क्या... मोदी की एक दहाड़ से दरक गया ममता का अभेद्य किला

Update:2019-02-02 15:22 IST

रामकृष्ण वाजपेयी

प.बंगाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सफल रैली ने यह बात साफ कर दी है कि भाजपा की दस्तक से ममता बनर्जी की नींद क्यों उड़ी हुई है। क्यों उन्होंने 22 दलों के नेताओं को मंच पर लाकर खुद को ताकत के रूप में साबित करने की कोशिश की थी।

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बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उपर लगातार एक खास समुदाय के तुष्टीकरण के आरोप लगते रहे हैं। अब भाजपा और संघ के बंगाल में बढ़ते कदमों को देख एक बार फिर से ममता बनर्जी उसी राह पर तेजी से आगे बढ़ रही हैं। ममता बनर्जी अपने एजेंडे पर आगे बढ़ें उस पर काम करें लेकिन जनता को कठघरे में कैद नहीं किया जा सकता। जनता को जहां जाना है जाएगी।

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ममता तुष्टीकरण की राजनीति में लगी हुई हैं। जो कि धीरे-धीरे बंगाल की राजनीति में ध्रुवीकरण को बढावा दे रही है। ममता को गलतफहमी है कि ध्रुवीकरण का फायदा उन्हें होगा, क्योंकि उनकी विरोधी बीजेपी तुष्टीकरण के विरोध में ध्रुवीकरण कर अपनी सियासी जमीन मजबूत करने में लगी है। जबकि मोदी की राजनीति सबका साथ सबका विकास की है। यह बात कमोबेश जनता की समझ में आने लगा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने भी बजट में सबका साथ सबका विकास के एजेंडे को आज बंगाल की सभा में खोलकर रख दिया। नौकरी पेशा मजदूर क्लास, किसान किसी भी वर्ग को उन्होंने अछूता नहीं छोड़ा। बंगाल जैसे गरीब प्रदेश की जनता इसे बेहतर समझ सकती है। खुद ममता बनर्जी ने रेल मंत्री बनने पर 500 रुपय़े महीने तक आमदनी वालों के लिए फ्री पास की सुविधा दी थी। जो लोग किसानों के खाते में सीधे धन डालने के मोदी के प्रयासों पर सवाल उठा रहे हैं उन्हें यह सोचना चाहिए कि उनकी सरकार थी तब उन्होंने गरीबों या नौकरी पेशा के लिए क्या किया। मोदी ने अच्छे दिन दिखाए हैं तो उसकी दहलीज तक भी ले गए हैं।

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इस वक्त बंगाल में बीजेपी ही मुख्य विपक्षी दल की भूमिका में आ गई है। बीजेपी टीएमसी के खिलाफ खुद को तेजी से बड़े विकल्प के तौर पर पेश कर रही है। वैसे भी बंगाल में कांग्रेस और वामपंथ अपनी जमीन खो चुके हैं। ममता भी वामपंथ की बी टीम की तरह खेल रही हैं। इस चुनाव में उनका सफाया होना भी तय है।

इसी नाते बंगाल की राजनीति में भाजपा और संघ की गतिविधियों का बढ़ना बंगाल की मुख्यमंत्री को रास नहीं आ रहा है। ममता को लग रहा है कि संघ और बीजेपी जितनी मजबूत होगी उनकी सियासी जमीन उतनी ही तेजी से खिसक जाएगी। और यह सच भी है।

लेकिन ममता बनर्जी लगातार गलती करती जा रही हैं। जिस तरह से बंगाल में कई जगहों पर हिंसा की खबरें आ रही हैं। उससे उनकी सरकार पर कठघरे में खड़ी होती जा रही है। जबकि भाजपा की जमीन कमजोर होने के बजाए और मजबूत हो रही है।

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