चारा घोटाले की सुनवाई के दौरान मरे आरोपियों की संपत्ति होगी जब्त

Update:2018-01-03 15:05 IST
चारा घोटाले की सुनवाई के दौरान मरे आरोपियों की संपत्ति होगी जब्त

रांची: चारा घोटाले के दूसरे मामले देवघर ट्रेजरी केस में सीबीआई कोर्ट ने सीबीआई को आदेश दिया, कि जिन आरोपियों की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है, उनकी संपत्ति जब्त की जाए। गौरतलब है, कि दो दशक से ज्यादा समय से चारा घोटाले की सुनवाई के दौरान अब तक 11 आरोपियों की मौत हो चुकी है। कोर्ट ने कहा, कि उनके रिश्तेदारों को नोटिस जारी कर संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई जल्द शुरू की जाए।

कोर्ट ने साफ किया, कि आरोपी का निधन हो गया है, इसलिए उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा नहीं चल सकता है, लेकिन इन आरोपियों ने वर्ष 1990 के बाद से अब तक जितनी भी चल-अचल संपत्ति अर्जित की है उसे जब्त करने की कार्रवाई चल सकती है।

पूर्व पशुपालन मंत्री सहित 11 की संपत्ति जब्त करने के आदेश

अदालत ने मंगलवार (02 जनवरी) को बिहार के पूर्व पशुपालन मंत्री चंद्रदेव प्रसाद वर्मा समेत उन 11 आरोपियों की संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया है, जिनकी सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है। कोर्ट ने इसी मामले में देवघर के तत्कालीन डीसी और मौजूदा झारखंड सरकार के अपर मुख्य सचिव (वित्त) सुखदेव सिंह को आरोपी बनाया। राज्य के मुख्य सचिव को आदेश दिया कि सुखदेव को कोर्ट की ओर से जारी नोटिस दी जाए। इसी मामले में 23 दिसंबर को लालू प्रसाद समेत 16 आरोपियों को दोषी करार दिया गया था।

तत्कालीन आईजी डीपी ओझा भी आरोपी

बिहार के पूर्व डीजीपी और निगरानी ब्यूरो के तत्कालीन आईजी डीपी ओझा को भी कोर्ट ने आरोपी बनाया है। साथ ही अदालत ने सुखदेव सिंह और डीपी ओझा को 23 जनवरी को हाजिर होने का आदेश दिया है ।

ये मामला भी देवघर कोषागार केस से जुड़ा

दरअसल, ये मामला भी देवघर कोषागार केस से जुड़ा है। साल 1990 से 1993 के बीच फर्जी आवंटन पत्र के जरिए 89 लाख रुपए के सरकारी रकम निकाली गई थी। इस मामले में सुखदेव सिंह और डीपी ओझा को 23 जनवरी को कोर्ट में हाजिर होने को कहा गया है। संयुक्त बिहार के पशुपालन मंत्री चंद्रदेव प्रसाद वर्मा, पशुपालन राज्यमंत्री भोलाराम तूफानी, विधायक राजो सिंह, पशुपालन विभाग के सचिव के अरुमुगम, क्षेत्रीय निदेशक शेषमुनी राम, संयुक्त क्षेत्रीय निदेशक श्याम बिहारी सिन्हा, प्रभारी निदेशक रामराज राम, लेखा पदाधिकारी बृजभूषण प्रसाद, पशुपालन पदाधिकारी डॉ विनय कुमार, महेंद्र प्रसाद, ओम प्रकाश गुप्ता की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है।

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