गुंटूर के कलेक्टर की रीव्यू रिपोर्ट में हुआ खुलासा, दलित नहीं था रोहित वेमुला
हैदराबाद: हैदराबाद यूनिवर्सिटी के शोध छात्र रोहित वेमुला के आत्महत्या मामले में नया मोड़ आया है। गुंटूर के कलेक्टर ने रोहित को दलित छात्र मनाने से इनकार किया है। इसके लिए जिला कलेक्टर ने वेमुला के परिवार को नोटिस जारी किया है। कलेक्टर का कहना है कि रोहित वेमुला का सर्टिफिकेट फर्जी तरीके से बनवाया गया था।
गौरतलब है कि यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती भी अपनी रैली में रोहित वेमुला मुद्दे पर केंद्र की बीजेपी सरकार को लगातार घेरने का प्रयास करती रहीं हैं। मंगलवार (14 फरवरी) की कानपुर रैली में भी मायावती ने रोहित वेमुला का मुद्दा उठाया था। इससे पहले भी चुनावों में ये मुद्दा लगातार विरोधियों द्वारा उठाया जाता रहा है।
रीव्यू रिपोर्ट में ये कहा गया
गुंटूर के कलेक्टर की रोहित वेमुला पर रीव्यू रिपोर्ट में कहा गया है कि 'रोहित दलित नहीं था। रोहित चक्रवर्ती वेमुला हैदराबाद विश्वविद्यालय में शोध छात्र था। उसने 17 जनवरी 2016 को आत्महत्या कर ली थी। रोहित को दलित छात्र बताया जा रहा था।'
सर्टिफिकेट होगा रद्द
रीव्यू रिपोर्ट में कलेक्टर ने बताया कि 'रोहित वेमुला ने अनुसूचित जाति में होने का प्रमाण पत्र फर्जी तरीके से बनवाया था। सरकार को उसका सर्टिफिकेट रद्द करना पड़ेगा। लेकिन इससे पहले प्रक्रिया के तौर पर रोहित के परिवार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।'
दो हफ्ते में खुद को दलित सबित करें
कलेक्टर ने ये भी कहा कि खुद को दलित साबित करने के लिए रोहित की मां को 15 दिनों का समय दिया गया है। ऐसा ना कर पाने की स्थिति में उन्हें स्थानीय प्रशासन की कार्रवाई के लिए तैयार रहने को कहा गया है।
दलित होने पर हुआ था हंगामा
गौरतलब है कि पिछले साल रोहित को उसके चार अन्य साथियों के साथ हॉस्टल से निकाल दिया गया था। जिसके रोहित ने आत्महत्या कर ली थी। ऐसा कहा जा रहा था कि दलित होने के नाते छात्र का उत्पीड़न हुआ था।