संकट मोचन मंदिर में अफगानिस्तान के गायक गुलफाम अहमद करेंगे गायन, यहीं गुलाम अली का हुआ था विरोध
वाराणसी: विश्व प्रसिद्ध छह दिवसीय 'संकट मोचन संगीत समारोह' का आगाज 15 अप्रैल को होने जा रहा है, जो 20 अप्रैल तक चलेगा। इस संगीत समारोह में देश-विदेश के तमाम कलाकार प्रस्तुति देंगे।
संकटमोचन मंदिर के महंत प्रो विश्वम्भरनाथ मिश्र ने बताया, कि इस साल पहली बार अफगानिस्तान के रबाब गायक गुलफाम अहमद खान अपनी प्रस्तुति देंगे। वहीं, अमेरिकी सेक्सोफोन वादक जार्ज बुक भी अपनी उपस्तिथि दर्ज कराएंगे। इसके अलावा करीब दो दशक बाद गायिका चित्रा सिंह भी मंच पर नजर आएंगी। अजमेर के मोईनुद्दीन चिस्ती दरगाह से सूफी गायक उस्ताद हमजा हयात निजामी भी अपनी सूफियाना गायकी से समां बांधेंगे। इसके अलावा बड़े गायको में अनूप जलोटा सहित कई अन्य कलाकार भी अपनी प्रस्तुति देंगे।
गुलाम अली का हुआ था विरोध
गौरतलब है कि पिछले साल पाकिस्तानी गायक गुलाम अली ने यहां हाजिरी लगाई थी। कार्यक्रम से पहले गुलाम अली का जमकर विरोध हुआ था। उम्मीद है कि इस बार भी अफगानी गायक के संकट मोचन दरबार में आने का विरोध हो सकता है।
ये है कार्यक्रम:
संकट मोचन हनुमान का जयंती महोत्सव चैत्र पूर्णिमा 11 अप्रैल को है। 12 से 14 अप्रैल तक रामचरित मानस का पथ और 15 से 20 अप्रैल तक छह दिवसीय विश्वविख्यात संगीत समारोह आयोजित होगा। जिसमें देश-विदेश के ख्यातिप्राप्त संगीत साधक यहां उपस्थिति देंगे। विश्वम्भरनाथ मिश्र ने बताया कि संगीत महोत्सव के दौरान इस बार ख्यातिप्राप्त कलाकारों के अलावा स्थानीय कलाकार भी मंच पर उपस्थिति देंगे।
आगे की स्लाइड्स में पढ़ें पूरे कार्यक्रम की रूपरेखा ...
-15 अप्रैल को होने वाली पहली प्रस्तुति हैदराबाद की डॉ. पद्मजा रेड्डी का कुचीपुड़ी नृत्य, पं. विश्वनाथ (दिल्ली) चित्रा सिंह (मुंबई) का गायन, अहमद हुसैन-मोहम्मद हुसैन (जयपुर) का गायन, उस्ताद निशात खां (कोलकाता) का सितार वादन, जयतीर्थ मेउंडी (धारवाड़) गायन, सुभाष कांति दास तबला और पं. संतोष मिश्र सारंगी की युगलबंदी, गुलफाम अहमद खां (अफगानिस्तान) का रबाब (गायन), होगा। पं. देवाशीष डे व शुभंकर डे का गायन, तबले पर पं. किशोर मिश्र।
-16 अप्रैल को रागिनी महाराज व सिंहनी कुलकर्णी का कथक नृत्य होगा। तबले पर अनुब्रत चटर्जी, पं. रवींद्र नारायण गोस्वामी का सितार वादन, अंजली पोहनकर का गायन, अमेरिका के जार्ज बुक सेक्सोफोन- दीपक पंडित वायलिन- उस्ताद साबिर खां तबला की युगलबंदी् पं. अजय पोहनकर (मुंबई) का गायन होगा। इनके साथ अभिजीत पोहनकर विद्युत वीणा व अन्य सहयोगी। पं. देवज्योति बोस सरोद- पं. कुमार बोस तबला- पं. भवानी शंकर पखावज की युगलबंदी, पं. संजू सहाय का तबला वादन।
-17 अप्रैल को जयपुर के उस्ताद हमजा हयात निजामी का सूफी गायन गीता चंद्रन का भरतनाट्यम, श्रेयांस मिश्र का गायन, डा. येल्ला वेंकटेश्वर राव मृदंगम- पं. कुमार बोस तबला- पंकज मिश्र सारंगी की युगलबंदी, उस्ताद राशिद खां (कोलकाता) का गायन, नीरज अमरनाथ मिश्र का सितारवादन, समीहन कसालकर का गायन।
-18 अप्रैल को बाल मुरली कृष्णा (हैदराबाद) गायन, पं. शिव कुमार शर्मा का संतूर वादन, डा. सोनल मान सिंह का ओडिसी नृत्य, पं. सुरेश तलवरकर (पुणे) का सोलो तबला, एस आकाश बांसुरी- सुश्री पद्मा शंकर वायलिन- निक्षित टी पुत्तूर मृदंगम- ललित कुमार तबला की युगलबंदी, पं. हरिहरन का गायन, पं. उल्हास कसालकर का गायन।
-19 अप्रैल को अनुरेखा घोष का कथक अभय रुस्तम सोपोरी संतूर- पं. शुभ महाराज तबला- श्रृंषि शंकर उपाध्याय पखावज की युगलबंदी, पं. अजय चक्रवर्ती का गायन, पं. तरुण भट्टाचार्य संतूर- पं. प्रवीण गोडखिंडी बांसुरी- पं. संजू सहाय तबला की युगलबंदी, कंकना बैनर्जी का गायन, पं. गौरव मजूमदार का सितार वादन, पं. अनिंदो चटर्जी व अनुब्रत चटर्जी का तबला वादन।
-20 अप्रैल को अंतिम दिन रतिकांत महापात्र व सुजाता महापात्र का ओडिसी, मीता पंडित का गायन, पं. अनूप जलोटा का गायन, पं. निलाद्री कुमार का सितार वादन, प्रो. येल्ला वेंकटेश्वर राव का मृदंगम् व पं. राजन-साजन मिश्र का गायन।