चीन की लैब का बड़ा दावा: कोरोना महामारी को रोकने में पूरी तरह सक्षम है यह नई दवा

कोरोना वायरस ने समय पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी है और इस वायरस की शुरुआत चीन के वुहान शहर से मानी जा रही है। दुनिया भर के वैज्ञानिक इस वायरस की वैक्सीन खोजने में जुटे हुए हैं मगर अभी तक किसी को कामयाबी नहीं मिल सकी है।

Update:2020-05-19 21:32 IST

अंशुमान तिवारी

बीजिंग: कोरोना वायरस ने समय पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी है और इस वायरस की शुरुआत चीन के वुहान शहर से मानी जा रही है। दुनिया भर के वैज्ञानिक इस वायरस की वैक्सीन खोजने में जुटे हुए हैं मगर अभी तक किसी को कामयाबी नहीं मिल सकी है। इस बीच चीन की एक प्रयोगशाला के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उन्होंने एक ऐसी दवा विकसित की है जिससे कोरोना वायरस को खत्म किया जा सकता है। वैज्ञानिकों का दावा है कि इस दवा में कोरोना महामारी को रोकने की पूरी क्षमता है।

कम हो जाता है रिकवरी टाइम

चीन की प्रतिष्ठित पेकिंग यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक कोरोना वायरस की इस दवा पर काम कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस दवा का परीक्षण किया जा रहा है। इस रिसर्च से जुड़े शोधकर्ताओं का कहना है यह दवा कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के रिकवरी टाइम को कम करने में सक्षम है। इसके साथ ही इस दवा के सेवन से कोरोना वायरस के खिलाफ शार्ट टर्म इम्यूनिटी भी पाई जा सकती है। कोरोनावायरस के संक्रमण को लेकर चीन पूरी दुनिया के निशाने पर है और उसे पूरी दुनिया को भारी संकट में डालने का गुनहगार बताया जा रहा है।

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जानवरों पर परीक्षण सफल

पेकिंग यूनिवर्सिटी के बीजिंग एडवांस इनोवेशन सेंटर फॉर जियोनॉमिक्स के निदेशक सन्ने शी ने कहा कि इस दवा का जानवरों पर परीक्षण किया जा चुका है और वह परीक्षण पूरी तरह सफल रहा है। उन्होंने कहा कि जब हमने एक संक्रमित चूहे के अंदर वायरस को निष्क्रिय करने वाले एंटीबॉडी को इंजेक्ट किया तो पांच दिन बाद सकारात्मक नतीजे मिले हैं। उन्होंने कहा कि चूहों पर दवा का चिकित्सकीय प्रभाव पाया गया है।

एक साइंटिफिक जर्नल सेल में टीम के शोध को प्रकाशित किया गया है। इस अध्ययन में बताया गया है कि एंटीबॉडी का उपयोग करने से बीमारी का इलाज होता है और मरीजों के बीमारी से स्वस्थ होने का समय काफी कम हो जाता है।

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साल के अंत तक तैयार हो जाएगी दवा

शोध करने वाली टीम के अगुवा शी ने कहा कि उनकी टीम ऐसे एंटीबॉडी की खोज के लिए दिन रात मेहनत कर रही थी। उन्होंने कहा कि हमारी विशेषज्ञता प्रतिरक्षा विज्ञान या जीव विषाणु विज्ञान के बजाय एकल कोशिका जीनोमिक्स है। शी ने कहा कि जब हमने पाया कि एकल कोशिका जीनोमिक दृष्टिकोण प्रभावी रूप से उस एंटीबॉडी को पा सकता है तो हम रोमांचित हो उठे। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह दवाई साल के अंत तक तैयार हो जानी चाहिए।

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चीन वायरस का संक्रमण रोकने में कामयाब

जहां तक चीन का सवाल है तो उसने काफी हद तक इस वायरस के संक्रमण पर काबू पा लिया है। दुनिया भर के अन्य संस्थानों की तरह चीन में भी इस वायरस का इलाज खोजने की कोशिशें की जा रही हैं। वैसे चीन का कहना है कि इस वायरस के संक्रमण के लिए उस पर दोष लगाना उचित नहीं है क्योंकि वह भी इस वायरस का बड़ा भुक्तभोगी रहा है।

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