आक्रोश: 62 किसान संगठनों की मांग, मध्य प्रदेश में लागू हो राष्ट्रपति शासन
नई दिल्ली: राष्ट्रीय किसान महासंघ ने मध्य प्रदेश सरकार की बर्खास्तगी और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए शनिवार को एक प्रस्ताव पारित किया। बता दें, कि महासंघ के अंतर्गत 62 किसान संगठन आते हैं। नरेंद्र मोदी सरकार की 'किसान विरोधी नीतियों' के खिलाफ आक्रोश जताने के लिए इन संगठनों ने 16 जून को देशभर के राजमार्गों पर तीन घंटे के लिए यातायात बंद करने का फैसला किया है।
भारतीय किसान यूनियन- असली के प्रवक्ता दीपक शर्मा ने कहा, 'हमने 15 जून तक राष्ट्रव्यापी आंदोलन का फैसला किया है, क्योंकि केंद्र व राज्य की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार किसानों की समस्याओं का समाधान करने में विफल रही है। इन सरकारों का पूरा ध्यान उद्योगपतियों का भला करने पर है। किसानों की तरफ बिल्कुल ध्यान नहीं है। गरीब और किसान शब्द इनके लिए सिर्फ भाषणों में काम आने वाले शब्द मात्र रह गए हैं। इसलिए हम 16 जून को राष्ट्रीय राजमार्गों पर दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक लिए यातायात बाधित करेंगे।'
लागत पर 50 फीसदी के मुनाफे की मांग
महासंघ ने लागत मूल्य पर 50 फीसदी के मुनाफे की मांग की है। उनका कहना है कि इसका वादा 2014 में हुए लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने किया था। साथ ही सूखा तथा अपने उत्पादों पर हुए कम मुनाफे के कारण वित्तीय भार के मद्देनजर ऋण माफी की भी मांग की है।
प्रदर्शन मार्च का होगा वीडियो शूट
राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ के महासचिव नरेश सिरोही ने कहा कि सभी किसानों को प्रदर्शन मार्च का वीडियो शूट करने को कहा गया है। उन्होंने कहा, 'हम शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन बीजेपी सरकार ने हमारे आंदोलन को कुचलने के लिए बर्बर तरीके अपनाए। इसलिए हमने प्रदर्शन का वीडियो शूट करने के लिए कहा है।'
14 जून को मनाया जाएगा विरोध दिवस
सिरोही ने कहा कि जारी आंदोलन की अगली कार्रवाई के लिए सभी किसान संघ 18 जून को बैठक करेंगे। इस बीच, ऑल इंडिया किसान सभा ने शिवराज सिंह चौहान सरकार द्वारा मंदसौर में किसानों पर पुलिस से गोली चलवाकर छह किसानों की जान लिए जाने के खिलाफ 14 जून को देशभर में विरोध दिवस मनाने का फैसला किया है।