महिला पत्रकारों के संगठन ने राष्ट्रपति को लिखा लेटर, अकबर की बर्खास्तगी की मांग की
नई दिल्ली: मी टू मूवमेंट के तहत यौन शोषण का आरोप लगने के बाद केन्द्रीय मंत्री एमजे अकबर की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। अब महिला पत्रकारों के एक पैनल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक लेटर लिखा है। जिसमें केंद्रीय मंत्री एम.जे.अकबर को बर्खास्त करने की मांग की गई है।
नेटवर्क ऑफ वुमेन इन मीडिया इन इंडिया (एनडब्ल्यूएमआई) ने सोमवार को राष्ट्रपति को भेजे गये लेटर में लिखा है, "हम बेहद चिंतित हैं कि वह केंद्रीय मंत्रिपरिषद में मंत्री पद पर अभी भी बने हुए हैं।"
आगे कहा गया है कि "आप इस बात से सहमत होंगे कि यह अनैतिक और अनुचित है। इस तरह से उनके उपर लगे यौन शोषण की जांच प्रभावित हो सकती है।"
विदेश राज्यमंत्री एम. जे.अकबर पर सबसे पहले यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ मंत्री ने मानहानि का मुकदमा दायर किया है।
इस पर एनडब्ल्यूएमआई ने कहा कि जिस तरह से उन्होंने आरोप लगाने वाली महिलाओं के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है। इससे ये साफ स्पष्ट हो जाता है कि ऐसा केवल उन लोगों को धमकाने और चुप कराने के मकसद से किया गया है।
पत्र में ये भी कहा गया, "यह महिलाओं को फिर से पुरानी चुप रहने की स्थिति में वापस धकेलने के लिए किया जा रहा है। ये उन लोगों की भी आवाज को बंद कर देगा जिन्होंने अभी तक अपना मुंह नहीं खोला है।
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