पीएम बोले- संसद में हंगामा करने वाले म्युनिसिपालिटी में काम करने वालों से भी गए गुजरे
कानपुर: पीएम नरेेंद्र मोदी ने नोटबंदी को लेकर संसद में हंगामा करने वाले विपक्षी सांसदों की तुलना म्युनिसिपालिटी या कॉरपोरेशन में काम करने वाले कर्मचारियों से की है। उन्होंने कानपुर में परिवर्तन रैली को संबोधित करते हुए कहा कि संसद में विपक्षी दलों के सांसदों ने जैसा व्यवहार किया वैसा तो म्युनिसिपालिटी में काम करने वाले कर्मचारी भी करने के पहले सौ बार सोचे। सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष पर कागज फेंके। राष्ट्रपति तक की बात नहीं मानी।
पीएम मोदी ने कहा कि एक तरफ हम देश को भ्रष्टाचार और कालेधन से मुक्त कराने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं और विपक्ष का एजेंडा है कि संसद बंद हो। पूरा महीना संसद चलने नहीं दी। राष्ट्रपति के कहने के बाद भी क्यों हंगामा करते रहे। जानबूझकर चर्चा से भागे, ताकि देश को अपने पिछले कारनामों का हिसाब न देना पड़े। संसद में पहले भी रुकावटें आती थीं। तब विरोधी दल बेईमानों के खिलाफ लड़ना चाहते थे। भ्रष्टाचार को उजागर करना चाहते थे, लेकिन पहली बार देश में ऐसा हुआ कि बेईमानों को बचाने के लिए विपक्ष एकजुट हो गया। देश दो भागों में बंट गया है। एक तरफ मुट्ठी भर वो नेता हैं जो भ्रष्टाचारियों और बेईमानों को बचाने में लगे हैं तो दूसरी तरफ देश के वो ईमानदार हैं जो उन्हें सबक सिखाने के लिए तैयार बैठे हैं।
ऑल पार्टी मीटिंग में कही थी कईं बातें: मोदी
संसद के सत्र से पहले ऑल पार्टी मीटिंग में सभी राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेताओं से मैंने आग्रह किया था कि देश ईमानदारी चाहता है। राजनेताओं के प्रति जनता में काफी अविश्वास भरा हुआ है। वक्त आ चुका है कि उनमें ईमानदारी का विश्वास जगाएं। मैंने कहा था कि राजनीतिक दलों को चंदा कैसे मिलना चाहिए। इसका मिलकर रास्ता निकालेंगे और सदन में इसकी चर्चा होनी चाहिए। आए दिन चुनावों के कारण गांव-गांव में तनाव पैदा हो जाता है। विकास रुक जाता है। क्यों ना देश में लोकसभा और विधानसभा का चुनाव साथ-साथ कराया जाए, ताकि भ्रष्टाचार और कालाधन पर अंकुश लग सके। मैं निवार्चन आयोग से भी अपील करता हूं कि वो भी अपना इस पर सुझाव दें। केंद्र सरकार और बीजेपी आयोग के सलाह का स्वागत करती है ।
'परिवर्तन की लहर नहीं आंधी चल रही है'
पीएम मोदी ने कहा, ''मैं देख रहा हूं कि उत्तर प्रदेश में परिवर्तन की लहर नहीं, बल्कि आंधी चल रही है। ऐसा लग रहा है आने वाले चुनाव में हर नागरिक परिवर्तन पूरा करने के लिए जी-जान से जुट गया है। दिल्ली में यूपी ने ऐसी सरकार बनाई है जो गरीबों के लिए समर्पित है। पहले दिन से हम जो योजनाएं लाए हैं, उन्हें एक-एक करके लागू किया है। इन योजनाओं ने दलित, गरीब, पीड़ित लोगों के जीवन में बदलाव आया है।''
