UP में खुली संकेतों की डिक्शनरी, नेतानगरी जानती है किसे निशाने पर लिया जा रहा
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में आजकल संकेतों की डिक्शनरी खुली हुई है। बुआ, बबुआ, चाचा, भतीजा, खड़ा हाथी, बैठा हाथी, पत्थर, फूल, बादशाह....तरह-तरह से इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। बुआ कभी बबुआ को कोसती हैं, तो बबुआ कभी बुआ का मजाक उड़ाता है। बात तो संकेतों में की जाती है लेकिन जनता सब जानती और समझती है।
नेतानगरी भी जानती है कि किसे निशाने पर लिया जा रहा है लेकिन नाम नहीं लिया जाता। शायद इसलिए कि नाम लेने पर कोई आपत्ति न दर्ज करा दे या अदालत तक पहुंचा दे। बचने के लिए कहा जा सकता है कि हम आपके लिए नहीं किसी और के लिए कह रहे थे।
बहरहाल, विधानसभा चुनाव जैसे जैसे नजदीक आएंगे वैसे वेसे ऐसे संकेतों की बाढ आएगी । हो सकता है कि आने वाले दिनों में पप्पू या फेंकू जैसे नाम जो प्रचलन में हैं वो भी मंच वालों की जुबान पर आ जाए ।
सोशल मीडिया ने ऐसे संकेतों को खासी जगह मिलती है और ये चटकारे लेकर बोले जाते हैं।