भारत नेपाल सीमा: हर अवैध कारोबार की पनाहगाह, हथियार और मानव तस्करी चरम पर

Update:2018-06-09 18:13 IST

लखनऊ/गोरखपुर: भारत नेपाल सीमा पर अवैध धंधो की कहानी अब बहुत पुरानी हो चुकी है। इस सीमा से होने वाले अपराध कई तरह के हैं। इनमे मानव तस्करी , पशु तस्करी , नशीले पदार्थो की तस्करी और अवैध हथियारों की तस्करी से आगे अब पुराने भारतीय नोटों की तस्करी का धंधा बड़ी तेजी से फैला है। बड़े-बड़े सौदागर इस धंधे में लगे हुए हैं। इन्हें कानून का कोई भय नहीं। लंबा नेटवर्क है। कभी छापेमारी हुई तो प्यादे ही पकड़े जाते हैं। आराम से छूट भी जाते हैं।सौदागरों के कृत्य की जानकारी पुलिस-प्रशासन को है, लेकिन वे जानबूझकर अनजान हैं। पूछने पर कड़ी कार्रवाई करने की बात अवश्य कहते हैं। भारत- नेपाल सीमा से सटे बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के रक्सौल कस्बे में विदेशी मुद्रा को बदलने का अवैध धंधा हर दूसरा शख्स करता है। नोटों की ये दुकानें यहां ऐसे सजती हैं मानो पान की दुकान हों। एसएसबी के ट्रैप से भी यह साबित है कि नशीले पदार्थों, मवेशियों, हथियारों के ट्रेड और मानव तस्करी के लिए यह खुली सीमा किस हद तक खतरनाक बन चुकी है। तस्करी की सूची में बिहार में शराबबंदी के बाद शराब और पखवारे भर से डीजल-पेट्रोल नये आइटम हैं।

TOP 10: जानिए अबतक की 10 बड़ी खबरें

कानपुर ट्रैफिक पुलिस की अनोखी पहल, नियम तोड़ने वालों को पिलाया शर्बत, दिलवाई शपथ

बट्‌टा बाजार, 80 सेंटर सिर्फ रक्सौल में

रक्सौल कस्टम कार्यालय के सामने से रेलवे गुमटी के उस पार तक सड़क किनारे खुले में मनी एक्सचेंज की स्टॉल कतार में है। स्टॉल पर 500, 200, 100, 50,10 रु. के नए-नए नोट की गड्डी सजाकर रखी गई है। हमें नेपाल से लौटा भारतीय समझ, मनी एक्सचेंजर ने नोट बदलने के लिए अपने पास बुलाया। कैमरे का फ्लैश चमका तो सब स्टॉल बंद करने लगे। पता चला कि सभी अवैध तरीके से यहां मनी एक्सचेंज का काम करते हैं।

हनीमून डेस्टिनेशन को लेकर है कंफ्यूजन? ये है आपके लिए राईट चॉइस…

100 रु. में चार रु. कमीशन लेते हैं। नियमत: नेपाल के वीरगंज में स्थित नेपाल राष्ट्र बैंक में ही नोट बदले जाते हैं। पर, वहां 5000 से अधिक इंडियन करंसी नहीं दी जाती है। मनी एक्सचेंज की स्टॉल पर ऐसी कोई लिमिट नहीं है। नेपाल राष्ट्र बैंक में 160 रु. का नेपाली नोट देने पर 100 रु. का भारतीय नोट मिलता है। जबकि, रक्सौल में अवैध तरीके से खुले मनी एक्सचेंज सेंटरों पर 164 रु. नेपाली नोट देने पर 100 रु. का भारतीय नोट दिया जाता है। यहां 80 सेंटर इस धंधे में शामिल हैं।

सबसे लम्बी 729 किमी की खुली सीमा बिहार में

बिहार के हिस्से की भारत-नेपाल की नियंत्रण रेखा (लाइन ऑफ कंट्रोल) पर किसका नियंत्रण है? सशस्त्र सीमा बल का, नेपाल की आर्म्ड पुलिस फोर्स का, कस्टम का, आईबी का, सीमावर्ती जिलों की पुलिस का या फिर इनमें से किसी का नहीं ! जवाब साफ है-नियंत्रण रेखा पर पूर्ण नियंत्रण इनमें से किसी का नहीं है।केवल बिहार में ही 729 किमी लंबी इस सीमा वैधानिक रूप से पश्चिम चंपारण के वाल्मीकिनगर से किशनगंज के गलगलिया तक भारत-नेपाल के बीच महज दर्जन भर कारोबारी रास्ते हैं, लेकिन हकीकत है कि खुली सीमा पर असंख्य चोर दरवाजे हैं। दो सौ से अधिक तो नदी नाले हैं। नेपाल में इन्हें खोला कहते हैं। मित्र राष्ट्रों की जनता की बेरोकटोक आवाजाही की आड़ में इन रास्तों का फायदा असामाजिक तत्व उठा रहे हैं। बड़ा सवाल है कि नेपाल के पास खोने के लिए कुछ नहीं है। खुली सरहद का खतरा तो हम झेल रहे हैं।

नियम-कानून की उड़ा रहे धज्जियां

रक्सौल जैसे छोटे से कस्बे में ऐसे सैंकड़ों ठिकाने हैं, जहां गैर कानूनी तरीके से विदेशी नोट बदले जाते हैं। देश का कानून कहता है कि विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम के तहत ही विदेशी नोट बदले जाएंगे। केवल अधिकृत व्यक्तियों को ही विदेशी मुद्रा या विदेशी प्रतिभूति में लेनदेन की अनुमति होती है। अधिकृत डीलर, मनी चेंजर, विदेशी बैंकिंग यूनिट या कोई अन्य व्यक्ति जिसे रिजर्व बैंक ने प्राधिकृत किया है, वही यह काम कर सकता है, लेकिन यहां कोई भी अधिकृत नहीं है। नियम-कायदों को धता बताकर महज सेटिंग के बूते नोट बदलने का धंधा खूब चलता है।

योगी के इस मंत्री के सामने बेबस 3 MLA, एफआईआर दर्ज कराने की सीएम से गुहार

नोट बदलिए और चलते बनिए

नोट बदलने वाले सौदागर इशारे में बात करते हैं। पलक झपकते ही सारा काम हो जाता है। इस कारोबार के लिए बड़े-बड़े सौदागर कैश रखते हैं। छोटे दुकानदारों के बीच करेंसी सुबह बंटती है और घंटे-घंटे हिसाब होता है। बड़े सौदागर और इनका बॉस पर्दे के पीछे ही रहते हैं। कभी पुलिस छापा मारती है तो दुकानें बंद हो जातीं, इस दौरान धंधा चलते-फिरते संचालित होने लगता है। पुलिस ने 2016 में अवैध रूप से संचालित ऐसे केंद्रों के संचालकों को गिरफ्तार किया था, लेकिन ये 24 घंटे में ही छूट गए थे।

ऐसे समझिए कारोबार का गणित

सड़क किनारे बेंच-डेस्क पर यदि एक छोटा कारोबारी 50 हजार रुपये लेकर छह घंटे की शिफ्ट में बैठता है तो उक्त राशि से नेपाली करेंसी 85 हजार तक बदल लेता है। करीब दो से ढाई हजार रुपये कमाई होती है। मसलन, इस समय 100 नेपाली रुपये का विनियमन मूल्य यदि 62.50 भारतीय रुपये है, तो बदलने वालों को 60 रुपये ही बताया जाता है। इस पर भी कमीशन के तौर पर प्रति सौ रुपये पर तीन-चार भारतीय रुपये लिए जाते हैं। इस तरह साढ़े छह भारतीय रुपये की कमाई प्रति 100 नेपाली रुपये पर हो जाती है। इसका एक हिस्सा सेटिंग के मैनेजमेंट पर खर्च होता है।

महिला एशिया कप: पाकिस्तान को हराकर भारत सातवीं बार फाइनल में

योगीराज में टूट रहे सपने, जल सत्‍याग्रह को मजबूर युवा प्रबंधक

सीमा नहीं बल्कि अपराधियों की पनाहगाह

अपराधियों की तो यह पनाहगाह ही बन चुकी है। बॉर्डर गार्डिंग फोर्स के पास राइफल, दूरबीन और नाइट विजन डिवाइस के अलावा कुछ भी नहीं है। मोटर साइकिल की कौन कहे, साइकिल तक नहीं। बॉर्डर पर मेटल डिटेक्टर, हैण्ड हेल्ड इक्विपमेंट तो हैं ही नहीं। एसएसबी के अधिकारी भी स्वीकार करते हैं कि मौजूदा हालात में सीमा को फूल-प्रूफ बनाना नामुमकिन है। बॉर्डर में अनगिनत छेद है। कितने को पाटेंगे। कितने मेटल डिटेक्टर लगाएंगे। फेंसिंग तो है नहीं। दोनों देशों के बीच रोटी-बेटी का रिश्ता है। बॉर्डर के असंख्य लोगों के पास दोहरी नागरिकता है। लोगों की खेती दोनों ओर है। नेपाल और बिहार में बॉर्डर पर बसे गांवों के नाम एक हैं मसलन- बलरामपुर, इनरवा, मुसहरवा, सिरिसिया, कुतुबगंज, आमबाड़ी, सोनापुर आदि। इंटेलिजेंस इनपुट ही सूचना का एकमात्र जरिया है।

इस तरीकों से आप ऑफिस में भी रह सकते हैं स्वस्थ

बिल्लियां डालती हैं आपके जीवन पर असर

कविता: मैं भ्रूण हत्यारण हूँ, पैर भी नहीं है, माथा भी नहीं है!

चेकिंग के नाम पर सिर्फ झोले देखते हैं जवान

किशनगंज का गलगलिया, बिहार-नेपाल सीमा का अंतिम छोर है। घोषित ट्रांजिट रूट भी। उत्तर-पूर्व दार्जिलिंग जिला और उत्तर में नेपाल का भद्रपुर बाजार। मेची नदी सिमाना है। नदी का चचरी पुल आवाजाही का रास्ता है। पुल के मुहाने पर ही बाॅर्डर पिलर 101 है। एसएसबी की 41वीं बटालियन का भातगांव बॉर्डर आउटपोस्ट की निगरानी में यह इलाका है। चेकिंग के नाम पर जवान बस झोले देखते हैं, कार-बाइक की डिक्की चेक करते हैं। रोजमर्रा की जरूरतों के लिए गलगलिया ही भद्रपुर के लोगों का बाजार है। इस इलाके में कपड़े और सुपाड़ी की तस्करी आम है। तमाम चौकसी के बावजूद नदी के रास्ते गांठ पार हो जाती है।

मानव तस्करी का नया रूट, इस साल ही 23 मामले

खुटौना प्रखंड की पंचायत लौकहा भारत-नेपाल सीमा से बिल्कुल सटी हुई है। अधिकृत रास्ते से यहां भारत से सेब, अंगूर और धान जाता है। थोड़ी ही दूरी पर बलान नदी है। अभी सूखी हुई है। यह नेपाल और भारत के बीच मानव तस्करी का नया रूट है। हफ्ते भर पहले नेपाल से भारत लाई गई छह लड़कियों को एसएसबी ने नदी क्षेत्र में पकड़ा है। लौकहा से छह महीने पहले दिल्ली के लिए बस सेवा शुरू होने के बाद यहां तस्करी बढ़ी है। इन दिनों नेपाल से ज्यादा मानव तस्करी बॉर्डर इलाके के भारतीय गांवों से देश के ही अन्य शहरों की ओर हो रही है। इसे रोकने के लिए एसएसबी ने सोनबरसा, पूर्वी चम्पारण, सीतामढ़ी, मधुबनी और जोगबनी में जागृति बस की शुरुआत की है। मकसद, लोगों को जागरूक करना है। 2018 में यहां ह्यूमन ट्रैफिकिंग के 23 मामले सामने आए हैं।

पैकेज: देश के 4 शहरों में आज अग्नि का कहर, 35 से ज्यादा घायल

Women’s Asia Cup: PAK को 7 विकेटों से हराते हुए भारत फाइनल में

मुचलके पर छूट जाते हैं पशु तस्कर

गलगलिया से सुखानी तक पता नहीं चलता हम नेपाल में हैं या भारत में। पूरे बॉर्डर पर कई लोग दोनों देश के नागरिक हैं। मवेशियों की तस्करी आम है। जवानों को गोरू पर गोली चलाने की मनाही है। बच्चे मवेशी को बॉर्डर पार कराते हैं। पकड़े जाने पर बस मुचलके पर छूट जाते हैं। लाई लोखर मवेशियों की स्मगलिंग के लिए बदनाम है। यहां जवानों और गांव वालों के बीच कई झड़प हो चुकी है। एक बार तो गांव वालों ने जवानों को ढकेलते हुए नेपाल पहुंचा दिया। जवान जान छुड़ाकर भागे। हथियार समेत बॉर्डर पार करने पर मनाही ही नहीं सख्त सजा भी है।

एसएसबी के आने से सुरक्षित हैं हम

नेपाल वाले कुतुबगंज की बिजली से भारत के कुतुबपुर में बत्ती जलती है। आगे सोनापुर है। आधे किलोमीटर में आबादी बसी है। नेयाज अहमद कहते हैं एसएसबी के आने से सुकून है। चोरी रुकी है। बेटी-बहन सुरक्षित है। वैसे, कितना भी कर लीजिए तीन-पांच करने वाले तो हैं ही। सिकटी में मुखिया वजुद्दीन ने पूछने पर कहा कि नेपाल से लोग सुपाड़ी लाते हैं ... ज्यादा नहीं किलो-दो किलो। सुपौल जिले के वीरपुर का बॉर्डर इलाका अपेक्षाकृत शांत है। शांत इसलिए कि बॉर्डर कोसी नदी के क्षेत्र में है। यहां भी मवेशियों की और शराब तस्करी आम है।

Similar News