बहुत रूकावटें आई लेकिन बन गया सरदार सरोवर बांध- PM मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने 67वें जन्मदिन पर देशवासियों को भारत के सबसे बड़े बांध का तोहफा दिया। सरदार सरोवर बांध का उद्घा

Update:2017-09-17 12:42 IST

दभोई: प्रधानमंत्री मोदी ने अपने 67वें जन्मदिन पर देशवासियों को भारत के सबसे बड़े बांध का तोहफा दिया। सरदार सरोवर बांध का उद्घाटन करने के बाद उन्होंने साधु बेट में सरदार वल्लभ भाई पटेल के बन रहे 'स्टेचू ऑफ़ यूनिटी' का जायजा लिया। जिसके बाद वो दभोई पहुंचे जहां उन्होंने जनता को सम्बोधित किया।

बहुत रूकावटें आई लेकिन बन गया सरदार सरोवर बांध-मोदी

- पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार 17 सितम्बर को कहा कि नर्मदा पर बने बांध के खुलने से नागरिकों और किसानों को फायदा होगा और करोडों किसानों का भाग्य बदल जाएगा।ये बात उन्होंने सरदार सरोवर बांध का उदघाटन करने के बाद जनसभा में कही।

- पीएम ने कहा कि सरदार पटेल अगर आज होते तो उन्हें बहुत खुशी होती कि उनका सपना पूरा हुआ है।

- पीएम ने कहा कि इस बांध को बनने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा। यहां तक कि विश्व बैंक ने भी इस बांध को बनाने से मना कर दिया था। लेकिन इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई ।

और क्या बोले पीएम ?

उन्होंने कहा कि दुनिया की हर चुनौती को चुनौती देने का सामर्थ्य यह देश रखता है। विकास के अंदर कोई सबसे बड़ा रुकावट बना है तो वह पानी बना है। मैं जब एक बार बीएसएफ के जवानों के साथ बैठा तो पता चला इस रेगिस्तान में सैकड़ों मील दूर से जवान पानी लेकर आते थे तो जवानों को पीने का पानी मिलता था। जिस दिन मैं नर्मदा का पानी लेकर वहां पहुंचा तो मैंने बीएसएफ के जवानों तके चेहरे पर एक खुशी देखी थी।

जन्मदिन की बधाई के लिए आभार प्रकट करता हूं:

उन्होंने कहा कि विश्वकर्मा जयंती पर जिन जिन लोगों ने इस सरदार सरोवर बांध का निर्माण किया है उनको देश को सरदार सरोवर बांध के रूप में एक सौगात देने का सौभाग्य मिला। जन्मदिन की शुभकामनाओं के लिए मैं आभार प्रकट करता हूं

पीएम ने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल की आत्मा जहां भी होगी वह आज हम पर आशीर्वाद बरसा रही होगी। मेरे और कईयों के जन्म से पहले सरदार वल्लभ भाई पटेल ने इस बांध का सपना देखा था। अगर वह कुछ और साल जीते तो यह सरदार सरोवर बांध बन चुका होता। गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र के जीवन को एक नर्मदा नदी कैसे बदल सकती है यह सरदार वल्लभ भाई पटेल ने सोचा।

मंत्री परिषद के अपने अल्पकाल में बाबा साहब भीमराव आंबेडकर ने इसकी नींव रखी थी। शायद ही कोई सरकार इतना कर पाती जितना उन्होंने सोचा था। अगर आज बाबा साहब और सरदार वल्लभ भाई पटेल कुछ और साल जीते तो हमारा देश नई ऊंचाईयों को छू रहा होता।

पीएम मोदी ने कहा यह बांध पूरे देश को समर्पित करता हूं। मां नर्मदा और इस योजना को बहुत सारी मुसीबतें झेलनी पड़ी। दुनिया की हर ताकत ने इस बांध के रास्ते में रुकावट पैदा की।

वर्ल्ड बैंक ने इस योजना के लिए पैसे देने से मना कर दिया था लेकिन हमने भी ठान लिया था कि हम भारत के पसीने से इस बांध को बना के रहेंगे।

उन्होंने अपने संबोधन के बाद मौजूद लोगों से नर्मदे नर्मदे का नारा भी लगवाया।

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