जेल में कैदियों क्यों पहनाई जाती है सफेद लाइन वाली ड्रेस, कहां से हुई इसकी शुरुआत जानिए पूरी कहानी
Prisoners Dress Code: जेलों में बंद कैदियों के लिए विशेष तरह की सफेद काली धारियों वाली ड्रेस पहनाई जाती है। लेकिन इसके पीछे भी कई बड़े कारण हैं।
Prisoners Dress Code: देशभर की जेलों में बंद कैदियों के लिए एक ड्रेस कोड तय किया गया है। सफेद कमीज और पैजामा (पैंट) उसमें काले रंग की पट्टियां होती हैं। लेकिन कैदियों के लिए ये ड्रेस ही क्यों चुनी गई और जेल में ड्रेस की आखिर क्या ही आवश्यकता? अगर आपके जहन में ही ऐसे सवाल हैं तो आज इनका जवाब मिल जाएगा...
कहां से आया कैदियों के लिए ड्रेसकोड का विचार
ड्रेस कोड का कल्चर विदेश से भारत आया। दरअसल, इतिहासकारों की मानें तो 19वीं सदी में अमेरिका में ऑबर्न सिस्टम (Auburn Systems) की शुरुआत हुई। ये एक तरह से ‘दंडात्मक पद्धति’ है। इसके तहत अमेरिका की जेलों में बंद क़ैदियों के रहन-सहन के लिए कुछ नए नियम बनाये गये थे। तभी से ही क़ैदियों के लिए ‘ड्रेस कोड’ का सिस्टम शुरू किया गया था। इसमें जेल में हर कैदी को ग्रे-ब्लैक रंग की ड्रेस पर धारियां बनी होती थी। सभी कैदियों को सिर्फ वही ड्रेस पहनना होता था।
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इसी तरह अमेरिका से ड्रेस कोड सिस्टम लेकर भारत में शुरू किया गया। यहां सफेद धारियों वाला ड्रेस कोड लागू हुआ इसमें कैदी का नंबर भी लिखा होता है। देश में छोटा-बड़ा और पढ़ा-लिखा किसी भी तरह का कैदी हो यही ड्रेस पहनना होता है। कैदियों में किसी तरह मतभेद न रहे। वहीं, आईपीएस अरुण देव का कहना है कि ड्रेस सुरक्षा की दृष्टि से भी जरूरी है। इससे छोटे बड़े और खतरनाक अपराधी सब एक समान लगते हैं।
ड्रेस कोड से क्या है उद्देश्य
जेलों में क़ैदियों के लिए ‘ड्रेस कोड’ पीछे कई कारण हैं। इसकी पहली वजह थी ‘ड्रेस कोड’ के चलते क़ैदियों में अनुशासन आये। दरअसल, क़ैदियों की इस सफेद धारियों वाली इस ड्रेस को ‘सिंबल ऑफ़ शेम’ के तौर भी जाना जाता था, ताकि अपराधियों को अपने किए अपराध पर पछतावा हो। इसके पीछे दूसरा कारण ये था कि जेल से फ़रार होने पर कैदियों की पहचान हो सके। बिना ड्रेस वाले क़ैदियों का पुलिस की नज़रों से मिनटों में गायब होना आसान था लेकिन ड्रेस से लोगों की बीच तुरंत पहचान की जा सकती है।
वहीं, इसके अतिरिक्त इसके पीछे एक ये भी कारण माना जाता है कि सफ़ेद रंग में गर्मी कम लगती है। इस लिए क़ैदियों की ड्रेस सफ़ेद रंग दिया गया। वहीं, सफेद रंग ऐसा है जो रात में दिखने के साथ ही भीड में भी अलग दिखता है। ऐसे में अगर कोई क़ैदी जेल फ़रार होता है तो देखने में आसानी रहेगी।