नई दिल्ली : तृणमूल कांग्रेस ने सोमवार को नरेंद्र मोदी सरकार व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या किए जाने को लेकर हमला बोला। तृणमूल सांसद ने लोकसभा में कहा कि गोरक्षकों द्वारा एक खास समुदाय को निशाना बनाकर हत्याएं की गईं।
उन्होंने इसे रोकने के लिए अलग से कानून बनाने की मांग की। तृणमूल सदस्य सौगत रॉय ने भीड़ द्वारा हत्याओं के मुद्दे पर चर्चा में भाग लेते हुए लोकसभा में कहा, "अमेरिका में गृहयुद्ध के बाद अश्वेतों को निशाना बनाया गया था। वही चीज भारत में हो रही है। गाय से जुड़ी हत्याएं निशाना बनाकर की गई हत्याएं हैं।"
रॉय ने कथित तौर पर आरोप लगाया कि इस तरह की घटनाएं मई, 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद हुई हैं और इस तरह की ज्यादातर घटनाएं भाजपा शासित राज्यों में हुई हैं।
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रॉय द्वारा सरकार व कुछ संगठनों के खिलाफ असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल किए जाने पर सत्तापक्ष से उनकी तीखी नोकझोंक भी हुई। रॉय के बयान को बाद में सदन के रिकॉर्ड से हटा दिया गया।
तृणमूल नेता ने भाजपा नेतृत्व पर हत्याओं की निंदा करने की बजाय गोरक्षकों को सह देने का आरोप लगाया।
रॉय ने कहा, "इस तरह की घटनाएं थम नहीं रही हैं, क्योंकि शीर्ष भाजपा नेतृत्व इनकी निंदा करने से बच रहा है। हरियाणा के मुख्यमंत्री ने बहादुरगढ़ की घटना की निंदा करने में तीन दिन का समय लिया। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को अलवर में पहलू खान की भीड़ द्वारा हत्या की निंदा करने में एक महीना लग गया।"
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वरिष्ठ तृणमूल नेता ने भीड़ द्वारा हत्या की घटनाएं रोकने के लिए अलग से कानून बनाने की मांग की।
उन्होंने कहा, "मौजूदा कानून में भीड़ द्वारा हत्या को परिभाषित नहीं किया गया है। मैं भीड़ द्वारा हत्या रोकने के लिए एक मानव सुरक्षा कानून की मांग करता हूं।"