Vibrating Belt: हड्डियों का कमजोर होकर टूटने का अब नहीं रहेगा खतरा, समाधान बनकर आई वाइब्रेटिंग बेल्ट

Vibrating Belt: वाइब्रेटिंग बेल्ट मेडिकल डिवाइज की खूबियों की बात करें तो इस बेल्ट को कैलिफॉर्निया स्थित बोन हेल्थ टेक्नोलॉजीज नामक स्टार्टअप ने नासा की मदद से तैयार किया है।

Report :  Jyotsna Singh
Update:2024-01-24 21:20 IST

Vibrating Belt: बढ़ती उम्र के साथ हड्डियों का कमजोर होना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। लेकिन अगर अपने खानपान और दिनचर्या पर ध्यान दिया जाए तो इस समस्या को उम्र बढ़ने के बावजूद भी दूर रखा जा सकता है वहीं कुछ लोगों में हड्डियों के खोखले होने की समस्या एक बीमारी ओस्टेपीनिया के तौर पर जैनिटिकली भी ट्रांसफर होती है। लेकिन अब इस तरह की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए खुशी की खबर है। अब उन्हें इस बीमारी से छुटकारा दवाइयों के हैवी डोज लिए बिना ही मिलने वाला है। हाल ही में मिली जानकारियों के आधार पर कमजोर हड्डियों के इलाज के लिए वाइब्रेटिंग बेल्ट को कई टेस्टिंग के बाद तैयार किया गया है। अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने ओस्टियोबूस्ट नाम से तैयार की गई वाइब्रेटिंग बेल्ट मेडिकल डिवाइस को अपनी मंजूरी भी दे दी है। आइए जानते हैं इस विषय पर विस्तार से-

किसके लिए है वाइब्रेटिंग बेल्ट

वाइब्रेटिंग बेल्ट मेडिकल डिवाइज की खूबियों की बात करें तो इस बेल्ट को कैलिफॉर्निया स्थित बोन हेल्थ टेक्नोलॉजीज नामक स्टार्टअप ने नासा की मदद से तैयार किया है। खासतौर से ओस्टेपीनिया के मरीजों की बोन डेन्सिटी में सुधार करने के लिए निर्मित की गई है। शोध के दौरान ऐसा पाया गया है कि उम्र के 50वें पायदान पर कदम रखने के साथ ही यह समस्या बढ़ना शुरू हो जाती है। खासतौर से पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में यह बीमारी आम तौर पर देखी जाती है।

वाइब्रेटिंग बेल्ट मेडिकल डिवाइज को पहनने का यह है तरीका

वाइब्रेटिंग बेल्ट मेडिकल डिवाइज को पहनने का भी अपना एक खास तरीका है। ये वाइबरेटिंग बेल्ट अपने नाम के ही अनुसार व्यक्ति को इसे पहनने के बाद शरीर में हल्का कंपन महसूस होता है। इस बेल्ट को नियम अनुसार अपनी कमर में बांधकर आधे घण्टे के लिए रखना होगा। इसे सप्ताह में 5 दिन तक लगातार करना होगा।

वाइब्रेटिंग बेल्ट मेडिकल डिवाइज से मिल रहे सकारात्मक परिणाम

वाइब्रेटिंग बेल्ट द्वारा बोन डेंसिटी की बीमारी से जूझ रहे मरीजों के ऊपर किए गए ट्रायल के दौरान यह जानकारी निकल कर सामने आई कि मरीजों के इलाज में इस बेल्ट को शामिल करने के बाद समय के साथ बोन डेन्सिटी की समस्या में तेज़ी से सुधार होता देखा गया। इस पर किए गए परीक्षण के दौरान बोन डेंसिटी की समस्या से जूझ रहीं बेल्ट पहनने वाली महिला मरीजों की बोन डेन्सिटी में महज 0.5 प्रतिशत की कमी आई।जिन महिला मरीजों ने यह बेल्ट नहीं पहना, उनकी बोन डेन्सिटी 12 महीनों में 3.4 प्रतिशत कम हो गई। इस तरह की बीमारी में हड्डियों के कमजोर होने के कारण उनके टूटने का खतरा अधिक रहता है।

इसका ब्लूप्रिंट नासा ने किया है तैयार

कमजोर हड्डियों की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए तैयार की गई ओस्टियोबूस्ट बेल्ट का ब्लूप्रिंट नासा द्वारा तैयार किया गया है। इसकी खोज खासतौर से अंतरिक्ष जाने वाले यात्रियों की हड्डियों को कमजोर होने से बचाने के लिए की जा रही शोध के तहत किया गया है। इस बेल्ट को इस तरह की खास तकनीक से लैस कर डिजाइन किया गया है, जिससे यह बोन डेन्सिटी को उस स्तर तक नहीं पहुंचने देता, जहां हड्डियां बेहद कमजोर होना शुरू हो जाती हैं। यह बेल्ट इस बीमारी के इलाज के लिए मंजूरी पाने वाला ऐसा पहला डिवाइस के तौर पर अभी तक चिकित्सा के क्षेत्र में सामने आया है।

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