नई दिल्ली: देश को आजादी दिलाने में जिन वीर सपूतों अपना योगदान दिया है अब मोदी सरकार उनकों विधिवत याद करेगी। लाल किले पर झंडारोहण समारोह का आयोजन वैसे तो 15 अगस्त को ही होता है पर इस बार 21 अक्टूबर को भी वहां तिरंगा फहरेगा। आगामी 21 अक्टूबर को लाल किले में आयोजित होने वाले झंडारोहण समारोह में प्रधानमंत्री शामिल होंगे।
दरअसल प्रधानमंत्री सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व वाली 'आजाद हिंद सरकार' की 75वीं जयंती के मौके पर 21 अक्टूबर को सुबह 9 बजे लाल किले में आयोजित होने वाले झंडारोहण समारोह में शामिल होने जा रहे है।आजाद हिंद फौज की स्थापना आज से 75 साल पूर्व 21 अक्टूबर को हुई थी
कैन कौन होंगे कार्यक्रम में शामिल
कार्यक्रम में संस्कृति मंत्री, बोस परिवार के प्रवक्ता श्री चंद्र कुमार बोस, जी डी बक्शी और अन्य शामिल होंगे। कार्यक्रम का आयोजन लाल किले के भीतर स्थित नेताजी संग्रहालय में किया जाना है। आजाद हिंद फौज की स्थापना आज से 75 साल पूर्व 21 अक्टूबर को हुई थी।
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भारतीय जमीन पर आज़ादी की पहली निशानी
इसके अलावा इसी वर्ष 30 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंडमान निकोबार जाएंगे। क्योंकि करीब 75 वर्ष पहले,30 दिसंबर 1943 को ही अंडमान निकोबार में पहली बार सुभाष चंद्र बोस ने तिरंगा फहराया था। ये तिरंगा आज़ाद हिंद फौज का था। और ये भारतीय जमीन पर आज़ादी की पहली निशानी थी।
देश की पहली आज़ाद सरकार
भारत की पहली आज़ाद सरकार की स्थापना और उसकी घोषणा नेता जी सुभाष चंद्र बोस ने 21 अक्टूबर 1943 को की थी। इस घोषणा के तुरंत बाद ही 23 अक्टूबर 1943 को आज़ाद हिंद सरकार दूसरे विश्व युद्ध के मैदान में उतर गई थी।आज़ाद हिंद सरकार के प्रधानमंत्री नेता जी सुभाष चंद्र बोस ने ब्रिटेन और अमेरिका के खिलाफ युद्ध का ऐलान कर दिया था।
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आजाद हिन्द सरकार की स्थापना
भारत की स्वाधीनता में सुभाष चंद्र बोस की ‘आजाद हिन्द फौज’ की बड़ी निर्णायक भूमिका है। पर इसकी स्थापना से पहले भारत के ही एक अंग रहे अफगानिस्तान में भी ‘आजाद हिन्द सरकार’ की स्थापना हुई थी।