रीता बहुगुणा ने मिलाया कमल से हाथ, कहा- राहुल ने पार्टी को डुबोया, पीके को ठेके पर दे दी कांग्रेस
नई दिल्ली: यूपी में एक बार फिर अपनी जमीन ढूंढने की तलाश में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। रीता बहुगुणा जोशी कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गईं हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने उन्हें पार्टी ज्वॉइन करवाई। बीजेपी की सदस्य बनने के बाद उन्होंने ने कहा, ''यह फैसला लेना मेरे लिए आसान नहीं था, लेकिन राष्ट्रहित और प्रदेश के हित में मैंने यह फैसला बड़ा सोच-समझकर लिया है। राहुल गांधी के बयानों की वजह से देश में पार्टी की साख खराब हुई है। जब पार्टी को हमें ठेके पर देना पड़ रहा हो तो इससे दुर्भाग्यपूर्ण बात और क्या होगी। मैं उत्तर प्रदेश को बदहाली से निकालने के लिए और बीजेपी को स्पष्ट बहुमत दिलाने के लिए अपनी तरफ से जो कर पाऊंगी वो करूंगी। यह मेरा पार्टी से वादा है।'' इससे पहले उत्तराखंड के पूर्व सीएम और उनके भाई विजय बहुगुणा ने भी कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था।
वहीं, यूपी कांग्रेस प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा,''रीता बहुगुणा एक अवसरवादी नेता हैं। वो बहुत दिनों से सेफ सीट खोज रही थीं। अवसरवादी नेता किसी के नहीं होते हैं। राहुल गांधी के खिलाफ बोलना तो एक बहाना था।''
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राज बब्बर ने मुताबिक,'' रीता बहुगुणा के बीजेपी में शामिल हो जाने से उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के चुनावी अभियान को कोई झटका नहीं लगेगा। इससे पहले उनके भाई विजय बहुगुणा ने भी उत्तराखंड में कांग्रेस छोड़ दी थी तो वहां कांग्रेस पर क्या असर पड़ गया। हमारा पूरा फोकस 2017 चुनाव की तैयारियों पर है।''
यूपी कांग्रेस विधानमंडल के नेता प्रदीप माथुर ने भी रीता बहुगुणा के बीजेपी ज्वॉइन करने पर उन्हें काफी खरी-खोटी सुनाई। उनके मुताबिक,'' बहुगुणा परिवार के डीएनए में ही गड़बड़ी है। उन्होंने कांग्रेस पार्टी से गद्दारी की है। मुझे पहले से पता था कि वो ऐसी ही फितरत की महिला हैं। उनके जाने से उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के चुनाव अभियान पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। राहुल गांधी के रोड शो से पार्टी को काफी मजबूती और समर्थन मिला है। कांग्रेस ने बहुगुणा परिवार को बहुत कुछ दिया था। ''
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'खून के दलाली वाले बयान से बहुत दुख पहुंचा'
-रीता बहुगुणा के मुताबिक, 27 साल का मेरा राजनीतिक करियर रहा है, जिसमें से करीब 24 साल तक मैं कांग्रेस पार्टी में रही हूं।
-मैं बड़ी ईमानदारी और निष्ठा के साथ कांग्रेस पार्टी सेवा की है। पिछले कुछ दिनों में जोे घटनाएं घटी हैं, उनसे मुझे काफी तकलीफ पहुंची है।
-आतंकवाद से भारत सरकार और भारत उसमें बहुत ही सराहनीय कदम मोदी जी ने उठाया है।
-एलओसी पार करके पीओके में जाकर आतंकवादियों के खात्मे का जितना श्रेय सेना को जाता है, उतनी ही बड़ी उपलब्धि भारत सरकार की भी है।
-पूरे विश्व ने यह माना कि भारत ने अपनी हिफाजत के लिए सर्जिकल स्ट्राइक की, लेकिन अपने ही देश में लोगों ने इस पर सवाल खड़े कर दिए।
-राहुल गांधी के खून पर दलाली वाले बयान से मुझे बहुत दुख पहुंचा। किसी को नहीं भूलना चाहिए कि राष्ट्र से आगे कोई नहीं है।
-अपने देश में सर्जिकल स्ट्राइक पर जो सवाल खड़े हुए, उससे दुनिया में हमारी साख कमजोर पड़ी।
-मैं ट्विटर करके इसका विरोेध भी किया था। राष्ट्रीय स्तर पर हम मतभेद ऱख सकते हैं, लेकिन राष्ट्र के हित में मतभेद रखना बिल्कुल अनुचित था।
-यही वजह रही कि मुझे सोचने पर मजबूर होना पड़ा कि मैं कांग्रेस पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो जाऊं।
-मोदी जी ने आंतकवाद के खिलाफ अच्छा कदम उठाया है। सेना को सरकार का सर्मथन चाहिए, विवाद नहीं चाहिए।
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'पीके के हाथों ठेके पर दे दी पार्टी'
-अब पीके पोल मैनेजर तो हो सकते हैं, लेकिन पोल के डायरेक्टर तो नहीं सकते। पर दुर्भाग्यवश पार्टी ने पूरा चुनाव ही उनके सुपुर्द कर दिया।
-हम कितना चलेंगे, कितना उठेंगे, कितना बोलेंगे यह सब पीके के हाथ में सौंप दिया गया।
-पिछले कुछ वक्त से मुझे लगने लगा था कि जनता के बीच हमारी साख खत्म हो गई है।
-जब पार्टी को हमें ठेके पर देना पड़ रहा हो तो इससे दुर्भाग्यपूर्ण बात और क्या होगी।
-सोनिया गांधी जी संगठन को समझती थी। हमारी बात सुनती थीं।
-भले ही फैसला जो भी लेती हों, लेकिन राहुल जी के नेतृत्व में यह भी नहीं हो पा रहा था।
-उत्तर प्रदेश की जनता को राहुल जी का नेतृत्व स्वीकार नहीं है। प्रदेश तो क्या पूरे देश को ही नहीं हो पा रहा है।
-पार्टी के कई वरिष्ठ नेता उनसे दुखी हैं। राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस का नेतृत्व जिस गंभीरता और स्तर से राहुल गांधी को करना चाहिए था, वो उसे नहीं कर पाए।
-अब अगर उत्तर प्रदेश में सुशासन लाना है। अगर उत्तर प्रदेश को सही दिशा पर ले जाना है तो बीजेपी और मोदी के बिना यह संभव नहीं है।
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यूपी में कांग्रेस काफी कमजोर: रीता बहुगुणा
- रीता बहुगुणा ने कहा कि उत्तर प्रदेश को समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने लूटकर बर्बाद कर दिया है।
-भू-माफिया, खनन माफिया और शराब माफिया ने वहां अपना राज कायम कर लिया है।
-पिछले 20 साल से यूपी में चुनाप परिवारवाद और जातिवाद पर आकर ठहर जाता है, लेकिन 2014 में पहली बार जातियों का समीकरण टूटा।
-प्रचंड बहुमत से लोकसभा में बीजेपी ने वहां से 73 सीटें हासिल कीं। मैं कांग्रेस पार्टी से कहती रही कि यहां अपना संगठन काफी कमजोर है।
-नई रणनीति बनाकर काम करने की जरूरत है, लेकिन किसी ने नहीं सुनी और हालात ये हो गए कि प्रशांत किशोर का सहारा लेना पड़ा।
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