नई दिल्ली: भारत के कई राज्यों में दो दिनों तक भारी तबाही मचाने के बाद चक्रवाती तूफ़ान का कहर पूरी तरह से थम गया है। इस तूफ़ान ने पश्चिम बंगाल, ओड़िशा और आन्ध्र प्रदेश में सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है। यहां के लोगों में तूफान के थमने के बाद भी इसका खौफ़ साफ तौर पर देखा जा सकता है। दहशत का आलम ये है कि यहां के लोगों ने अब अपने बच्चों के नाम 'तितली' तूफान के नाम पर रखना शुरू कर दिया है। इसके पीछे जो वजह बताई जा रही है। वह काफी हैरान कर देने वाली है।
राज्य के तटवर्ती इलाकों में आये भयकंर तूफ़ान तितली का सबसे ज्यादा असर गर्भवती महिलाओं पर पड़ा था। उन्हें प्रसव के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। तब जाकर उनका प्रसव हो पाया था। बताया जा रहा है कि मुश्किल हालात में जिन महिलाओं ने अपने बच्चों को जन्म दिया है।
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वे अब अपने बच्चे के जन्म को यादगार बनाने में जुटी हुई है। इसलिए उन्होंने अब अपने बच्चों का नाम तितली तूफ़ान के नाम पर रखने का निर्णय किया है। बड़ी ही तेजी के साथ महिलाएं आगे आ रही है और अपने बच्चों के नाम तितली तूफ़ान के नाम पर रख रही है।
तूफ़ान के कहर के बीच पारादीप की बीस वर्षीय अलेम्मा ने जुडवां बच्चों को जन्म दिया है। वह अब अपनी दोनों बेटियों का नाम तितली रखना चाहती हैं। अलेम्मा से जब पूछा गया कि यही नाम क्यों कोई दूसरा नाम क्यों नहीं? इस पर उनका कहना है कि वे अपने बच्चियों के जन्म को हमेशा के लिए यादगार बनाना चाहती है। इसलिए उन्होंने इस तरह का कदम उठाया है।
प्लुरुगाडा में रहने वाली बिमला दास ने भी एक बच्ची को जन्म दिया है ये उनका तीसरा बच्चा है वो भी अपनी बच्ची का नाम तितली ही रखना चाहती हैं।
बुधवार से लेकर गुरुवार के बीच सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) उस्का में नौ बच्चे पैदा हुए थे और ये सभी लड़कियां हैं। अस्पताल के डाक्टरों का कहना है कि हमने बुधवार मध्यरात्रि के बाद जन्म लेने वाले बच्चों को तितली नाम देने का फैसला किया। इस फैसले को बच्चों के माता –पिता भी सहर्ष स्वीकार कर रहे है।
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