सुशील मोदी ने लिखी बिहार में बड़े राजनीतिक बदलाव की पटकथा

Update:2017-07-27 14:09 IST

अंशुमान तिवारी

पटना: बिहार में हुए बड़े राजनीतिक बदलाव के पीछे उपमुख्यमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी का दिमाग माना जा रहा है। राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव के परिजनों की अवैध कमाई का खुलासा करके मोदी ने बिहार की राजनीति में अचानक वह बड़ा बदलाव कर दिखाया जो इतना आसान नहीं था। 24 घंटे के भीतर महागठबंधन को तोड़ते हुए नीतीश कुमार ने बीजेपी का दामन एक बार फिर थाम लिया। गुरुवार को नीतीश कुमार ने छठी बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वहीं मोदी एक बार फिर उपमुख्यमंत्री बन गए।

छात्रसंघ के रह चुके हैं महामंत्री

बिहार के फिर उपमुख्यमंत्री बने सुशील कुमार मोदी राजनीति में सक्रियता के साथ सोशल मीडिया में अपनी उपस्थिति बराबर बनाए रखते हैं। वे छात्र जीवन में राजनीतिक मैदान में कूद पड़े थे। सबसे पहले वे 1971 में पटना विश्वविद्यालय छात्रसंघ की पांच सदस्यीय कैबिनेट के सदस्य चुने गए। मोदी 1973-1977 में पटना विश्वविद्यालय छात्रसंघ के महामंत्री रहे। मजे की बात तो यह है कि उसी वर्ष लालूप्रसाद यादव अध्यक्ष और रविशंकर प्रसाद वेलफेयर सेक्रेटरी चुने गये थे। मोदी छात्र जीवन से एक आंदोलनकारी की भूमिका निभाते रहे हैं। 1972 में मोदी पहली बार छात्र आंदोलन के दौरान पांच दिन जेल में रहे। जेपी आंदोलन एवं आपातकाल के दौरान उन्हें पांच बार जेल की हवा खानी पड़ी। आपातकाल के 19 महीने की जेल यात्रा को मिलाकार मोदी 24 महीने जेल में रहे।

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भाजपा में कई महत्वपूर्ण पद संभाले

भारतीय जनता पार्टी में मोदी ने कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया। वे 1995 में भाजपा विधानमंडल के मुख्य सचेतक निर्वाचित हुए और उसी वर्ष उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय मंत्री भी बनाया गया। वर्ष 2004 में मोदी भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बने और 2005 में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बने। मोदी वर्ष 2000 में बिहार के संसदीय कार्य मंत्री बने और 2005 में लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर बिहार विधानपरिषद के सदस्य बने। 2012 में मोदी दूसरी बार बिहार विधानसभा के सदस्य बने। 2005 में मोदी पहली बार बिहार के उपमुख्यमंत्री बने।

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गठबंधन तोडऩे में बड़ी भूमिका

बिहार में लालू व नीतीश का महागठबंधन तोडऩे में सुशील मोदी की बड़ी भूमिका है। लालू के बेटे व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव व परिवार के अन्य सदस्यों की अवैध कमाई का भंडाफोड़ कर उन्होंने बिहार की राजनीति में राजनीतिक भूचाल खड़ा कर दिया। उनके खुलासों के बाद ही लालू के परिजनों के ठिकानों पर छापों व पूछताछ की शुरुआत हुई। इन खुलासों से लालू का परिवार बड़ी राजनीतिक मुश्किल में फंस गया और तेजस्वी यादव के पद से इस्तीफा न देने की परिणति आखिरकार महागठबंधन टूटने के रूप में सामने आई। इस नजरिये से मोदी ही इस पूरे राजनीतिक घटनाक्रम के स्क्रिप्ट राइटर माने जा रहे हैं।

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जीवन परिचय

जन्म: 5 जनवरी 1952

पिता: स्व. मोती लाल मोदी

माता: स्व रत्ना देवी

पत्नी: प्रो डॉ. जेसी सुशील मोदी, प्राचार्य, वीमेन्स ट्रेनिंग कॉलेज, पटना विश्वविद्यालय

शिक्षा: पटना साइंस कॉलेज, पटना विश्वविद्यालय से स्नातक

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