तीस्ता को पैसे सरकार ने नहीं बल्कि फाउंडेशन ने दिए थे। उन्होंने कहा कि अपने काम के लिए लोगों से मिलना और उनके सत्कार के लिए पैसा खर्च करना गलत नहीं हैं।