जानिए PM मोदी ने पाकिस्तान, आतंकवाद और 2019 इलेक्शन के लिए क्या कहा

Update:2018-08-12 19:55 IST

नई दिल्ली : पीएम नरेंद्र मोदी ने आशा जाहिर की है कि पाकिस्तान दक्षिण एशिया को आतंकवाद मुक्त क्षेत्र बनाने के लिए काम करेगा। मोदी ने कहा है, "हमें आशा है कि पाकिस्तान एक ऐसा सुरक्षित, स्थिर और समृद्ध क्षेत्र बनाने के लिए काम करेगा, जो आतंकवाद और हिसा से मुक्त हो।"

मोदी ने कहा कि क्षेत्र में शांति और समृद्धि स्थापित करने के लिए नई दिल्ली की पड़ोसी नीति के तहत पड़ोसियों से अच्छे संबंध बनाना सबसे महत्वपूर्ण है।

ये भी देखें : भारत, अमेरिका की समृद्धि के ट्रंप के दृष्टिकोण से इत्तेफाक रखता हूं : मोदी

मोदी ने कहा, "इसके लिए हमने अपना कार्यकाल शुरू होते ही कई बार पहल की है।"

मोदी ने इमरान खान को पाकिस्तान में इस वर्ष आम चुनाव में उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की जीत पर बधाई दी।

राजग 2019 में अधिक सीटें जीतेगा : मोदी

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा है कि बीजेपी की अगुआई में राजग 2019 में होने वाले अगले लोकसभा चुनाव में 2014 के लोकसभा चुनाव से भी ज्यादा सीटें हासिल करेगा और सारे रिकार्ड तोड़ेगा। मोदी ने कहा है कि जनता एक मजबूत और निर्णय लेने वाली सरकार चाहती है और उनका अभियान 'विकास, तीव्र विकास और सबका विकास' पर आधारित रहेगा।

उन्होंने कहा, "आगामी चुनाव में हम निश्चित रूप से पिछले चुनाव से ज्यादा सीटें हासिल करेंगे और मुझे पूरा विश्वास है कि हम राजग द्वारा पिछले चुनाव में जीती सीटों का रिकार्ड तोड़ देंगे तथा और अधिक प्रतिष्ठा हासिल करेंगे। जनता हमारे साथ है और हमें डरने की कोई जरूरत नहीं है।"

विपक्ष के महागठबंधन पर मोदी ने कहा कि उनके सत्ता में आने के बाद भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा में सुधार हुआ है।

उन्होंने कहा, "30 सालों के बाद केंद्र में क्रियाशील, मजबूत और स्थिर सरकार आई है। जनता के मन में राजनीतिक मजबूरियों के कारण गठित गठबंधन सरकार को लेकर बुरे अनुभव हैं।"

ये भी देखें : राहुल ने किया राजस्थान में चुनाव प्रचार का आगाज, मोदी पर साधा निशाना

उन्होंने कहा, "मुझे विश्वास है कि जनता अपना मत अलग-अलग विचारों वाले ऐसे दलों को देकर बरबाद नहीं करेगी, जिनका लक्ष्य मोदी को हटाने के अतिरिक्त और कुछ नहीं है।"

मोदी ने कहा, "निराश और अलग-अलग मतों के दलों का बिना वैचारिक गठबंधन महागठबंधन नहीं 'राजनीतिक दुस्साहस' है।"

उन्होंने कहा, "यह एक असफल विचार है, जो कभी सफल नहीं हुआ है। इतिहास हमें बताता है कि ऐसे दुस्साहस 1979, 1990 और 1996 में असफल रहे हैं। जनता मजबूत और निर्णय लेने वाली सरकार चाहती है।"

भाजपा की अगुआई वाले सत्तारूढ़ गठबंधन में मतभेदों के सवाल पर मोदी ने कहा कि हालिया राज्यसभा के उपसभापति के चुनाव में राजग के उम्मीदवार ने बहुमत नहीं होने के बावजूद जीतकर सभी लोगों की आशंकाएं समाप्त कर दी होंगी।

मोदी ने संसद में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान उन्हें गले लगाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए उन्हें 'नामदार' बताया।

