हुर्रियत नेताओं पर अब सख्ती की तैयारी, छीनी जा सकती हैं सुविधाएं-Z सुरक्षा
नई दिल्लीः कश्मीर में जारी हिंसा से निपटने के लिए केंद्र सरकार अब नई रणनीति बना रही है। इसके तहत घाटी के हुर्रियत से जुड़े अलगाववादी नेताओं की तमाम सुविधाओं और उन्हें मिली जेड सुरक्षा छीनी जा सकती है। इसके अलावा इन नेताओं के बैंक खातों की जांच भी करने की तैयारी में मोदी सरकार जुटी है। आज सरकार सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल नेताओं से मुलाकात कर अगले कदम पर विचार भी कर सकती है।
इस बीच, सरकार को मुस्लिम धर्मगुरुओं के रुख से बड़ा संबल मिला है। धर्मगुरुओं के दल ने मंगलवार को गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि बातचीत उन लोगों से ही होनी चाहिए, जो हिंदुस्तान जिंदाबाद कहते हों। पाकिस्तान जिंदाबाद कहने वालों से बातचीत न की जाए।
मुश्किल में पड़ सकते हैं हुर्रियत नेता
सूत्रों के मुताबिक मोदी सरकार हुर्रियत के अलगाववादी नेताओं के पासपोर्ट रद्द कर सकती है। ऐसे में पाकिस्तान या अन्य किसी देश जाने में इन्हें दिक्कत होगी। साथ ही सैयद अली शाह गिलानी, यासीन मलिक और मीरवाइज उमर फारूख को मिली जेड सुरक्षा हटाई जा सकती है। हुर्रियत नेताओं के बैंक खातों की छानबीन की भी तैयारी है। इससे पता लगाया जाएगा कि इन्हें कहां से धन मिल रहा है। इनसे जुड़े पुराने मामले भी फिर से खोलने की तैयारी भी है।
सरकार ने क्यों सख्त किए तेवर?
बता दें कि बीते रविवार और सोमवार को सभी दलों का प्रतिनिधिमंडल कश्मीर गया था। दल में शामिल सीपीएम के सीताराम येचुरी, जेडीयू के शरद यादव, आरजेडी के जयप्रकाश नारायण, एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी और सीपीआई के डी. राजा अलगाववादी नेताओं से मिलने गए थे। अलगाववादी नेताओं ने इनसे मिलने से इनकार कर दिया था। यहां तक कि गिलानी ने इन्हें अपने दरवाजे से ही लौटा दिया था।