बीजेपी लाइए, गुंडागर्दी से मुक्ति पाइए: मोदी
पीएम के मुताबिक, जिन्हें आदत बेईमानी की पड़ी है, गलत काम करने की पड़ी है। अब उनसे देश ज्यादा अपेक्षा नहीं कर सकती। उत्तर प्रदेश में परिवर्तन की आंधी इसलिए आई है क्योंकि यहां से लोग गुंडागर्दी से तंग आ चुके हैं। और सरकार उन्हें संरक्षण दे रही है। अब ऐसे में आम आदमी जाएगा। इसलिए जब तक यहां सरकार नहीं बदलोगे तब तक गुंडागर्दी बंद नहीं होगी। इस चुनाव में भी यह सरकारी गुंडें जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक देंगे, लेकिन यूपी की समझदार जनता जानती है कि उसे क्या करना है।
'नोटबंदी के बाद हुआ अमीरों का बुरा हाल'
8 नवंबर को सरकार ने नोटबंदी का ऐलान किया। हम जानते हैं कैसे-कैसे लोगों के पसीने छूट गए हैं। जिन्होंने गरीबों को लूटा है वो आज परेशान हैं। गरीबों के घर अमीर कतार लगाए खड़े हैं। पैसे कुछ दिन रख लेने की भीख मांग रहे हैं। आज छोटे नोट के साथ छोटे लोग भी पूछे जा रहे हैं। कांग्रेस पार्टी ने 45 साल पहले पॉलिटिकल पार्टियों के संबंध में जो कानून बनाया था उसमें बीजेपी की सरकार ने कौमा, फुलस्टॉप तक में कोई बदलाव नहीं किया है। जब कांग्रेस पार्टी के स्थायी कोषाध्यक्ष सीताराम केसरी हुआ करते थे तो कांग्रेस बेशर्मी के साथ कहती थी न खाता ना बही, जो केसरी कहे वही सही। यह तो उनके हिसाब-किताब के तरीके थे। कांग्रेस ने कभी जनता को हिसाब नहीं दिया। जो खुद के लिए सही लगा वही किया। इसी वजह से देश बर्बाद हो गया।
'50 दिन ईमानदार लोग देश के लिए सह रहे हैं तकलीफ'
यह बात मैं जानता हूं कि इतना बड़ा देश, इतनी बड़ी जनसंख्या, इतना बड़ा नोटों का कारोबार और उतना ही बड़ा फैसला लेने के बाद कितना कुछ सहना पड़ा है। सबने काफी तकलीफ झेली है, लेकिन मेरे देशवासियों आपने यह तकलीफ देश की भलाई के लिए झेली है। आपको कभी निराश होने का मौका नहीं आएगा, क्योंकि इसके साथ ईमानादारी और प्रमाणिकता है। 50 दिन तक अलग-अलग ढंग की परेशानियां आती रहेंगी,लेकिन इसके बाद यह कठिनाइयां बढ़ना बंद हो जाएंगी और इनके कम होने की शुरुआत हो जाएगी।
पहले गैस का सिलेंडर लेने के लिए कितने पापड़ बेलने पड़ते थे। गरीबों ने तो कभी सोचा भी नहीं था कि उन्हें लकड़ी के चूल्हे से आजादी मिलेगी, लेकिन सरकार ने यह बीड़ा उठाया है कि तीन साल के अंदर हर घर में सिलेंडर में होगा। मां-बहनों को धुएं से निजात मिलेगी। बिना किसी जातिवाद के गैस का कनेक्शन गरीबों के घर पहुंच जा रहा है।
जनसभा को संबोधित करने से पहले पीएम मोदी ने बेरोजगारों के लिए कौशल विकास योजना का शुभारंभ किया। इस योजना के जरिए करीब एक लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य है। पीएम मोदी ने विद्युत तापीय परियोजना समेत विकास योजनाओं की भी आधारशिला रखी।
आगे की स्लाइड में सुनिए, पीएम मोदी का पूरा भाषण...
�
