गोरखपुर। अपने ही सरकार में मुख्यमंत्री के जिले में बीजेपी के विधायक डॉ राधा मोहन दास अग्रवाल ने अपने ही जिले के अधिकारियों के भ्रष्टाचार की पोल खोल दी है, और गोरखपुर से लेकर लखनऊ तक इसकी जांच को लेकर आवाज बुलंद कर दी है। आइये आपको दिखाते है, भ्रष्टाचार पर मैं हु न कहने वाले विधायक ने अपने ही सरकार में किस तरह का भ्रष्टाचार उजागर किया है।
अपने ही सरकार के कई बड़े कामों की विधायक ने खोली पोल
गोरखपुर के नगर विधायक डॉ राधा मोहन दास अग्रवाल जो कि अपने ही सरकार में विधायक है, लेकिन इन्होंने अपने ही सरकार में कई बड़े कामों पर सवाल खड़े कर उसकी पोल खोल दी है, न केवल उसका भ्रष्टाचार उजागर किया बल्कि लखनऊ से लेकर गोरखपुर तक आवाज बुलंद कर इसकी जांच भी करवा डाली।
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आइये आपको बताते है, कि ये पूरा मामला है, क्या- देवरिया रोड पर बन रहे नाले से 1 किमी दूरी पर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट था और सिर्फ 3 करोड़ मे नाला बन जाता लेकिन 16 करोड का 6"किमी नाला स्वीकृत किया और नन्दानगर से लेकर मालवीयनगर में सीवर लाईन डालने के नाम पर सारी सडके तोड डाली और दो साल से नारकीय नरक भोग रहे हैं।
1 किमी लम्बे पाईप का दो-तिहाई हिस्से पूरी तरह से फटे मिले
इस पर विधायक ने आरोप लगाया, और कहा, कि इन्होंने जमीन के भीतर फटी अधोमानक पाईप लाईन डाली और हमने पकड़ लिया। पाईप खुदवाकर निकलवाई तो 1 किमी लम्बे पाईप का दो-तिहाई हिस्से पूरी तरह से फटे मिले, लखनऊ से टीएसी जांच आई तो फटी पाईप ले जाने की जगह अच्छी पाईप जांच के लिए लेकर गये, दुबारा वापस बुलाया मजबूरी में फटी पाईप लेकर जाना पड़ा और पाईप अधोमानक ।
विधायक ने कहा, कि मित्रों में शहर का विधायक हूं 4.5 लाख नागरिकों के बीच में उपलब्ध नागरिकों की समस्या का समाधान करना मेरा कर्तव्य है, सपा की सरकार थी तब भी किया बसपा की सरकार थी तब भी किया और अब तो मेरी सरकार है मेरा दायित्व बड़ा है जल निगम के अधिकारियों ने पिछले 2 साल से गोरखपुर के नागरिकों का जीवन नरकीय कर दिया।
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विधायक ने जेसीबी लगवाकर पाइप निकलवाई
नारकीय जलापूर्ति के नाम पर योजना लेकर के आए, लेकिन इन अधिकारियों ने जमीन के अंदर फटी हुई पाइप डाल दी जब पानी चलाई गई, तो पूरा पानी सड़को पर आ गया, नागरिकों ने मुझे बुलाया मैंने जाकर जांच की उन अधिकारियों के सामने मैंने कहा कि जेसीबी लगवाकर पाइप निकलवाओ जल निगम के अधिशासी अभियंता सहायक अभियंता सबके सामने जेसीबी लगावर पाइप निकाली गई।
तो पाइप फटा हुआ दिखा था, फ़टी हुई पाइप डाल दी गई, फिर मैंने फटी हुई पाइप पर अधिशासी अभियंता अवर अभियंता सहायक अभियंता के हस्ताक्षर उस पर लिए मैने भी साइन किया, फिर मैंने ऊपर फोन किया लखनऊ, एमडी को और कहा इसकी जांच करवाइए वहां से टीएसी की जांच आई, मेरी फटी हुई पाइप मेरे पास पड़ी है।
और वह अच्छी पाइप को लेकर चले गए अब आप सोचिए, रिपोर्ट दे दिया कि पाइप फ़टी नहीं थी सब कुछ सही है फिर मैंने उनको दोबारा फोन किया मैंने कहा जो पाइप मैंने रखी है अब उसकी जांच कर आओगे या मैं उसको विधानसभा में ले जाऊं, एक विधायक को और कैसे कहना पड़ेगा, फिर वह दोबारा आये इसी जगह बैठकर वह पाइप लेकर गए, और रिपोर्ट आ गई कि पाइप खराब है अधोमानक है।
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अधिकारी ने फ़टी पाइप डाली
आप सोचिए जब नीचे फटा पाइप डाला जाएगा तो सारी मिट्टी उसमें जाएगी और नागरिक गुर्जर तिलचट्टे मिट्टी सांप घर में जाएगा मैंने विभाग से कहा आप कार्रवाई करो, क्योकि जिस अधिकारी ने फ़टी पाइप डाली उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो मैं इसे विधान सभा मे ले जाऊंगा ।
इस तरह के कई आरोप बीजेपी के विधायक ने लगाए, और उसको लेकर टीम बुलाकर जांच की बात कही है, साथ ही सरकार में भ्रष्ट अधिकारियों और भ्रष्टाचार के लेकर आवाज मुखर करने वाले विधायक ने साफ कह दिया, कि इन भ्रष्टाचारियो के खिलाफ मैं हु न ।