उन्होंने कहा, "नामदारों के अपने नियम होते हैं। वे निर्णय लेते हैं कि कब घृणा करनी है, कहां घृणा करनी है और कैसे घृणा करनी है। वे यह भी निर्णय लेते हैं कि प्यार कब जताना है। हम कामदार हैं। हमारे ऐसे कोई विशेषाधिकार नहीं हैं।"

मोदी ने कहा कि सरकार के काम करने का तरीका चुनाव को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाना नहीं है।

उन्होंने कहा, "2022 तक का मेरा लक्ष्य सार्वजनिक है। सभी नीतियां और कार्यवाहियां उस लक्ष्य को हासिल करने के लिए बनाई गई हैं।"

'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' को प्रोत्साहित करने को प्रतिबद्ध : मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' यानी कारोबारी सुगमता को प्रोत्साहित करने, सुदृढ़ आर्थिक विकास सुनिश्चित करने को लेकर वह पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले चार साल के दौरान उन्होंने इस दिशा में कई सकारात्मक कदम उठाए हैं। मोदी ने 'टाइम्स ऑफ इंडिया' को दिए एक साक्षात्कार में कहा, "पिछले चार साल में मेरी सरकार ने अर्थव्यवस्था के सामने आने वाली समस्याओं का समाधान करने के लिए कई मोर्चो पर चेतना और मेहनत के साथ काम किया है। इन प्रयासों की बदौलत हमारी अर्थव्यवस्था आज 7.5 फीसदी की वृद्धि दर से विकास कर रही है, जोकि प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सर्वाधिक वृद्धि दर है।"

उन्होंने कहा कि सरकार 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' को बढ़ावा दे रही है, लेकिन अनैतिक कार्यो में लिप्त तत्वों के साथ कड़ाई से निपट रही है। प्रधानमंत्री ने विनिवेश और कराधान के मामले में अपनी सरकार द्वारा शुरू किए गए सुधारों की सूची पेश की।

मोदी ने कहा, "चाहे कंपनी का संयोजन करने की बात हो या निदेशक बनाने की बात या आयकर भुगतान या जीएसटी की बात हो, सबमें प्रक्रियाओं को सरल बनाने पर जोर दिया जा रहा है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के मामले में विश्वबैंक की रैंकिंग में भारत 142वें पायदान से ऊपर उठकर 100वें पायदान पर आ गया है। इससे साबित होता है कि हमारे यहां कंपनियों के उपयुक्त माहौल बन बन चुका है।"

उन्होंने कहा कि सरकार ने सार्वजनिक परिसंपत्तियों के सक्षम प्रबंधन के लिए केंद्रीय सार्वजनिक उद्यमों के प्रति अपना नजरिया बदलने का एक अहम फैसला किया है।

उन्होंने कहा, "विनिवेश के नए उपकरणों में आईपीओ के जरिए सीपीएसई को सूचीबद्ध करना, विलय, सीपीएसई का अधिग्रहण और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) को सूचीबद्ध करना शामिल है। 2014 से सरकार ने पीएसई के विनिवेश से दो लाख करोड़ रुपये की रकम हासिल की है। वर्ष 2017-18 में सरकार ने एक लाख करोड़ रुपये प्राप्त किए थे।"

मोदी ने कहा कि इसकी तुलना पिछले 10 साल (2004-05 से लेकर 2013-14) से की जा सकती है, जिस दौरान 1.08 लाख करोड़ की संयोजित प्राप्ति हुई थी। मोदी ने कहा, "हमारी प्राप्ति महज आधी अवधि में दोगुनी है।"

प्रधानमंत्री ने प्रत्यक्ष कर के मोर्चे पर आयकर रिटर्न फॉर्म का जिक्र किया और कहा कि इसे करदाताओं के लिए सुविधाजनक बनाया गया है। आयकर विभाग ने आकल्प जांच के लिए नियमों को आसान बना दिया है।

बैंकिंग क्षेत्र में सुधार के उपायों पर मोदी ने कहा कि स्वच्छ और प्रभावकारी रिकवरी सिस्टम बनाने के लिए उनकी सरकार ने ऋणशोधन अक्षमता व दिवालिया संहिता (आईबीसी) लागू किया है। इसके अलावा आईबीसी मार्ग का आश्रय लेने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक को अधिकृत करने के लिए बैंकिग नियमन अधिनियम 1949 में संशोधन किया गया है।

उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को मजबूत बनाने के लिए सरकार ने इंद्रधनुष योजना के तहत शुरुआती 70,000 करोड़ रुपये डालने के बाद फिर 2017 में 2.11 लाख करोड़ रुपये का पुनर्पूजीकरण की घोषणा की।

औपचारिक क्षेत्र में 70 लाख से अधिक नौकरियां पैदा हुईं : मोदी

विपक्ष के बेरोजगारी के मुद्दे को 'राजनीतिक तिकड़म' बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले एक वर्ष में केवल औपचारिक क्षेत्र में ही 70 लाख से अधिक नौकरियां पैदा हुई हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया ने मोदी के हवाले से बताया, "कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के आंकड़ों पर आधारित हमारे अध्ययन के अनुसार पिछले एक वर्ष में औपचारिक क्षेत्र में 70 लाख से अधिक नौकरियां पैदा हुई हैं।"

विपक्ष पर हमला करते हुए मोदी ने कहा कि हमारी सरकार को नौकरियां पैदा न कर पाने के लिए दोषी ठहराने के बजाय "मैं समझता हूं कि नौकरियों से जुड़े आंकड़ों की कमी है।"

उन्होंने कहा, "जाहिर तौर पर जानकारी के अभाव के कारण हमारे विरोधी इस स्थिति का फायदा उठाएंगे और नौकरियां पैदा करने में असफल रहने के लिए हमें दोषी ठहराएंगे।"

मोदी ने विपक्ष द्वारा उठाए गए बेराजगारी के मुद्दे को भी 'प्रोपोगंडा' बताया।

उन्होंने कहा, "यदि आप राज्य सरकारों द्वारा किए गए दावों को देखे- बंगाल का कहना है कि उसने 68 लाख नौकरियां पैदा की हैं और पिछली कर्नाटक सरकार ने दावा किया कि उसने 53 लाख नौकरियां पैदा की हैं - क्या हम यह कहना चाहते हैं कि देश की नौकरियां कुछ राज्यों में पैदा की जा रही हैं और दूसरे राज्य एवं पूरा देश नौकरियां पैदा नहीं कर पा रहा? विपक्ष द्वारा नौकरियों के मुद्दे पर फैलाया गया यह प्रोपोगंडा एक राजनीतिक तिकड़म है।"

मोदी ने कहा कि अनौपचारिक क्षेत्र में करीब 80 प्रतिशत नौकरियां हैं और औपचारिक क्षेत्र में नौकरियों के पैदा होने से अनौपचारिक क्षेत्र में भी रोजगार बढ़ा है।

उन्होंने कहा, "करीब तीन लाख गांव-स्तर के उद्यमी हैं, जो पूरे देश में जन सेवा केंद्र चलाते हैं और रोजगार पैदा करते हैं। मुद्रा योजना के तहत 12 करोड़ से अधिक ऋण दिया गया है।"

मोदी ने कहा कि पिछले चार वर्षो में सड़क, रेलवे एवं आवास जैसे भारी निर्माण गतिविधियां हुई हैं और ये सभी नौकरियां पैदा करती हैं।

उन्होंने कहा, "राष्ट्रीय हो या अंतर्राष्ट्रीय सभी रिपोर्ट दिखाते हैं कि भारत में गरीबी में गिरावट आई है। क्या हम नौकरियों के बिना ऐसी संभावना के बारे में सोच सकते हैं?"

मोदी ने कहा कि पर्यटन अधिकतम रोजगार प्रदान करता है। देश का पर्यटन क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है और वर्ष 2017 में भारत में विदेशी पर्यटकों के आगमन के कारण इसमें 2016 से मुकाबले 14 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।

उन्होंने दावा किया कि विभिन्न एयरलाइंस मासिक आधार पर नए विमान जोड़ रही हैं और इस देश में मोबाइल विनिर्माण इकाइयों की संख्या बढ़कर 120 हो गई है।

उन्होंने कहा, "केवल इनसे ही 4.5 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा हुई हैं।"

Tags:    

Similar News