बाप की कई फैक्टरियां, करोड़ों की जायदाद, फिर भी भीख मांग रही बेटी..
जीन्स-टॉप पहने, बाल खोले, एक हाथ में कटोरा और दूसरे हाथ में दिलबाग पान मसालों के पैकेट। नजारा कही और का नहीं बल्कि कानपुर के साईं धाम मंदिर के बाहर का है। जहां 18 वर्षीय युवती भीख मानती नजर आ रही है. हैरात की बात ये है कि वो खुद को दिलबाग पा
कानपुर- जीन्स-टॉप पहने, बाल खोले, एक हाथ में कटोरा और दूसरे हाथ में दिलबाग पान मसालों के पैकेट। नजारा कही और का नहीं बल्कि कानपुर के साईं धाम मंदिर के बाहर का है। जहां 18 वर्षीय युवती भीख मानती नजर आ रही है. हैरात की बात ये है कि वो खुद को दिलबाग पान मसाला के मालिक की पोती बता रही है। इसके बावजूद आखिर ऐसा क्या हो गया जो खुद मसाले बेचने को मजबूर है ?
ये भी पढ़ें ... लखनऊ में वीडियो जर्नलिस्ट और उसके दोस्त पर चाकू से जानलेवा हमला
क्या है पूरा मामला?
- कानपुर के साकेत नगर की रहने वाली रितु की शादी दिलबाग अरोड़ा के बेटे अरुण अरोड़ा से हुई थी।
- शादी के बाद उनको एक बेटी हुई जिसका नाम काजल अरोड़ा है।
- रितु के मुताबिक़ उसके पति अरुण ने शादी के दो साल बाद ही उससे तलाक कर लिया था।
- रितु से तलाक के बाद उसने 3 बार और शादी की। और सबसे तलाक भी हो गया।
- मगर बाकी 3 पत्नियों में से किसी को बच्चा नहीं हुआ। अब वो पांचवी शादी की तैयारी कर रहे हैं।
काजल एक लौती वारिस, हक के लिए मांग रही भीख
-काजल ने बताया कि उसके पिता अरुण अरोड़ा के की कोई इज्जत नहीं है।
- उन्होंने मां (रितु अरोड़ा ) से तलाक के बाद तीन और शादियां की मगर वो भी नहीं टिक सकी।
- काजल ने बताया कि उसका बचपन बेहद मुसीबतों में बीता है। जैसे तैसे उसकी मां ने मजदूरी और सिलाई कर के उसको पाला पोसा है।
- मगर अब उसको अपना हक़ चाहिए।
पापा को हमसे अब कोई मतलब नहीं
- काजल ने बताया कि जब भी वो अपने पापा के पास अपने भविष्य की बात करने जाती है, अपना हक़ मांगने जाती है। तो उसके पापा का एक ही जवाब होता है- मुझे को मतलब नहीं।
- काजल के सवाल पर कि मेरी आगे की पढ़ाई कैसे होगी, अरुण अरोड़ा का सीधा जवाब आता है कि तुम्हारा कोई हक़ नहीं है। मई कुछ नहीं करूंगा तुम्हारे लिए।
जारी है हक की जंग
- काजल का कहना है कि अब वो उन सभी स्थानों पर हक की भीख मांगेंगी जहा पर इनकी (पिता अरुण अरोड़ा) फैक्ट्रियां है और कोठिया है l
हक़ लेकर रहूंगी
- काजल ने बताया कि मुझे अपना हक़ ऐसे तो मिलेगा नही। मेरी माँ सीधी थी, लकिन मैं अपना हक़ लेकर रहूंगी l जब एनडी तिवारी के नाजायज बेटे को उसका हक़ मिल गया तो मै तो अरुण अरोड़ा की जायज औलाद हूँ l